रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (Rameshwaram Jyotirlinga) : चारों धाम और 12 ज्योतिर्लिंग में से एक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (Rameshwaram Jyotirlinga), भारत का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहाँ पर दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित होती है! यह मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम छेत्र में स्थित है! रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) की एक विशेष बात यह है कि यहाँ पर दो प्रकार के ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, जिसका निर्माण भगवान राम द्वारा की गया था! आखिरकार दो शिवलिंग की स्थापना क्यूँ की गयी? रेत द्वारा निर्मित शिवलिंग की स्थापन किसने किसने की? इसके पीछे की पूरी कहानी क्या है? और साथ ही मंदिर से जुड़े अनेकों रहस्य जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़ें!
रामेश्वरम मंदिर का इतिहास (Rameshwaram Temple History)

रामेश्वर मंदिर का इतिहास भगवान राम के साथ जुडा हुआ है! रामायण काल में जब राम जी ने रावण का वध कर दिया था तब वह लंका से लौटते समय रामेश्वर मदिर की भूमि पर ही रुके थे, और यही पर ज्योतिर्लिंग का निर्माण कर, भगवान शिव की तपस्या की थी! एक मान्यता के अनुसार रावण, भगवान शिव का प्रिय भक्त था, लेकिन भगवान राम ने रावण का वध कर दिया था, इसके शोक में और शिव जी से छमा हेतु, राम जी ने ज्योतिर्लिंग का निर्माण किया था और तपस्या की थी!
रामेश्वरम मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था, जिसके निर्माणकर्ता पांडव वंश से थे! लेकिन मुग़लकाल शासन के दौरान इस मंदिर को नष्ट कर दिया गया था, जिसके बाद इस मंदिर का पुनः निर्माण हुआ था! प्राचीन काल में मंदिर में रखी मूर्तियों का निर्माण, काले ग्रेनाइट पत्थरों से किया गया था!
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रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां
मंदिर का नाम | रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर (Rameshwaram Temple) |
सम्बंधित धर्म | हिन्दू |
प्रमुख देवता | भगवान शिव |
जगह का नाम | रामेश्वरम, तमिलनाडु |
रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) के निर्माता | किजवाहन सेठुपति, रघुनाथ किलावन |
रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) से जुड़े त्यौहार | महाशिवरात्रि, वसंतोत्सवम, थिरुक्कल्याणम |
रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) की निर्माण शैली | द्रविड़ वास्तुकला शैली |
रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) खुलने का सही समय | 4:30 सुबह |
रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) की प्रमुख मूर्ति | ज्योतिर्लिंग |
रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) स्थापित काल | 1173 ई |
रामेश्वरम मंदिर का रहस्य (Rameshwaram Temple Mystery)

रामेश्वरम मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंग का निर्माण, भगवान राम द्वारा किया गया था, इसके बाद से ही रामेश्वरम मंदिर पुरे संसार में विख्यात हो गया! प्राचीन मान्यता के अनुसार रामेश्वरम मंदिर को चार धाम में से एक है, जिसके दर्शन मात्र हर दुःख और पीड़ा समाप्त हो जाती है, लेकिन क्या आप मंदिर से जुड़े उन रहस्यों को जानते हो, जिसमे भगवान राम और मंदिर से जुडी अनेकों विशेषताओं का जिक्र किया गया है! इस आर्टिकल के माध्यम से आप उन सभी रोचक तथ्यों के बारे में जानेंगे, जो सुनने में बड़े ही आश्चर्यजनक लगते हैं! चलिए मंदिर से जुड़े सभी रहस्यों को विस्तार से जानते हैं!
- रामेश्वरामं मंदिर का अर्थ है राम के स्वामी, जिसका स्पष्ट मतलब है की भगवान राम के स्वामी विष्णु जी को मंदिर के साथ जोड़ा गया है!
- मंदिर में रहने वाले पुरोहितों द्वारा पता चलता है कि मंदिर का निर्माण काले ग्रेनाइट पत्थरों से किया गया है, और मदिर की छत निर्माण में सोने का उपयोग किया गया है!
- रामेश्वरम मंदिर की संरचना काफी चौका देने वाली है क्यूंकि इस मंदिर की लम्बाई 1000 फुट और चौड़ाई 650 फुट है!
