केरल अपनी शांति के लिए प्रसिद्ध जगह है। यह सबसे दक्षिणी राज्य कहानियों और परंपराओं का क्षेत्र है, साथ ही कुछ सबसे पुराने मंदिर भी हैं जो विश्वसनीय ऐतिहासिक के रूप में काम करते हैं। केरल अपने ऐतिहासिक मंदिरों के कारण भारत में एक अग्र स्थान हांसिल किया है, जिनमें से कई 2000 साल पुराने हैं और बड़े पैमाने पर भगवान शिव और विष्णु के साथ-साथ राज्य के प्रिय भगवान अयप्पा को समर्पित हैं। केरल के इन लोकप्रिय मंदिरों पर एक नज़र डालें जिन्हें आपको अगली बार राज्य का दौरा करते समय अवश्य देखना चाहिए। इसीलिये आजकी पोस्ट में हम आपको केरला की सुप्रसिद्ध मंदिरो के बारे में बताने वाले है जिन्हे जान कर आप घर बैठे ऊन मंदिरों के दर्शन का सौभग्य प्राप्त कर पाएंगे इसलिए पोस्ट में अंत तक ज़रूर बने रहें।
केरल का सबसे प्राचीन मंदिर श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुअनंतपुरम में स्थित भगवान विष्णु का एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर केरल के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजा मार्तंड वर्मा द्वारा किया गया था। यह मंदिर भगवान विष्णु के पद्मनाभ अवतार को समर्पित है, जो भगवान विष्णु की एक शयन मुद्रा है। मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है, जिसमें एक मंदिर, एक झील और कई अन्य इमारतें शामिल हैं। मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की एक भव्य मूर्ति है।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु मंदिर में भगवान विष्णु के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के आसपास कई धार्मिक उत्सव और त्योहार भी आयोजित किए जाते हैं।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की जानकारी
विवरण | जानकारी |
स्थान | तिरुअनंतपुरम, केरल, भारत |
निर्माण | 18वीं शताब्दी, त्रावणकोर के राजा मार्तंड वर्मा |
वास्तुकला | केरल शैली |
प्रमुख विशेषताएं | भगवान विष्णु की भव्य मूर्ति, मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल, मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता |
धार्मिक महत्व | एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल, लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष भगवान विष्णु के दर्शन के लिए आते हैं |
उदयनूर देवी मंदिर:

केरल का सबसे प्राचीन मंदिर उदयनूर देवी मंदिर है। यह मंदिर केरल के त्रिशूर जिले के उदयनूर में स्थित है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में चोल राजा राजाधिराज चोल ने करवाया था। मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है, जिसमें एक मंदिर, एक झील और कई अन्य इमारतें शामिल हैं। मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में देवी दुर्गा की एक भव्य मूर्ति है। मंदिर के पास एक झील है, जिसे उदयनूर झील कहा जाता है। झील के किनारे एक मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। उदयनूर देवी मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु मंदिर में देवी दुर्गा के दर्शन के लिए आते हैं।
उदयनूर देवी मंदिर की जानकारी
विवरण | जानकारी |
स्थान | उदयनूर, त्रिशूर, केरल, भारत |
निर्माण | 10वीं शताब्दी, चोल राजा राजाधिराज चोल |
प्रमुख विशेषताएं | विशाल गर्भगृह, देवी दुर्गा की भव्य मूर्ति, उदयनूर झील |
धार्मिक महत्व | एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल, लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष देवी दुर्गा के दर्शन के लिए आते हैं |
वास्तुकला | चोल |
विश्व धरोहर स्थल | 1991 में यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध |
सबरीमाला संस्था मंदिर :
केरल में सबरीमाला संस्था मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भगवान अयप्पन को समर्पित है। यह मंदिर केरल के पतनमतिट्टा जिले के पेरियार टाइगर रिजर्व के भीतर सबरीमाला पहाड़ पर स्थित है। यह मंदिर भारत के सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर अयप्पन के जन्मस्थान के रूप में माना जाता है, जो भगवान शिव और मोहिनी (भगवान विष्णु की महिला अवतार) के पुत्र हैं। मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है, जिसमें एक मंदिर, एक झील और कई अन्य इमारतें शामिल हैं। मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान अयप्पन की एक भव्य मूर्ति है।

सबरीमाला संस्था मंदिर की जानकारी
विवरण | जानकारी |
स्थान | सबरीमाला, पतनमतिट्टा, केरल, भारत |
समर्पण | भगवान अयप्पन |
वास्तुकला | केरल शैली |
निर्माण | 13वीं शताब्दी |
प्रमुख विशेषताएं | भगवान अयप्पन की भव्य मूर्ति, मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल, मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता |
अट्टुकल भगवती मंदिर :

