बुधवार, सितम्बर 18, 2024
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रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) यहां गिरा था सती का दाहिना स्तन, जानें इतिहास, प्रमुख जानकारियां और इससे जुड़े रहस्य

रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक मंदिर है जिनका निर्माण भगवान शिव की पत्नी सती के मृत शरीर के टुकड़ों से हुआ है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पर माता सती का दाहिना स्तन गिरा था। इसके अलावा इस स्थान से भगवान श्री राम और प्रसिद्ध संत तुलसीदास जी की भी रोचक कथा जुड़ी हुई है। क्या आप भी उत्सुक हैं भगवान राम और संत तुलसीदास की उस रोचक कथा को जानने के लिए। यदि हां तो हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें। हमारे आज के इस आर्टिकल में हम रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) के इतिहास, इसकी प्रमुख जानकारियों और इससे जुड़े रहस्यों के बारे में जानकारी देंगे तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना ना भूले।

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रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ का इतिहास | Ramgiri- Shivani Shakti Peeth History In Hindi

रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) की बात करें तो पुराणों के अनुसार यहां पर माता सती का दाहिना स्तन गिरा था, जिसके बाद यहां पर रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ की स्थापना हुई। यह शक्तिपीठ मध्य प्रदेश के चित्रकूट पर्वत के रामगिरि नामक स्थान पर स्थित है। स्थानीय लोगों द्वारा इस मंदिर को शिवानी शक्तिपीठ के नाम से पुकारा जाता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार माता सती का नाला यहां गिरा था। नाला किसी इंसान के पेट की हड्डी को कहा जाता है। इस शक्तिपीठ में माता सती को शिवानी के रूप में पूजा जाता है तथा भगवान से को यहां पर चंड के रूप में पूजते हैं

चित्रकूट को पुराणों में बहुत ही पावन स्थान की संज्ञा दी गई है। कहा जाता है कि यहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने अवतार लिए हैं। इसके अलावा भारत के कई महान ऋषियों ने चित्रकूट को अपनी तपोभूम भूमि बनाया है और यहां तपस्या करते हुए कई तरह के सिद्धियां प्राप्त की हैं। इसके अलावा चित्रकूट माता शबरी की जन्मभूमि है जो श्री राम की परम भक्त के रूप में पहचानी जाती हैं। इसके चित्रकूट की भूमि को ऋषि अत्रेय, सती अनुसुइया, महर्षि मार्कंडेय, ऋषि दत्तात्रेय, सरभंगा, सुतीक्ष्ण आदि ने अपने तपोबल से पवित्र किया है।

चित्रकूट का पहला उल्लेख वाल्मीकि रामायण में किया गया था। कहा जाता है कि महाकवि कालिदास भगवान राम के परम भक्त थे और उन्होंने ही चित्रकूट पर्वत को रामगिरि नाम दिया।

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रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ की संरचना | Ramgiri- Shivani Shakti Peeth Architecture

रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित एक बहुत ही सुंदर मंदिर है। यह स्थान उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में स्थित है। इस मंदिर का वातावरण बहुत ही शांत है। यहां स्थापित माता की प्रतिमा बेहद खूबसूरत और ओजपूर्ण दिखाई पड़ती है। मंदिर की स्थापत्य शैली उत्कृष्ट है और मंदिर में प्रवेश करते ही दिव्यता का अनुभव होता है। मंदाकिनी नदी का किनारा इसकी सुंदरता में चार चांद लगाता है।

शक्तिपीठ में माता शिवानी को बहुत ही शक्तिशाली रूप में दर्शाया गया है जो भक्तों के हर संकट को हर लेती है। स्थानीय लोगों में इस शक्तिपीठ को माता फूलमती के नाम से भी पुकारा जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी माता के सामने सर झुकाता है उसकी हर मनोकामना माता पूर्ण करती हैं।

रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ की प्रमुख जानकारियां

मंदिर का नामरामगिरिशिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth)
मंदिर के प्रमुख देवतामां सती और भगवान शिव का चण्ड रूप
मंदिर का स्थानचित्रकूट मध्यप्रदेश
मंदिर की प्रमुखतायहां माता सती का दाहिना स्तन गिरा था
मंदिर के प्रमुख त्योहारमहाशिवरात्रि, नवरात्रि, अमावस्या, मकर संक्रांति, शरद पूर्णिमा, दीपावली
मंदिर के अन्य नामफूलमती शक्तिपीठ
मंदिर की भाषाहिंदी अंग्रेजी
मंदिर के दर्शनीय स्थलरामायणी कुटी आश्रम, त्रिया दास मंदिर
मंदिर खुलने का समयप्रातः 07:00 बजे

रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ से जुड़े रहस्य | Ramgiri- Shivani Shakti Peeth Related Facts in Hindi

यदि हम रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) से जुड़े रहस्य की बात करें तो यह शक्तिपीठ अपनी रहस्यों को लेकर काफी विख्यात है। इसके अलावा चित्रकूट भी अपनी प्रचलित मान्यताओं के कारण काफी प्रसिद्ध है। चलिए हम अब आपको बताते हैं रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ से जुड़े रहस्यों के बारे में

  • पुराने के अनुसार इस जगह पर माता सती का दाहिना स्तन गिरा था जिसके बाद यहां रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) की स्थापना हुई।
  • एक अन्य मान्यता के अनुसार यहां पर माता सती का नाला गिरा था। नाला मनुष्य के पेट की हड्डी को कहा जाता है।
  • इस शक्तिपीठ में माता सती को शिवानी के रूप में और भगवान शिव को चंड के रूप में पूजा जाता है।
  • शास्त्रों के अनुसार यहां पर भगवान राम ने अपने वनवास के दिनों में अपने छोटे भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ डेढ़ वर्ष तक निवास किया था।
  • चित्रकूट में भगवान राम ने अपनी परम भक्त माता शबरी को दर्शन देकर उनकी तपस्या पूर्ण की थी।
  • मान्यता के अनुसार भगवान राम ने अपने पिता महाराज दशरथ का श्राद्ध कर्म और शुद्ध कर्म चित्रकूट में ही किया था जहां सभी देवी देवता उपस्थित हुए थे।
  • एक मान्यता के अनुसार महाकवि कालिदास राम के परम भक्त थे और उन्होंने ही इस स्थान को रामगिरि नाम दिया था।
  • कहा जाता है कि यहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर में अवतार लिया था।
  • चित्रकूट में कई महान ऋषियों ने तपस्या की और सिद्धियां प्राप्त की जिनमें से ऋषि दत्तात्रेय ऋषि मार्कंडेय और माता अनुसूया प्रमुख है।
  • इस शक्तिपीठ को यहां पर फूलमती शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है

रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं एवं कहानी | Ramgiri- Shivani Shakti Peeth Beliefs and story in Hindi

अगर हम रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं की बात करें तो इसके बारे में प्रसिद्ध है कि भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ 14 वर्ष के वनवास के दिनों में चित्रकूट आए थे और उन्होंने यहां पर डेढ़ वर्ष तक निवास किया था। इसके अलावा माता सीता के हरण के बाद प्रभु श्री राम उन्हें खोजते हुए अपनी परम भक्त माता शबरी के पास पहुंचे थे और उन्हें दर्शन देकर उनका उद्धार किया था।

इसके अलावा चित्रकूट के बारे में यह मान्यता भी है कि जब भगवान ने अपने पिता राजा दशरथ का श्राद्ध कर्म किया था तो सभी देवताओं शुद्धिकर्म ( मृत्यु के 13 दिन दी जाने वाली दावत या मृत्यु भोज) के लिए चित्रकूट में ही उपस्थित हुए थे।

इस आर्टिकल की शुरुआत में हमने आपसे चित्रकूट और तुलसीदास जी से जुड़ी कथा का जिक्र किया था। इस कथा के अनुसार तुलसीदास जी को अपने जीवन काल में भगवान राम के दर्शन प्राप्त हुए थे और इसमें उनकी सहायता हनुमान जी ने की थी। श्री राम की भक्ति में लीन तुलसीदास भक्तों को राम कथा सुनाया करते थे।