- रामेश्वरम मंदिर के निर्माण के दौरान, उपयोग होने वाली सभी वस्तुओं को समुंदर के जरिए नाव की मदद से लाया जाता था!
- रामेश्वरम मंदिर के अंदर एक विशालतम गलियारा मौजूद है, भू वैज्ञानिकों द्वारा यह अंदाजा लगाया जाता है कि दुनिया में किसी भी मंदिर में इतना बड़ा गलियारा मौजूद नहीं है! इस गलियारे की संरचना के साथ 1212 स्तंभों का निर्माण किया गया है, जिसपर रहस्यमयी कलाकृतियों का छाप देखी जा सकती है!
- रामेश्वरम मंदिर में अदभुत 24 कुएं मौजूद हैं, जिसके अंदर मीठा पानी पाया जाता है, एक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति इस पानी को पी लेता है उसके शरीर में मौजूद हर रोग नष्ट हो जाते हैं!
- रामेश्वरम मदिर में दो प्रकार के शिवलिंग मौजूद हैं, एक रेत द्वारा निर्मित शिवलिंग मौजूद है जिसकी पूजा भगवान राम ने सर्वप्रथम की थी! दुसरा शिवलिंग वह है जिसे हनुमान जी स्वयं कैलाश पर्वत से लेकर आए थे!
- रामेश्वरम मंदीर के अंदर कुल 22 कुंड मौजूद हैं, जिसमे हमेशा जल भरा रहता है!
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रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर की कहानी (Rameshwaram Jyotirlinga Temple Story)
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है, जिस प्रकार हर ज्योतिर्लिंग के पीछे कोई न कोई कहानी सुनी जाती है, उसी प्रकार रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना के पीछे भी एक कहानी बताई जाती हैं, जोकि भगवान राम से जुडी है! आर्टिकल में आगे हम इसी कहानी के बारे में विस्तार से जानेंगे!
रामायण काल में जब भगवान राम ने रावण का वध करके जब वह वापस अयोध्या वापस लौटने लौट रहे थे, तब वह रास्ते में गंधमादन पर्वत पर रुके और वहां पर विश्राम करने लगे! कुछ देर बाद भगवान राम के दर्शन हेतु अनेकों ऋषि और मुनि वहां पर पहुंच गए! वहां पहुंचकर सभी ऋषियों ने राम को आशीर्वाद दिया और कहने लगे की रावण का वध करने से आपके उपर ब्रम्हा वध का श्राप लगा है! तब ऋषियों की बात सुनकर भगवान राम ने इस श्राप से मुक्त होने का उपाय पूछा!
सभी ऋषियों में से एक ऋषि ने बताया कि आप शिवलिंग की स्थापना करके, भगवान शिव की तपस्या कीजिए! महादेव की कृपा मात्र से हर पापों से मुक्ति मिलेगी! परिणामस्वरूप भगवान राम ने अपने प्रिय भक्त हनुमान जी को कैलाश पर्वत से शिवलिंग लाने का आदेश दिया! हनुमान जी भगवान राम की आज्ञा मानकर कैलाश पर्वत पहुँच जाते हैं, लेकिन वहां पर शिव जी, ध्यान में लीन होते हैं, उनकी आज्ञा के बिना हनुमान जी शिवलिंग नहीं ले जा सकते थे, इसलिए हनुमान जी कैलाश पर्वत पर रुकर, उनके ध्यान से बाहार आने का इन्तेजार करने लगे!
इधर पूजा का शुभ मुहूर्त निकला जा रहा था, इसलिए माता सीता ने रेत की मदद से एक अदभुत शिवलिंग का निर्माण कर दिया, तब भगवान राम इस इस शिवलिंग की तपस्या करने लगे, कुछ समय बाद भगवान शिव प्रकट हो जाते हैं और राम जी को रावण की हत्या के श्राप से मुक्त कर देते हैं! तत्पश्चात हनुमान जी शिवलिंग के साथ वहां पहुँचते हैं, तब भगवान राम ने रेत द्वारा निर्मित शिवलिंग के साथ दुसरे शिवलिंग को एक साथ स्थापित कर दिया और बाद में यह शिवलिंग रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (Rameshwaram Jyotirlinga) के नाम से प्रसिद्ध हो गए!