अट्टुकल भगवती मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम शहर के आट्टुकल क्षेत्र में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में चोल राजा राजाधिराज चोल ने करवाया था। मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है, जिसमें एक मंदिर, एक झील और कई अन्य इमारतें शामिल हैं। मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में देवी दुर्गा की एक भव्य मूर्ति है। मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु मंदिर में देवी दुर्गा के दर्शन के लिए आते हैं।
अट्टुकल भगवती मंदिर की जानकारी
विवरण | जानकारी |
स्थान | तिरुवनंतपुरम, केरल, भारत |
समर्पण | देवी दुर्गा |
निर्माण | 10वीं शताब्दी, चोल राजा राजाधिराज चोल |
वास्तुकला | केरल शैली |
प्रमुख विशेषताएं | देवी दुर्गा की भव्य मूर्ति, मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल, मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता |
धार्मिक महत्व | एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल, लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष देवी दुर्गा के दर्शन के लिए आते हैं |
ताली मंदिर कोझीकोड
ताली मंदिर कोझीकोड भारत के केरल राज्य के कोझीकोड जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजा मार्तंड वर्मा ने करवाया था। मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है, जिसमें एक मंदिर, एक झील और कई अन्य इमारतें शामिल हैं। मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की एक भव्य मूर्ति है। मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।

ताली मंदिर कोझीकोड की जानकारी
विवरण | जानकारी |
स्थान | कोझीकोड, केरल, भारत |
समर्पण | भगवान शिव |
निर्माण | 14वीं शताब्दी, त्रावणकोर के राजा मार्तंड वर्मा |
वास्तुकला | केरल शैली |
प्रमुख विशेषताएं | भगवान शिव की भव्य मूर्ति, मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल, मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता |
धार्मिक महत्व | एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल, लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं |
ताली मंदिर का सबसे प्रसिद्ध त्योहार “रेवत्ति पट्टथानम” है, जो हर साल मलयालम महीने थूलम (दिसंबर – जनवरी) में मनाया जाता है। यह एक सांस्कृतिक और बौद्धिक कार्यक्रम है जिसमें कविता, संगीत, नृत्य और व्याख्यान शामिल हैं।
ताली मंदिर केरल की एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत है। यह मंदिर केरल के इतिहास और संस्कृति का एक अमूल्य प्रमाण है।
मन्नारसाला नागराजा मंदिर:
मन्नारसाला नागराजा मंदिर भारत के केरल राज्य के हरीपाद जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर नाग देवता, नागराज को समर्पित है। मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में किया गया था और यह केरल के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है, जिसमें एक मंदिर, एक झील और कई अन्य इमारतें शामिल हैं। मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में नागराज की एक भव्य मूर्ति है। मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु मंदिर में नागराज के दर्शन के लिए आते हैं।

मन्नारसाला नागराजा मंदिर की जानकारी
विवरण | जानकारी |
स्थान | हरीपाद, केरल, भारत |
समर्पण | नागराज |
निर्माण | 11वीं शताब्दी |
प्रमुख विशेषताएं | नागराज की भव्य मूर्ति, मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल, मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता |
वास्तुकला | केरल शैली |
धार्मिक महत्व | एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल, लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष नागराज के दर्शन के लिए आते हैं |
मन्नारसाला नागराजा मंदिर का सबसे प्रसिद्ध त्योहार “आयिल्यम“ है, जो हर साल मलयालम महीने तुलाम (अक्टूबर-नवंबर) में मनाया जाता है। यह एक दस दिवसीय उत्सव है जिसमें नाग देवता की पूजा की जाती है। इस अवसर पर, मंदिर के गर्भगृह में नागराज की मूर्ति को बाहर निकाला जाता है और भक्तों को देखने के लिए लाया जाता है।
मन्नारसाला नागराजा मंदिर केरल की एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत है। यह मंदिर केरल के इतिहास और संस्कृति का एक अमूल्य प्रमाण है।
अनंतपुरा झील मंदिर
अनंतपुरा झील मंदिर केरल के कासरगोड जिले में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है, जो अनंतपद्मनाभ स्वामी के नाम से भी जाने जाते हैं। मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था और यह केरल का एकमात्र झील मंदिर है। मंदिर एक आयताकार झील के बीच में स्थित है, जिसमें नियमित रूप से चश्मे का पानी आता है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की एक भव्य मूर्ति है। मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु मंदिर में भगवान विष्णु के दर्शन के लिए आते हैं।

