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भारत में शक्ति पीठ कौन कौन से है, जानें क्‍या है 51 शक्तिपीठ की पौराणिक कथा एवं महत्व | 51 Shakti Peeth List in Hindi

51 Shakti Peeth List in Hindi : “भारत के शक्ति पीठ” एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए प्रतिष्ठित हैं। ये स्थान वहाँ पर देवी शक्ति की पूजा के लिए मनाए जाते हैं। भारत में कई ऐसे पीठ हैं, लेकिन कुछ प्रमुख हैं जैसे की कामाख्या पीठ, वैष्णो देवी पीठ, और कालीघाट। ये स्थल धार्मिकता के साथ-साथ पर्यटन के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

51 शक्ति पीठ क्या है – Shakti Peeth Kya Hai?

शक्ति पीठ (shakti peeth) भारतीय सस्‍कृति की सबसे महान विरासतो में से एक है। भारतीय सूर्य पुराण में कुल शक्तिपीठो का उल्‍लेख है जिनमे से कुछ फेमस शक्तिपीठ जैसे ज्वालामुखी पीठ, कामाख्या पीठ, वैष्णोदेवी पीठ, और कालीघाट पीठ शामिल हैं।

शक्ति पीठों का इतिहास देवी माता सती से जुड़ा हुआ है। इन शक्तिपीठो का निर्माण माता सती के जले हुए टुकडो की वजह से हुआ है। यहा देवी की भक्ति का एक विशेष रूप से माहौल होता है। शक्ति पीठो के दर्शन करने के बाद भक्‍तो को एक असीम आंनद की प्राप्ति होती है।

शक्तिपीठ (shakti peeth) भारतीय उपमहाद्वीप में अलग अलग जगह मौजूद है जिनमे से कुछ श्रीलंका, बंग्लादेश और नेपाल में भी मौजूद है। अगर आप शक्ति के बारे में डिटेल में जानना चाहते हो। तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े। इस लेख में हम आपको शक्तिपीठ (shakti peeth) के बारे में डिटेल में बताने वाले है। इसके अलावा हम आपको ये भी बताने वाले है कि ये शक्तिपीठ दुनिया भर में कहा कहा मौजूद है।

शक्तिपीठ की कथा क्‍या है | Story Of Shakti Peeth in Hindi

  • हिन्‍दु धार्मिक पुराणो के अनुसार पौराणिक काल में हरिद्वार के राजा दक्ष प्रजापति के बृहस्पति सर्व नामक यज्ञ कराया। उस यज्ञ में ब्रह्मा, विष्णु, इंद्र और अन्य देवी-देवताओं को तो बुलाया गया लेकिन जान पूछकर राजा दक्ष ने भगवान शंकर को नही बुलाया।
  • शंकर जी की पत्‍नी और दक्ष की पुत्री सती को ये बात काफी बुरी लगी लेकिन फिर भी वो इस यज्ञ में भाग लेने के लिए चली गई। जब सती ने अपने पिता से शंकर की ना बुलाने की वजह पूछी तो दक्ष प्रजापति भगवान शंकर को अपशब्‍द कहने लगा भगवान शंकर के इस अपमान से पीडित होकर सती ने यज्ञ में कूदकर अपनी जान दे दी।
  • भगवान शंकर को जब इस घटना के बारे में मालुम चला तो उन्‍हे काफी गुस्‍सा आया जिसकी वजह से उनकी तीसरी आंख खुल गई। भगवान शंकर के इस गुस्‍से को देखकर यज्ञ में शामिल होने आये अन्‍य देवी-देवता भी वहा से भाग गये।
  • शंकर जी ने यज्ञकुंड से सती से पार्थिव शरीर को निकाला और उसे अपने कंधे पर उठाकर इधर उधर घूमने लगे। भगवान शिव ने सती के मृत शरीर को अपने कंधो पर उठाकर तांडव करना शुरू कर दिया जिसकी वजह से दुनिया में प्रलय आने लगी।
  • सम्‍पूर्ण संसार को इस प्रलय से बचाने के लिए भगवान विष्‍णु ने अपने चक्र से सती के शरीर को काट दिया। सती के इस कटे हुए शरीर के टुकडे ही शक्तिपीठ कहलाये। सती ही दूसरे जन्‍म में पार्वती बनकर पैदा हुई और उन्‍होने शंकर जी से विवाह कर लिया।

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51 Shakti Peeth List in Hindi