रामेश्वरम में क्या खरीदें
रामेश्वरम मंदिर में स्तिथ ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए हजारों भक्त आते हैं, लेकिन मंदिर के अलावा भी यहाँ कई आकर्षक दुकाने मौजूद हैं जहां पर अनेकों हस्तलिपियां, मंदिर से जुड़े स्मृति चिन्ह और पारम्परिक वस्तुओं की बिक्री की जाती है! अगर आप प्राचीनतम वस्तुओं से ज्यादा लगाव रखते है और धार्मिक वस्तुओं के खरीदार हैं तो हमारे द्वारा सुझावित मंदिर से जुडी वस्तुओं के बारे में जरुर पढ़ें!
धार्मिक वस्तुएं
मंदिर के पास मौजूद दुकानों में हस्तनिर्मित मूर्तियाँ, पत्थर की मूर्तियाँ, रुद्रांश माला, पूजा की सभी सामग्रियां, आध्यात्मिक किताबें, और पीतल के दिए देखे जा सकते हैं, जिसे आप खरीदकर घर ला सकते हैं!
सीपी दवारा निर्मित हस्तलिपियां
यह मंदिर समुन्द्र तट के नजदीक स्तिथि है इस वजह से समुंदर से मिलने वाली सींप से अनेकों वस्तुओं का निर्माण किया जाता है! यहाँ दुकानों में आप शंख, शेल लैंप, पेन होल्डर, दीवार हैंगर, जैसी वस्तुओं को बड़ी ही आसानी से प्राप्त कर सकते हैं जोकि समुंद्री सीपियों द्वारा निर्मित की जाती हैं!
विशेष प्रकार के शिवलिंग
मंदिर के पास शिवलिंग जैसी वस्तओं को भी बेचा जाता है, लेकिन यहाँ पर बिकने वाली शिवलिंग कोई मामूली शिवलिंग नहीं है, बल्कि इसे क्रिस्टल शिवलिंग के रूप में दखा जा सकता है, इस प्रकार की शिवलिंग आपके लिए आश्चर्यजनक साबित हो सकती हैं!
पंचमुखी हनुमान की मूर्ति
पांच मुख वाले हनुमान जी की मूर्ति भारत में अन्य जगह बहुत कम ही देखने को मिलती है, लेकिन रामेश्वरम मंदिर के पास मौजूद दुकानों से आप इस तरह की मूर्तियों को बहुत ही आसानी से ख़रीद सकते हैं!
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे, जानिए आसान रास्ता

तमिलनाडू में स्तिथ रामेश्वरम मंदिर, दुनिया भर में प्रशिद्ध है! मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालु की भीड़ हर दिन देखी जा सकती है, ऐसे में अनेकों भक्तगण कई दूर दराज के इलाकों से, यहाँ रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने आते हैं! मंदिर के आस पास अनेकों होटल, और धर्मशालाएं मौजूद हैं, जहां पर ठहरने का, काफी अच्छा प्रबन्ध किया गया है! लेकिन दर्शन इच्छुक भक्तों के लिए सबसे अहम बात यह कि वह अपने शहर से मंदिर तक कैसे पहुँचे! अगर आप मंदिर जाने का प्लान बना रहें है तो आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और एयरपोर्ट के माध्यम से मंदिर तक पहुँच सकते हैं, चलिए मंदिर जाने वाले रास्तों के बारे में विस्तार से जानते हैं!
सड़क मार्ग द्वारा रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) कैसे पहुंचे –
सड़क मार्ग से मंदिर तक पहुचने के लिए सबसे पहले आपको, अपने शहर से बस द्वारा तमिलनाडु पहुंचना होगा! भारत के विभिन्न राज्यों से तमिलनाडू आने के लिए, सड़कों का अच्छा प्रबंध किया गया है, जिसकी वजह से सुविधाजनक सडकों के माध्यम से आप आसानी से तमिलनाडु तक पहुच सकते हैं! तमिलनाडू में मदुरई तक सफ़र तय करने के बाद, आप दूसरी बस की मदद से मंदिर के नजदीक पहुँच सकते हैं, इसके बाद बैटरी रिक्शा की मदद से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है!