अनंतपुरा झील मंदिर की जानकारी
विवरण | जानकारी |
स्थान | कासरगोड, केरल, भारत |
समर्पण | भगवान विष्णु |
वास्तुकला | केरल शैली |
प्रमुख विशेषताएं | मंदिर के परिसर में स्थित एक शाकाहारी मगरमच्छ, जिसे बाबिया के नाम से जाना जाता है। |
धार्मिक महत्व | एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल, लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं |
अनंतपुरा झील मंदिर का सबसे प्रसिद्ध त्योहार “आयिल्यम“ है, जो हर साल मलयालम महीने तुलाम (अक्टूबर-नवंबर) में मनाया जाता है। यह एक दस दिवसीय उत्सव है जिसमें भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस अवसर पर, मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की मूर्ति को बाहर निकाला जाता है और भक्तों को देखने के लिए लाया जाता है।
एट्टुमानूर महादेव मंदिर कोट्टायम

एट्टुमानूर महादेव मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, भारत के केरल राज्य के कोट्टायम जिले में स्थित एक ऐतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर 10वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह केरल के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। मंदिर की वास्तुकला केरल शैली की है और इसमें कई खूबसूरत भित्तिचित्र और मूर्तियां हैं। मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है और प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।
एट्टुमानूर महादेव मंदिर कोट्टायम की जानकारी
विवरण | जानकारी |
स्थान | कोट्टायम, केरल, भारत |
समर्पण | भगवान शिव |
निर्माण | 10वीं शताब्दी |
वास्तुकला | केरल शैली |
मंदिर का सबसे प्रसिद्ध त्योहार “एज़्हुन्नेल्लत्तम“ है, जो हर साल मलयालम महीने कुंबम (फरवरी-मार्च) में मनाया जाता है। यह एक दस दिवसीय उत्सव है जिसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस अवसर पर, मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की मूर्ति को बाहर निकाला जाता है और भक्तों को देखने के लिए लाया जाता है।
गुरुवायुर मंदिर
गुरुवायूर मंदिर, जो भगवान कृष्ण को समर्पित है, केरल के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। यह मंदिर त्रिशूर जिले में स्थित है और यह केरल के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। मंदिर की स्थापना 11वीं शताब्दी में हुई थी और यह एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए आते हैं।

गुरुवायुर मंदिर की जानकारी
विवरण | जानकारी |
स्थान | त्रिशूर, केरल, भारत |
समर्पण | भगवान कृष्ण |
स्थापना | 11वीं शताब्दी |
वास्तुकला | केरल शैली |
मंदिर में कई त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध “उत्तरायणम“ है, जो हर साल मलयालम महीने माधवम (जनवरी-फरवरी) में मनाया जाता है। यह एक दस दिवसीय उत्सव है जिसमें भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है।
अंबालापुझा श्रीकृष्ण मंदिर:
अंबालापुझा श्रीकृष्ण मंदिर भारत के केरल राज्य के अलाप्पुझा जिले के अंबालापुझा में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और यह केरल के सबसे प्रसिद्ध और सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। मंदिर की स्थापना 15वीं शताब्दी में हुई थी और यह एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए आते हैं।

अंबालापुझा श्रीकृष्ण मंदिर की जानकारी
विवरण | जानकारी |
स्थान | अंबालापुझा, अलाप्पुझा, केरल, भारत |
समर्पण | भगवान कृष्ण |
स्थापना | 15वीं शताब्दी |
वास्तुकला | केरल शैली |
इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान कृष्ण की एक भव्य मूर्ति है। यह मूर्ति चार हाथों वाली है और इसमें एक हाथ में शंख, एक में गदा, एक में चक्र और एक में कमल पकड़े हुए हैं। मूर्ति को “अम्लापुषन्“ के नाम से भी जाना जाता है।
FAQ
केरल में कौन सी माता का मंदिर है?
केरल में सबरीमाला मंदिर माता आदि शक्ति की एक महत्वपूर्ण श्रृंगारिक स्थली है।
केरल में कौन सा ज्योतिर्लिंग है?
केरल में कोटिकुलंगल में वीराबद्रेश्वर नामक ज्योतिर्लिंग स्थित है, जो भगवान शिव के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।
केरल का प्रसिद्ध मंदिर कौन है?
केरल का सबसे प्रसिद्ध मंदिर गुरुवायूर श्रीकृष्ण मंदिर है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है और भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।
Share this content:
[…] Read Also : केरल के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिर […]