गुरूवार, अक्टूबर 3, 2024
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त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ मंदिर का इतिहास, वास्तुकला और अनोखे रहस्य | Tripura Sundari Shakti Peeth History in Hindi

सनातन धर्म में त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) को विशेष मान्यता दी जाती है, क्यूंकि यह 51 शक्ति पीठों में से एक है, इसके साथ ही यहाँ पर माता सती का बाया पैर गिरा था, जोकि एक दैविक काल की घटना थी। इस मंदिर का सर्वप्रथम निर्माण आज से लगभग 500 साल पहले हुआ था, जिसकी स्थापना प्राचीन शासक माणिक्य द्वारा की गई थी। त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) देवी त्रिपुर सुंदरी जी को समर्पित है। मंदिर में मुख्य देवी की मूर्ति काफी सुदर रूप से सुसज्जित की गई है। एक मान्यता के अनुसार त्रिपुर सुंदरी देवी भगवान शिव द्वारा उत्पन्न की गई थी क्युकी इसके पीछे माता पार्वती की लीलाएं थी। त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) से जुडा प्रमुख त्यौहार दिवाली मेला है, भारत के अन्य राज्यों में दीपावली की विभिन्न प्रथाएं है लेकिन इस दिन मंदिर में विशेष प्रकार का मेला आयोजित किया जाता है, मेले के साथ ही मंदिर की मुख्य देवी की पूजा आराधन की जाती है, ऐसे ही मंदिर से जुड़े अनेकों रहस्य है जिनको शायद आप भी ना जानते हों, मंदिर से जुड़े अनसुने रहस्यों, मंदिर का इतिहास और मंदिर से जुडी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढना ना भूलें।

Table of Contents

त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ का इतिहास | Tripura Sundari Shakti Peeth History in Hindi

ऐतिहासिक तथ्यों की माने तो एक प्राचीन राजा द्वारा त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) का निर्माण करवाया गया था। एक मान्यता के अनुसार 15वीं शताब्दी में धन माणिक्य नाम का राजा हुआ करता था, जो उस समय अपने राज्य पर शासन करता था। एक रात राजा के सपने में माता त्रिपुर सुंदरी ने दर्शन दिए, तथा उन्हें मंदिर निर्माण की आज्ञा दी। देवी त्रिपुर सुंदरी की आज्ञा को मानते हुए राजा ने वर्ष 1501 के दौरान मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके बाद वर्ष 1896 से 1990 के मध्य में मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया गया, जिसके सुन्दर स्वरूप को आज हम वर्तमान में देख सकते हैं।

प्राचीन ग्रंथो की माने तो यहां पर माता सती का दाहिना पैर गिरा था जिसके परिणामस्वरूप राजाओं द्वारा मंदिर का निर्माण करवाया गया। त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ मंदिर का निर्माण आज से 500 साल पहले हुआ था, इसके बाद अनेको राजाओं के शासनकाल के दौरान मंदिर का नवीनीकरण करवाया गया।

त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ की वास्तुकला | Tripura Sundari Shakti Peeth Architecture

त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ मंदिर की स्थापना बंगाली वास्तुकला शैली में हुई है यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है जिसका आकार कछुए के समान है इसी वजह से इसे कुर्म पीठ के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के गर्भ ग्रह में दो प्रतिमाएं देखी जा सकती हैं जिसे काले ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित किया गया है। मंदिर में स्थित मुख्य देवी त्रिपुर सुंदरी की प्रतिमा 5 फुट ऊंची है तथा मंदिर में स्थित अन्य मूर्ति 2 फुट की है। मंदिर में एक मूर्ति त्रिपुर सुंदरी देवी की है तथा दूसरी मूर्ति देवी चंडी की है।

