शनिवार, जून 7, 2025
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विमला देवी शक्ति पीठ (Vimala Devi Shakti Peeth) का इतिहास, वास्तुकला और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां

विमला देवी शक्ति पीठ (Vimala Devi Shakti Peeth) को 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को लोग श्री विम्लाम्बा शक्ति पीठ मंदिर के नाम से भी जानते हैं। हिंदू धार्मिक ग्रंथो में इस मंदिर का स्पष्ट विवरण दिया गया है, जिसके अनुसार यहां पर देवी सती की नाभि का निपात हुआ था। मंदिर में देवी को विमला देवी तथा भैरव को जगन्नाथ के रूप में जाना जाता है, जिन्हें भगवान शिव का स्वरूप भी माना जाता है। भारत में मौजूद देवी सती के विभिन्न शक्ति पीठों के बारे में अनेक को रहस्य बताए जाते हैं, लेकिन क्या आप विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर के रहस्यों के बारे में जानते हैं, अगर नहीं तो आप आर्टिकल में आगे मंदिर से जुड़े विभिन्न रहस्यों को पढेंगे, साथ ही मंदिर का इतिहास और वास्तुकला के बारे में भी विस्तार से जानेंगे

Table of Contents

विमला देवी शक्ति पीठ का इतिहास | Vimala Devi Shakti Peeth Mandir History in Hindi

ऐतिहासिक तत्वों के अनुसार विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) का निर्माण छठी शताब्दी में हुआ था तथा मंदिर का निर्माण ययाति केशरी ने करवाया था। प्राचीन काल में ययाति केशरी को सोमवंशी राजवंश का शासक माना जाता था।

मंदिर के शिलालेख द्वारा पता चलता है कि मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर की वास्तुकला से पता चलता है कि इस मंदिर का निर्माण गंगा राजवंश शाशन काल किया गया था। इतिहासकारों को मानना है कि सबसे पहले मंदिर छठी शताब्दी में बना था, इसके बाद मंदिर को नष्ट कर दिया गया था और फिर बाद में मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया गया। सन 2005 में मंदिर का नवीनीकरण कराया गया, परिणामस्वरूप आज मंदिर का वर्तमान रूप देखा जा सकता है।

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विमला देवी शक्ति पीठ की संरचना | Vimala Devi Shakti Peeth Architecture

विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) का निर्माण देउला शैली के रूप में किया गया है। विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर की स्थापना जगन्नाथ मंदिर के दक्षिण पश्चिम के कोने में की गई है। मंदिर की दीवारों का निर्माण बलुआ पत्थर तथा लेटराइट से की गई है, जोकी देखने में काफी आकर्षित लगता है। मंदिर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा की तरफ बनाया गया है।

मंदिर को अंदर से चार कक्षा में विभाजित किया गया है जिसमें सभा कक्ष, उत्सव कक्ष, गर्भ ग्रह और भोग प्रसाद गृह सम्मिलित है। मंदिर में स्थापित मुख्य देवता की मूर्ति क्लोराइट पत्थर से निर्मित की गई है। मंदिर में मुख्य देवी की मूर्ति स्थापित की गई है। देवी की मूर्ति के साथ उनकी चारभुजाए देखी जा सकती है जिनमें से पहली भुजा में अक्षरमाला दूसरी भुजा में शेषनाग तीसरी भुजा में कलश और चौथी भुजा में देवी को आशीर्वाद देते हुए दिखाया गया है।

विमला देवी शक्ति पीठ की जानकारियां

मंदिर का नामविमला देवी शक्ति पीठ (vimala devi shakti peeth)
मंदिर के प्रमुख देवतादेवी विमला
मंदिर कि जगहउड़ीसा, भारत
मंदिर की भाषाउड़िया, हिंदी, अंग्रेजी
मंदिर की प्रमुखतादैविक घटना के मध्यनजर यहाँ पर माता सती की नाभि गिरी थी
मंदिर के त्यौहारवसंत पंचमी, शिवरात्रि, राम नवमी
मंदिर की वास्तुकलाकलिंग वास्तुकला
मंदिर खुलने का समयप्रातः काल 5 बजे