ऐसे ही एक दिन कथा सुनाते हुए उनकी मुलाकात हनुमान जी से हुई। तुलसीदास ने उनसे राम जी के दर्शन के अभिलाषा जताई तो हनुमान जी ने कहा कि तुलसीदास को भगवान राम के दर्शन चित्रकूट में होंगे। तब तुलसीदास चित्रकूट के पास रामघाट में आकर बस गए। एक दिन तुलसीदास को रास्ते में दो सुंदर युवक घोड़े पर बैठे दिखाई दिए जिन्हें देखकर वे अपना होश खो बैठे। जब वे युवक चले गए तब बाद में हनुमान जी ने प्रकट होकर उन्हें बताया कि यही श्री राम प्रभु और लक्ष्मण जी थे।

तब तुलसीदास जी को भगवान को ना पहचानने पर बहुत ही पछतावा हुआ। इस पर हनुमान जी ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि आपको फिर से भगवान के दर्शन होंगे। तब माघ महीने की मौनी अमावस्या के दिन जब तुलसीदास जी रामघाट पर भक्तों को चंदन लगा रहे थे तब भगवान राम एक छोटे बालक के रूप में उनके पास गए और उनसे कहा कि बाबा हमें चंदन नहीं लगाओगे। तब हनुमान को लगा कि कहीं इस बार भी तुलसीदास से भूल ना हो जाए इसलिए उन्होंने एक तोते का रूप धरा और कहने लगे

“चित्रकूट के घाट पर हुई सन्तन की भीर!

तुलसीदास चंदन घिसें तिलक देत रघुवीर!!”

तब भगवान राम ने तुलसीदास जी का हाथ पकड़ कर खुद को तिलक लगाया और तुलसीदास जी को भी तिलक किया।

रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ के प्रमुख त्यौहार | Ramgiri- Shivani Shakti Peeth Festivals

रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) में कई त्योहार मनाए जाते हैं। इन त्योहारों को यहां पर विशेष महत्व दिया जाता है और इन्हें बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इन दिनों माता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर में खास सजावट और रोशनी की जाती है। कई त्योहारों पर चित्रकूट में मेलों का आयोजन किया जाता है। आगे हम आपको रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ से जुड़े कुछ त्योहारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो इस प्रकार हैं-

महाशिवरात्रि

जैसा कि हमने आपको बताया कि रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ में भगवान शिव चण्ड के रूप में विराजित हैं। अतः इस शक्तिपीठ में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन बड़ी संख्या में दूर-दूर से भक्त गण यहां उपस्थित होते हैं और माता सती और भगवान शिव की आराधना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

नवरात्रि

चैत्र व शारदीय नवरात्र रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ मंदिर प्रमुख त्योहारों में से है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता के अलग-अलग रूपों की इस शक्तिपीठ में आराधना की जाती है। नवरात्रि के दिनों में मंदिर की विशेष सजावट की जाती है इन दिनों यहां दूर-दूर से भक्त गण आते हैं और माता की आराधना करते हैं। इन दिनों मंदिर में कन्या पूजन खास तौर से किया जाता है।

रामनवमी

भगवान राम का जन्मोत्सव रामनवमी रामगिरि- शिवानी शक्ति पीठ का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। जैसा कि हमने बताया कि चित्रकूट में भगवान राम ने अपने वनवास का एक हिस्सा बिताया था और मां शबरी के तप का फल दिया था। इसी मान्यता के अनुसार भगवान राम को यहां इष्ट देव के रूप में पूजा जाता है रामनवमी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।

मकर संक्रांति

रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ के प्रमुख त्योहारों में मकर संक्रांति भी शामिल है। इस दिन माता की विशेष पूजा की जाती है और उन्हें तिल गुड़ अर्पण किया जाता है और विशेष भोग भी लगाया जाता है।

इसके अलावा राम गिरी शिवानी शक्तिपीठ मंदिर में अमावस्या दीपावली और शरद पूर्णिमा इत्यादि त्योहार विशेष रूप से मनाए जाते हैं

रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ कैसे पहुंचे | How to Reach Ramgiri- Shivani Shakti Peeth

यदि आप रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) में दर्शन हेतु आना चाहते हैं तो आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग या वायु मार्ग के द्वारा इस मंदिर के लिए यात्रा कर सकते हैं। चित्रकूट से मंदिर तक की यात्रा के लिए बस या टैक्सी सेवाएं उपलब्ध है जिनकी सहायता से आप आसानी से मंदिर पहुंच सकते हैं। आगे हम आपको बता रहे हैं कि आप किस तरह रेल मार्ग, सड़क मार्ग और वायु मार्ग से रामगिरि- शिवानी शक्ति पीठ तक पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग से रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ कैसे पहुंचे?

यदि आप सड़क मार्ग से रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ की यात्रा करना चाहते हैं तो आप या तो अपने निजी वाहन से या फिर अपने शहर की किसी बस या टैक्सी सेवा के द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं। चित्रकूट बस अड्डे से आप टैक्सी द्वारा मंदिर तक की यात्रा कर सकते हैं।

रेल मार्ग से रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ कैसे पहुंचे?

रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ से सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन चित्रकूट है। इसके अलावा हजरत निजामुद्दीन- जबलपुर रेलवे रूट पर ‘चित्रकूटधाम कर्वी’ रेलवे स्टेशन स्थापित है जो लखनऊ से 285 किलोमीटर की दूरी पर है और हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से 670 किलोमीटर की दूरी पर है। रेलवे स्टेशन से आप बस या टैक्सी के माध्यम से रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ मंदिर पहुंच सकते हैं।

वायु मार्ग से रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ मंदिर कैसे पहुंचे?

यदि आपने रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ मंदिर की यात्रा के लिए वायु मार्ग चुना है तो हम आपको बता दें कि प्रयागराज हवाई अड्डा चित्रकूट के सबसे नजदीक है। इस हवाई अड्डे से आपको चित्रकूट तक पहुंचाने के लिए बस या टैक्सी का सहारा लेना होगा।

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रामगिरिशिवानी शक्तिपीठ में दर्शन और पूजा का समय | Timings of Ramgiri- Shivani Shakti Peeth

यदि आप रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ (Ramgiri- Shivani Shakti Peeth) मंदिर की यात्रा का मन बना रहे हैं तो आपको महीने यहां अक्टूबर से मार्च के बीच में यात्रा करनी चाहिए। क्योंकि इस अवधि में चित्रकूट का मौसम पर्यटन के लिहाज से काफी उपयुक्त होता है क्योंकि वर्षा ऋतु बीत चुकी होती है और सड़क मार्ग से आवागमन काफी सहज हो जाता है। इसके अलावा यही वो समय है जब राम गिरी शिवानी शक्तिपीठ में नवरात्र, शरद पूर्णिमा और दीपावली के त्योहार मनाए जाते हैं। अतः आप इन त्योहारों में होने वाली विशेष पूजा अर्चना का लाभ ले सकते हैं। आगे हम आपको मंदिर खुलने की समय सारणी के बारे में बता रहे हैं-

मंदिर खुलने की समय सारणी (Timing Of Temple)
सुबह (Morning)सुबह 7:30 से 11:00
शाम ( Evening)दोपहर 1:00 से 7:30

नोट – दोपहर 11:00 से 1:00 तक मंदिर में अवकाश रहता है।

FAQS : Ramgiri- Shivani Shakti Peeth

रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ की विशेषता क्या है?
यहां पर माता सती का दाहिना स्तन गिरा था।

चित्रकूट के बारे में प्रचलित मान्यता क्या है?
यहां पर तुलसीदास जी को भगवान राम के दर्शन हुए थे।

रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ के प्रमुख देवता कौन है?
माता सती एवं भगवान शिव चंड के रूप में।

चित्रकूट भगवान राम से किस तरह संबंधित है?
यहां भगवान राम ने अपने पिता महाराज दशरथ का श्राद्ध किया था।

रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ का अन्य नाम क्या है?
फूलमती शक्तिपीठ।

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