मंदिर में माता काली की मूर्ति को भी देखा जा सकता है माता काली की मूर्ति को लाल तथा काले पत्थर से निर्मित किया गया है। इस मूर्ति की विशेष बात यह कि काली जी को भगवान शिव की छाती पर खड़ा दिखाया गया है। मंदिर में प्रवेश के लिए उत्तर दिशा की तरफ एक संकरा प्रवेश द्वारा निर्मित किया गया है। मंदिर के चारों तरफ स्तंभ बने हुए हैं जिनकी ऊंचाई लगभग 75 फिट की होगी। मंदिर के शीर्ष में एक झंडा तथा सात घोड़ों की मूर्तियां स्थापित की गई है जो की देखने में काफी आकर्षित लगती हैं।

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त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ की महत्वपूर्ण जानकारियां

मंदिर का नामत्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth)
मंदिर की जगहउदयपुर, त्रिपुरा
मंदिर की भाषाहिंदी, बंगाली
मंदिर सम्बंधित धर्महिन्दू धर्म
मंदिर के प्रमुख देवतादेवी त्रिपुर सुंदरी
मंदिर की वास्तुकलाबंगाली वास्तुकला
मंदिर के निर्माणकर्ताराजा धन्य माणिक्य देबबर्मा
मंदिर के प्रमुख त्यौहारदीवाली का मेला, नवरात्री

त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ के अनसुने रहस्य | Tripura Sundari Shakti Peeth Facts in Hindi

त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ विश्व सुंदरी देवी, माता त्रिपुर सुंदरी जी को समर्पित है। यह देवी 10 महाविद्या देवी का में से एक है, जोकि नवरात्री के तीसरे दिन देवी के दुर्गा स्वरूप में अवतरित होती है, और इस दिन पूजा पाठ करने वाले भक्तगणों पर उनकी कृपा बरसाती हैं। हर मंदिर की तरह इस मंदिर से जुड़े अनेकों रहस्य बताए जाते हैं जो आपके लिए शायद आज भी अनसुने हो, अगर आप मंदिर से जुड़े रहस्यों को जानने में दिलचस्पी रखते हैं तब आपको निचे दिए गए इस मंदिर से जुड़े रहस्यों को जरुर पढना चाहिए।

  • प्राचीन ग्रंथो के अनुसार इस मंदिर के पास ही माता सती का दाहिना पैर गिरा था, जिसके परिणामस्वरुप यहीं पर त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ की स्थापना की गई।
  • त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ में स्थापित मुख्य मूर्ति की संरचना बेहद अद्भुत है मंदिर की मुख्य देवी त्रिपुर सुंदरी जी की चार भुजाएं तथा एक नेत्र है।
  • त्रिपुर सुंदरी देवी का एक अन्य नाम देवी ललिता भी है, इसके अलावा त्रिपुर सुंदरी देवी, लिलेश्वरी ललितागौरी, ललिताम्बिका, महात्रिपुरसुंदरी लीलामती, लिलेशी, और राजेश्वरी नामों से विख्यात है।
  • दशहरे की नवरात्रि के तीसरे दिन त्रिपुर सुंदरी देवी की पूजा आराधना की जाती है।
  • त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ मंदिर में विराजित देवी अपने सुंदर रूप से ही नहीं बल्कि विभिन्न कलाओं से भी विख्यात हैं।
  • त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) जाकर पूजा आरधना करने से पत्येक भक्तों को आत्मिक बल, यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है।
  • जो भक्त देवी त्रिपुर सुंदरी की सच्चे मन से पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
  • एक मान्यता के अनुसार जब माता पार्वती ने भगवान शिव से मनुष्य की हर पीडाओं का उपाय पूछा तब उन्होंने परिणामस्वरूप देवी त्रिपुर सुंदरी की उत्पति की थी।
  • त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) में देवी की तत्र साधना और प्रमुख पूजाएँ रात के समय की जाती है।
  • त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) में मौजूद प्रमुख देवी की पूर्ति के पास ही संगमरमर और काले चमकीले रंग का यंत्र रखा गया है, जहाँ से तंत्र साधना के दौरान आशीर्वाद लिया जाता है।।