क्रंमाकशक्तिपीठस्थानराज्‍य/ देश
1मणिकर्णिका घाटवाराणसीउत्‍तर प्रदेश, भारत
2माता ललिता देवी शक्तिपीठप्रयागराजउत्‍तर प्रदेश, भारत
3रामगिरीचित्रकूटउत्‍तर प्रदेश, भारत
4उमा शक्तिपीठवृन्‍दावनउत्‍तर प्रदेश, भारत
5देवी पाटन मंदिरबलरामपुरउत्‍तर प्रदेश, भारत
6हरसिद्धि देवी शक्तिपीठरूद्र सागर तालाबमध्‍यप्रदेश, भारत
7शोणदेव नर्मता शक्तिपीठअमरकंटकमध्‍यप्रदेश, भारत
8नैना देवी मंदिरबिलासपुरहिमाचल प्रदेश, भारत
9ज्वालामुखी शक्तिपीठकांगड़ाहिमाचल प्रदेश, भारत
10महाकालेश्‍वरजालंधरपंजाब, भारत
11कामगिरीगुवाहाटीअसम, भारत
12पार्वती पीठपहलगामजम्‍मू और कश्‍मीर, भारत
13विंध्‍यावासिनीविंध्‍याचलझारखंड, भारत
14चामुण्‍डा देवीकांगडाहिमाचल प्रदेश, भारत
15वृन्‍दावन शक्तिपीठभूतेश्‍वरउत्‍तरप्रदेश, भारत
16हरिसिद्धि माताउज्‍जैनमध्‍यप्रदेश, भारत
17शाकम्‍भरी देवीसहारनपुरउत्‍तर प्रदेश, भारत
18हिंगलाज भवानीबलूचिस्‍तानपाकिस्‍तान, भारत
19कामाख्यानेपालनेपाल
20गोदावरी तटराजमहेंद्रीआन्‍ध्र प्रदेश, भारत
21क्षीशैलम शक्तिपीठश्री शैलमआन्‍ध्र प्रदेश, भारत
22श्री भगवती मन्दिरक्‍नयाकुमारीतमिलनाडू, भारत
23इन्‍द्राश्रीश्री लंकाश्री लंका
24श्री महालक्ष्‍मी मन्दिरकोल्‍हापुरमहाराष्‍ट्र, भारत
25भद्रकाली मन्दिरनाशिकमहाराष्‍ट्र, भारत
26श्री पर्वत शक्तिपीठलद्दाखजम्‍मू कश्‍मीर, भारत
27श्री भमराम्‍बा शक्तिपीठश्री शैलममआंध्र प्रदेश, भारत
28नारायणी शक्तिपीठशुचीचन्‍द्रमतमिलनाडू, भारत
29मानस शक्तिपीठतिब्‍बततिब्‍बत
30गायत्री शक्तिपीठपुष्‍करराजस्‍थान, भारत
31उज्‍जयिनी देवीउज्‍जैनमध्‍यप्रदेश, भारत
32कुरूक्षेत्र शक्तिपीठथानसेरहरियाणा, भारत
33विराट शक्तिपीठविराठनगरराजस्‍थान भारत
34शोणअमरकण्‍टकमध्‍यप्रदेश, भारत
35रामगिगरी शक्तिपीठमैहरमध्‍यप्रदेश, भारत
36अम्‍बाजी मन्दिरअम्‍बाजीमध्‍यप्रदेश, भारत
37मुक्तिनाथ मन्दिरमुक्तिनाथनेपाल
38इन्‍द्राक्षीश्रीलंकाश्रीलंका
39नारायणी शक्तिपीठशुचीचन्‍द्रमतमिलनाडू, भारत
40श्री कामाक्षी अम्‍मा मंदिरकांचीपुरतमिलनाडू, भारत
41शाकम्‍भरी देवीसहारनपुरउत्‍तरप्रदेश, भारत
42चामुण्‍डा देवीकांगड़ाहिमाचल प्रदेश, भारत
43कालीपीठकोलकातापश्चिम बंगाल
44श्री महालक्ष्‍मी शक्तिपीठसिल्‍हैट टाउनबंग्लादेश
45सुगंधा शक्तिपीठशिकारपुरबग्लादेश
46अपर्णा शक्तिपीठभवानीपुरबग्लादेश
47जयन्‍ती शक्तिपीठनर्तियांगमेघालय, भारत
48त्रिपुरसुन्‍दरी शक्तिपीठउदयपुरत्रिपुरा, भारत
49कामरूप शक्तिपीठगुवाहाटीअसम, भारत
50उत्‍कल शक्तिपीठजाजपुरउड़ीसा, भारत
51पटनेश्रवरी शक्तिपीठपटनाबिहार,भारत
52जयदुर्गा शक्तिपीठदेवघरझारखंड, भारत

शक्ति पीठ का महत्व | importance of shakti peeth in hindi

हिन्‍दू धार्मिक मान्‍यताओ में शक्ति पीठ का बहुत महत्‍व है। शक्ति तब बने जब भगवान शिव देवी सती के मृत शरीर को लेकर ताडंव कर रहे थे। इसलिए भगवान शिव पर आस्‍था रखने वाले करोड़ो लोग शक्ति पीठ को असीम आस्‍था के भाव से देखते है। इसको देवी शक्ति का निवास स्‍थान माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन स्‍थानो पर देवी की शक्ति काफी ज्‍यादा सक्रिय रहती है। लोग ये भी मानते है कि शक्ति पीठो में पूजा करने से पापो का नाश होता है और भक्‍त की हर मनोकामना पूरी होती है।