रेलमार्ग द्वारा रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) कैसे पहुंचे –
आपके शहर से बस द्वारा रामेश्वरम मंदिर जाने का किराया ज्यादा है, तब आप ट्रेन की मदद ले सकते हैं! आप अपने शहर से मदुरई रेलवे स्टेशन वाली स्ट्रेन की टिकट बुक करवा सकते हैं! हो सकता है कि आपके शहर से मदुरई के लिए कोई डायरेक्ट ट्रेन ना हो, लेकिन आप मंदिर आने के लिए दो ट्रेन बदलकर मदुरई रेलवे स्टेशन तक आसानी से पहुँच सकते हैं! रेलवे स्टेशन पहुचने के बाद यहाँ से बस की मदद लेनी पड़ेगी, क्यूंकि रेलवे स्टेशन से मंदिर की दुरी लगभग 175 किलोमीटर है! लेकिन यहाँ से बस का किराया कम लगेगा, इस तरह से आप मंदिर पहुँच जाओगे!
हवाई जहाज से रामेश्वरम मंदिर (Rameshwaram Temple) कैसे पहुंचे –
हवाई जहाज से मंदिर का सफ़र तय करने के लिए आपको मदुरई एयरपोर्ट की टिकट बुक करनी पड़ेगी! यहाँ से मंदिर की दुरी लगभग 170 किलोमीटर है! इसके लिए आपको बस की मदद लेनी पड़ेगी! हवाई जहाज से आपका किराया ज्यादा लग सकता है, लेकिन कुछ ही घंटो के अंदर आप मदुरई एयरपोर्ट तक पहुच जाओगे, और वहां से बस की मदद से मंदिर तक पहुँच सकते हैं!
रामेश्वरम मंदिर में का पूजा समय और मंदिर के नियम
अगर आप रामेश्वरम मंदिर जाने के बारे में सोच रहे हैं, तब आपको मंदिर से जुड़े कुछ नियमों को जरुर जान लेना चाहिए! मंदिर में उन्ही लोगों को प्रवेश दिया जाता है जो सभ्य पोषक में होते हैं! गिले कपड़ों के साथ मंदिर में जाने के लिए मना किया जाता है! जो महिला या पुरुष जींस या अन्य दुसरे स्टाइलिश कपड़ों में होंगे, उन सभी को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी जाती! रामेश्वरम मंदिर में पूजा से जुडी कुछ समय सरणी निर्धारित की गयी, जिसके अनुसार आप पूजा या आरती का सही समय पता लगा सकते हैं!
रामेश्वरम मंदिर में पूजा की समय सारणी –
पूजा का नाम | समय |
पल्लियारै धीपा आराधना | सुबह 5.00 बजे |
स्पतिका लिंग पूजा | सुबह 5.10 बजे |
तिरुवनाथल पूजा | सुबह 6.00 बजे |
विला पूजा | सुबह 7.00 बजे |
अर्थजमा पूजा | सुबह 8.30 बजे |
पल्लियाराय पूजा | सुबह 8.45 बजे |
काला शांति पूजा | सुबह 10.00 बजे |
ऊंची कला पूजा | दोपहर 12.00 बजे |
FAQ
रामेश्वरम मंदिर की विशेष बात क्या है?
रामेश्वरम मंदिर में 2 प्रकार के शिवलिंग मौजूद हैं!
रामेश्वरम में क्या खरीद सकतें हैं ?
रामेश्वरम मंदिर जाकर आप धार्मिक वस्तुएं, हस्तलिपियां, शिवलिंग, और विचित्र मूर्तियाँ खरीद सकते हैं!
रामेश्वरम में कौन सी नदी स्तिथ हैं?
चंबल नदी, बनास नदी और सीप नदी!
रामेश्वरम मंदिर के पास कितने समुंदर का मेल है?
रामेश्वरम के नजदीक बंगाल की खाड़ी, हिन्द महासागर, और मन्नार की खाड़ी तीन समुंदर एक साथ मिलते हैं!
क्या जींस पहनकर रामेश्वरम मंदिर के अंदर जाने की अनुमति दी जाती है?
रामेश्वरम मंदिर के नियम अनुसार मंदिर में लुंगी, जींस, टाइट लेगिंग पहनकर जाने पर मनाही है!
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