विमला देवी शक्ति पीठ का रहस्य | Vimala Devi Shakti Peeth Facts in HIndi

विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) देवी विमला को समर्पित है, यह शक्ति पीठ भारत में मौजूद शक्ति पीठ में से एक है जो की उड़ीसा के पुरी क्षेत्र में स्थित है। अगर आप एक आस्तिक व्यक्ति हैं और हिंदू धर्म में प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानना और सुनना पसंद करते हैं तब आपको विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर के रहस्य के बारे में भी जरूर जाना चाहिए। मंदिर के बारे में यहां पर बताए गए रहस्यों को आप आगे पढ़ सकते हैं।

  • प्राचीन दैविक घटना के अनुसार माता सती की नाभि गिरने के कारण उसी जगह पर विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) की स्थापना की गई।
  • एक मान्यता के अनुसार प्राचीन समय में गुरु शंकराचार्य जी ने विमला देवी की मूर्ति स्थापित करके यहां तपस्या आरंभ की थी।
  • विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) में दुर्गा पूजा का अत्यंत महत्व है, इस दिन भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तगण मंदिर में देवी के दर्शन के लिए आते हैं एक रिपोर्ट के अनुसार दुर्गा पूजा के अवसर पर मंदिर में 8 से 10 लाख लोगों की भीड़ होती है।
  • एक पुरानी कहावत के अनुसार विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) में ब्रह्मा विष्णु महेश की पूजा आराधना होती थी।
  • मंदिर के पुजारी का कहना है कि कुछ विशेष अनुष्ठानों को देवी को मांस और शराब चढ़ाया जाता है।
  • मंदिर में स्थित प्रमुख देवी को देवी विमला और प्रमुख देवता को शिव शंकर के नाम से जाने जाते है।
  • एक मान्यता के अनुसार विमला शक्ति पीठ मंदिर में स्थित देवी को लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है।
  • मंदिर में अनुष्ठानों की प्रमुखता के अनुसार दुर्गा पूजा के पर्व को लगभग 16 दिनों तक मनाया जाता है।
  • मंदिर में स्थित पुजारियों का कहना है कि जगन्नाथ मंदिर में भोग लगाए गए प्रसाद को देवी के मंदिर में भी चढ़ाया जाता है।
  • विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) में मुख्य देवी को साल में एक बार मछली तथा बकरे का भोग लगाया जाता है।

विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर में प्रसाद वितरण

वर्ष में एकबार देवी के लिए अलग भोज्य सामग्री पकाई जाती है, इसी दौरान विमला देवी को मांसाहारी प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। दुर्गा पूजा के समय, देवी विमला को मांसाहारी भोजन में पशु की बलि दी जाती है। जो पारंपरिक रूप से काफी लंबे समय से चली आ रही है। त्योहार के दौरान देवी विनाशकारी रूप धारण करती हैं, यही वजह है कि उन्हें खुश करने के लिए मांस चढ़ाया जाता है। भोग से पहले गोपनीयता स्थान पर, मंदिर में बकरे की बलि दी जाती है।

इसके साथ पवित्र मार्कंडा मंदिर के टैंक से प्राप्त मछली पकाई जाती है जो तांत्रिक अनुष्ठानों के अनुसार, विमला देवी को भोग लगाई जाती है। शाकाहारी जगन्नाथ के मुख्य गर्भगृह के दरवाजे भोर में खोलना और भगवान को पहली सुबह की आरती करने से पहले अनुष्ठान पूरा करना जरूरी माना जाता है। एक मान्यता के अनुसार विमला देवी को पशुबलि और मांसाहारी प्रसाद देने से स्थानीय लोग विरोध करते थे, इसलिए उनभक्तों को मंदिर से वंचित कर दिया गया था।

विमला देवी शक्ति पीठ में होने वाली पूजा

अक्टूबर महीने में दुर्गा पूजा का त्योहार सोलह दिनों तक मनाया जाता है, जोकि समापन विजयादशमी के दिन तक चलता है । विजयदशमी के दिन, गजपति राजा द्वारा देवी दुर्गा के रूप में विमला की पूजा की जाती है, माना जाता है कि इस दिन देवी सती ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। राजा नरसिम्हदेव प्रथम के दसवें दिन , यानी विजयादशमी पर विमला-जगन्नाथ की पूजा करते थे, यही वजह है की आज भी इस त्यौहार का अंत विजयादशमी के दिन होता है।

एक मान्यता के अनुसार देवी, दुर्गा पूजा के दौरान विनाशकारी स्वरूप धारण कर लेती हैं, इसलिए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया जाता है, क्योंकि महिलाएं कमजोर दिल की होती हैं, और इस दिन कोई अनहोनी घटना ना हो इसलिए महिला को मंदिर में प्रवेश के लिए मनाही होती है।

विमला देवी शक्ति पीठ में क्या कर सकते हैं

शायद आपको पता होगा, विमला मंदिर जगन्नाथ मंदिर परिसर के अंदर स्थित है, इसलिए पर्यटक परिसर में सभी अन्य देवताओं के दर्शन कर सकते हैं। विमला मंदिर के अलावा, परिसर में प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, गणेश मंदिर, सूर्य नारायण मंदिर, नरसिम्हा मंदिर, सत्य नारायण मंदिर, भुवनेश्वरी मंदिर और अन्य मंदिर हैं।

इसके अलावा परिसर के पास आनंद बाज़ार मौजूद हैं। यह एक खुला क्षेत्र है, जहां महाप्रसाद बेचा जाता है। महाप्रसाद में 56 प्रकार के व्यंजन शामिल होते हैं, जो हर दिन भगवान जगन्नाथ को चढ़ाए जाते हैं। सभी खाद्य पदार्थ स्वादिष्ट लगते हैं। आगंतुक मंदिर में खाने के लिए महाप्रसाद खरीद सकते हैं या बाहर खाने का विकल्प चुन सकते हैं। मंदिर प्रवेश द्वार के बाहर एक सुंदर बगीचा है जहाँ पर्यटक आराम कर सकते हैं। मंदिर के बाहर एक अन्य बाज़ार भी है, जहाँ विक्रेता खाद्य सामग्री, पूजा सामग्री, खिलौने, चूड़ियाँ, आकर्षक हस्तनिर्मित उत्पाद, पेंटिंग आदि बेचते हैं। इसी वजह से आप अपनी मनपसंद समान खरीद सकते हैं।

विमला देवी शक्ति पीठ कैसे पहुंचे | How To Reach Vimala Devi Shakti Peeth

अगर आप उड़ीसा में स्थित विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) के दर्शन करना चाहते हैं तथा मंदिर से काफी दूर रहते हैं तब आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और एरोप्लेन की मदद से मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप अपने शहर से मंदिर तक जाने वाले रास्ते के बारे में अनजान है तब आपको हमारे द्वारा बताए गए निम्नलिखित यात्रा विवरण को जरूर पढ़ना चाहिए।

सड़क मार्ग द्वारा विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

मंदिर तक जाने के लिए राष्ट्रीय मार्ग द्वारा आपको बस मिल जाती है, जिसकी मदद से आप मंदिर तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा सबसे पहले आपको अपने शहर से उड़ीसा राज्य की तरफ जाने वाली बस का पता करना होगा। उड़ीसा में पहुंचने के बाद राज्य में चलने वाली बस की मदद से मंदिर पहुंचा जा सकता है।

रेलमार्ग मार्ग से शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

अगर आप महिला शक्ति पीठ मंदिर के लिए रेल मार्ग द्वारा जाना चाहते हैं तब आपको उड़ीसा की तरफ जाने वाली ट्रेन की टिकट बुक करवानी होगी। आपको उड़ीसा जाने वाली ट्रेन की मदद से पुरी रेलवे स्टेशन तक पहुंचना होगा, जो कि उड़ीसा में स्थित है। पुरी रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है। यहां से मंदिर तक जाने के लिए आप ऑटो बुक कर सकते हैं।

एरोप्लेन से शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

जो लोग एरोप्लेन की मदद से मंदिर तक जाना चाहते हैं तब उन्हें मंदिर का सफर थोड़ा महंगा पड़ सकता है लेकिन आप आपके पास बजट अच्छा है तब आप एरोप्लेन की मदद से कम समय में मंदिर तक पहुंच सकते हैं। एरोप्लेन की मदद से मंदिर तक जाने के लिए सबसे पहले आपको बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट की फ्लाइट टिकट बुक करवानी होगी। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आप टैक्सी बुक कर सकते हैं जोकि आपको मंदिर तक छोड़ देगी। जानकारी के लिए बताना चाहेंगे, बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी लगभग 60.2 किलोमीटर है।

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विमला देवी शक्ति पीठ में दर्शन से पहले ध्यान योग्य बातें

विमला शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) जाने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए। मंदिर के दर्शन हेतु भक्तगणों के लिए कुछ नियम तथा कानून लागू किए गए हैं, जिसका पालन करना अनिवार्य है। अगर आप मंदिर से जुड़े नियम के बारे में अज्ञात हैं और मंदिर में जाने से पहले महत्वपूर्ण बातों को जानना चाहते हैं तो निम्नलिखित बातों को ध्यान से पढ़ें।

  • विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) में चमड़े से बने वस्तु, खाद्य पदार्थ तथा इलेक्ट्रॉनिक चीजों को ले जाने पर सख्त मनाई है।
  • मंदिर परिसर के पास ही वाहनों की पार्किंग करने के लिए जगह दी गई है, इसलिए आप इस बात का ध्यान दें कि वाहन पार्किंग की जगह पर खड़े करें।
  • विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) में भक्तों के लिए व्हीलचेयर, पानी और बैठने के लिए उपयुक्त जगह है, इसलिए आपको इन्ही जगह पर विश्राम करना चाहिए।
  • जो भक्त मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं उन्हें मंदिर की गाइडलाइन के अनुसार नॉर्मल कपड़े पहनना चाहिए।

विमला देवी शक्ति पीठ दर्शन और आरती समय | Vimala Devi Shakti Peeth Darshan and Aarti Timing

विमला देवी शक्ति पीठ मंदिर (Vimala Devi Shakti Peeth) पहुँचने से पहले आपको इस बारे में पूर्ण जानकरी होनी चाहिए कि किस समय मंदिर के दर्शन कर सकते हैं या फिर किस महीने में मंदिर जाना उचित रहता है। अगर कोई भक्तगण मंदिर जाने की इच्छा रखता है, तब वह बारिश के बाद अथार्त सितम्बर से नवम्बर वाले महीने में मंदिर जा सकता है, क्यूंकि इस समय मौसम काफी सुहाना होता है। अगर आप मंदिर जाने से पहले इसकी समय सरणी के बारे में जान लें, तो आप सभी आरतियां देख पाएंगे। मंदिर से जुडी समय सारणी आप निचे देख सकते हैं।

आरतीसमय
कपूर पूजासुबह 6 बजे
मंगला आरतीसुबह 6:30 बजे
भोग आरतीसुबह 8 बजे
मध्ययन आरतीसुबह 11:30 बजे
कपूर आरतीदोपहर 3:00 बजे
संध्या आरतीशाम 6:00 बजे
संध्या भोगरात 8:15 बजे
शयन आरतीरात 9:00 बजे

FAQ: Vimala Devi Shakti Peeth

विमला देवी शक्ति पीठ (Vimala Devi Shakti Peeth) कहाँ पर है
पूरी, उड़ीसा (भारत )।

विमला देवी शक्ति पीठ (Vimala Devi Shakti Peeth) की प्रमुख बात क्या है?
मंदिर के पास देवी सती की नाभि गिरी थी।

विमला देवी शक्ति पीठ (Vimala Devi Shakti Peeth) में कौन से त्यौहार मनाए जाते हैं?
मकर संक्राति, वसंत पंचमी, शिवरात्रि, होली, रामनवमी, जगन्नाथ रथ यात्रा, गुरु पूर्णिमा, दीवाली नवरात्री।

विमला देवी शक्ति पीठ (Vimala Devi Shakti Peeth) जाने के लिए अच्छा मौसम कब रहता है?
अक्टूबर और नवम्बर के महिना में ।

विमला देवी शक्ति पीठ (Vimala Devi Shakti Peeth) कितने छेत्रफल में फैला हुआ है?
55 फीट।

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