त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ कैसे पहुंचे | How To Reach Tripura Sundari Shakti Peeth

क्या आपको पता है त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ मंदिर (Tripura Sundari Shakti Peeth) कहाँ पर स्तिथ है? अगर आप इसकी जगह के बारे में नहीं जानते तो जानकारी के लिए बताना चाहेंगे, यह मंदिर त्रिपुरा के उदयपुर में स्थित है। अगर आप अपने शहर से मंदिर तक, जाने के बारे में सोच रहें है तब आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और एरोप्लेन की मदद जा सकते हैं। चलिए, इन मार्गों के माध्यम से यात्रा का विवरण देखें।

सड़क मार्ग से त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) कैसे करें

सड़क मार्ग से मंदिर जाने के लिए सबसे पहले आपको बस की मदद लेनी होगी जो त्रिपुरा राज्य के लिए जाती हो। इसके आलावा आप खुद की टेक्सी बुक कर सकते हैं। आप अपने शहर से राष्ट्रीय राजमार्ग NH8, NH108, NH221 की मदद से उदयपुर आसानी से पहुँच सकते हैं। उदयपुर से मंदिर की दुरी लगभग 3 किलोमीटर है और आगे के रास्ते काफी सुविधाजनक है इसलिए आप सड़क मार्ग द्वारा मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं।

रेलमार्ग से त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) कैसे पहुंचे

अगर आप ट्रेन के माध्यम से मंदिर जाने की सोच रहे हैं तब सबसे पहले आपको अपने शहर से अगरतला रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा। अगर आपके शहर से डायरेक्ट यहाँ ट्रेन नहीं आती तब आप ट्रेन बदलकर यहाँ तक आ सकते हैं। अगरतला रेलवे स्टेशन से मंदिर की दुरी लगभग 50 किलोमीटर है। इसलिए आपको रेलवे स्टेशन से बस या फिर टेक्सी बुक करनी होगी, जो आपको मंदिर तक आसानी से छोड़ देगी।

हवाई जहाज से त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) कैसे पहुंचे

हवाई जहाज का सबसे सुविधाजनक माना जाता है क्यूंकि आप सेफ्टी के साथ मंदिर के पास वाले एअरपोर्ट तक पहुँच सकते हैं। अगर आपके पास मंदिर ट्रेवल के लिए अच्छा बजट है तब आप एरोप्लेन की टिकट बुक करवा सकते हैं, इसके लिए आपको अपने शहर से महाराजा बीर बिक्रम एअरपोर्ट तक की फ्लाइट बुक करनी होगी। एअरपोर्ट पहुँचने के बाद आप टेक्सी या बस की मदद से मंदिर पहुँच सकते हैं, एअरपोर्ट से मंदिर की दुरी लगभग 64 किलोमीटर है।

त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ के पास आकर्षण केंद्र

अगर आप त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ पहुँच चुके है तब आपको मंदिर के दर्शन करने के बाद यहाँ पास में मौजद पर्यटन स्थलों में जरुर जाना चाहिए, क्यूंकि यहाँ पास में ही अनेकों आकर्षण केंद्र है जहां पर घुमने के लिए हजारों लोग आते जाते हैं। अगर आप मंदिर के पास स्तिथ आकर्षण केंद्र के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं तब आपको निम्नलिखित स्थानों के बारे में जरुर जानना चाहिए।

विजय सागर झील

अगर आप त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) घुमने जा रहे है, तब आपको इसके पास स्तिथ विजय सागर झील घुमने के लिए जरुर जाना होगा। इस झील को महादेब देघी के नाम से भी जाना जाता है। इस झील की कुल लम्बाई 750 मीटर लम्बी है। इस झील का सर्वप्रथम निर्माण प्राकृतिक रूप से हुआ है लेकिन बाद में इस झील को पर्यटन स्थल के लिए निर्मित किया गया, जिसका नजारा आज देखते ही बनता है। झील के पास रहने वाले व्यक्ति झील से जल सम्बंधित जरूरतों को पूरा करते हैं।