शक्तिपीठ (shakti peeth) का धार्मिक के अलावा एक अध्‍यामिक महत्‍व भी है। अध्‍यामिक दृष्टि से भी शक्ति पीठ दुनिया भर के लोगो को अपनी तरफ आर्कषित करता है। इसके अलावा तांत्रिक विद्या में भी शक्ति पीठ का एक विशेष महत्व है।

शक्ति पीठ के बारे में कुछ रोचक तथ्‍य | Some interesting facts about shakti peeth

  • शक्ति पीठ देवी सती के जले हुए टुकड़ो की वजह से बने है
  • दुनियाभर में कुछ 51 शक्ति पीठ है
  • इन शक्ति पीठो में 36 भारत में, 10 बांग्लादेश में, 2 नेपाल में और 1 श्रीलंका में है।
  • हर शक्ति पीठ में देवी सती को एक अलग नाम से जाना जाता है
  • शक्ति पीठो में साल भर अलग अलग त्‍योहार बनाये जाते है।
  • शक्ति पीठों की यात्रा हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक गतिविधि है।

शक्ति पीठों की यात्रा करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • शक्ति पीठों की यात्रा करते समय पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
  • शक्ति पीठों में देवी की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए।
  • शक्ति पीठों में दान-पुण्य करना चाहिए।
  • शक्ति पीठों में शांति और भक्ति का वातावरण बनाए रखना चाहिए।

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अन्य शक्तिपीठों की लिस्ट | List of Other Shakti पीठ

1. शंकरी देवी, त्रिंकोमाली श्रीलंका

2. पञ्चसागर शक्तिपीठ, स्थान का निश्चित पता नहीं

3. कालमाधव शक्ति पीठ, स्थान का निश्चित पता नहीं

4. सुवर्णकला देवी, प्रद्युम्न, पश्चिमबंगाल

5. चामुंडेश्वरी देवी, मैसूर, कर्नाटक

6. जोगुलअंबा देवी, आलमपुर, आंध्रप्रदेश

7. इकवीराक्षी देवी, नांदेड़, महाराष्ट्र

8. हरसिद्धी माता मंदिर, उज्जैन, मध्यप्रदेश

9. पुरुहुतिका देवी, पीथमपुरम, आंध्रप्रदेश

10. पूरनगिरि मंदिर, टनकपुर, उत्तराखंड

11. मनीअंबा देवी, आंध्रप्रदेश

12. मधुवेश्वरी देवी, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश

13. वैष्णोदेवी, कांगड़ा, हिमाचलप्रदेश

14. शाकम्भरी माता बेहट उत्तर प्रदेश

15. सर्वमंगला देवी, गया, बिहार

16. शारदा देवी, पीओके

17. कालका देवी, दिल्ली

18. अधर देवी (अर्बुदा माता) माउंट आबू, राजस्थान

शक्ति पीठ की कहानी – Shakti Peeth in Hindi

देवी सती, राजा दक्ष की पुत्री थीं। उन्होंने भगवान शिव से विवाह किया, जो कि राजा दक्ष को पसंद नहीं था। एक बार, राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया और सभी देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन भगवान शिव को नहीं। देवी सती अपने पिता के यज्ञ में शामिल होने गईं, जहाँ राजा दक्ष ने भगवान शिव का अपमान किया।

अपमानित होकर, देवी सती ने यज्ञ की अग्नि में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने तांडव शुरू कर दिया।

पृथ्वी को बचाने के लिए, भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया। जहाँ-जहाँ देवी सती के शरीर के अंग गिरे, वहाँ-वहाँ एक शक्ति पीठ का निर्माण हुआ। इन शक्ति पीठों में, देवी को विभिन्न नामों से पूजा जाता है।

FAQ: Shakti Peeth in Hindi

सबसे बड़ा शक्तिपीठ कौन सा है?
वैसे तो सभी शक्तिपीठो का अपना विशेष महत्‍व है लेकिन असम में मौजूद कामाख्‍या शक्तिपीठ को दुनिया का सबसे शक्तिशाली शक्तिपीठ माना जाता है।

पाकिस्तान में कितने शक्तिपीठ है?
पाकिस्तान में 1 शक्ति पीठ है।

भारत में कुल कितने शक्तिपीठ है?
भारत में कुल 36 शक्तिपीठ है।

माता सती के 51 शक्ति पीठ कहा कहा है ?
माता सती के 51 शक्ति भारत, नेपाल, बग्लादेश और श्रीलंका में है।

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