तेपनिया इको पार्क

तेपनिया इको पार्क का निर्माण सन 1995 में किया गया था। इस पार्क का निर्माण उदयपुर के राधा किशोर वन में किया गया है। यहाँ का माहौल काफी शांतिपूर्ण है और यहाँ पर हजारों की संख्या में पर्यटक आते जाते हैं, इसलिए आप भी अपने परिवार या दोस्तों के साथ यहाँ पर घुमने का प्लान बना सकते हैं, क्यूंकि यह पार्क त्रिपुर सुंदरी (Tripura Sundari Shakti Peeth) के नजदीक स्थित है, इसी वजह से आप मंदिर के साथ पार्क भी घूम सकते हैं।

नीर महल

नीर महल का निर्माण सन 1938 में हुआ था। इस जगह का निर्माण राजा बीर विक्रम जी ने करवाया था। यह स्थान पर्यटन स्थलों में काफी अद्भुत जगह है क्यूंकि यहाँ का नजारा देखते जी नहीं बनता है, और लोग यहाँ पर आने के बाद ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहते हैं। यह महल उदयपुर और त्रिपुर शक्ति पीठ के नजदीक है इसलिए मंदिर के दर्शन के साथ आपको यहाँ भी जरुर जाना चाहिए।

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त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ का दर्शन समय | What is Darshan Timing Of Tripura Sundari Shakti Peeth

अगर आप भी त्रिपुर सुंदरी मंदिर जाने के लिए निर्णय ले चुके हैं, और मंदिर के ट्रेवल की तैयारियों में जुट गए है तब आपको एक बार मंदिर से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में जरुर जान लेना चाहिए, क्यूंकि इन्ही कार्यक्रम के आधार पर मंदिर की पूरी दिनचर्या चलती रहती है। अगर आप मंदिर की पुरे दिन में होने वाली आरतियों से अज्ञात है, तब आपको आर्टिकल में दी गई निम्नलिखित तालिका को जरुर पढना चाहिए, इसके साथ ही आप तलिखा में दर्शन समय भी जान पाएंगे।

मंदिर के कार्यक्रमसमय
मंदिर खुलने का समयप्रातः काल 5 बजे
दर्शन का समयप्रातः काल 6 बजे – रात्रि 7 बजे
मंगला आरतीप्रातः काल 7 बजे – 7:30 बजे
भोगदोपहर 12 बजे
विश्राम समयदोपहर 1 बजे – 2:30 बजे
शाम की आरतीशाम को 7:15 बजे
शयन आरतीरात्रि 9 बजे

Faq: त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ मंदिर का इतिहास, वास्तुकला और अनोखे रहस्य

त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) कहाँ पर स्थित है ?
राधा किशोर ग्राम, उदयपुर, त्रिपुरा (भारत)।

त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) की प्रमुखता क्या है?
एक मान्यता के अनुसार इस मंदिर में माता सटी का दायाँ पर गिरा था जबकि एक एनी विचारधारा के अनुसार यहाँ पर बाएं पैर की ऊँगली गिरी थी।

त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ (Tripura Sundari Shakti Peeth) का सबसे प्रमुख त्यौहार कौन सा है?
दीवाली का मेला।

नवरात्री में कब त्रिपुर सुंदरी देवी की पूजा की जाती है?
नवरात्रि के तीसरे दिन (दशहरे वाली नवरात्री)।

त्रिपुर सुंदरी शक्ति पीठ मंदिर (Tripura Sundari Shakti Peeth) का सर्वप्रथम निर्माण कब हुआ था?
500 साल पहले (15वीं शताब्दी में)।

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