कब से लागल आस पुराइल,
सब जन के मनवा हरसाइल
आआ….
हो कब से लागल आस पुराइल,
सब जन के मनवा हरसाइल
दुनिया देखे घर घर में भगवा लहराइल बा..
राम मंदिर में अइले, राम राज अब फिर से आइल बा
राम मंदिर में अइले, राम राज अब फिर से आइल बा
बोलो राम राम राम राजा राम राम राम
हरे राम राम राम सीता राम राम राम
जग के पालनहार भला
कब तक ये साँसत सहते,
कब तक ये साँसत सहते,
सब को महल में रख कर खुद
तंबू में कब तक रहते,
तंबू में कब तक रहते,
पाए सिंहासन रघुवर अब शुभदिन भेंटाइल बा
राम मंदिर में अइले, राम राज अब फिर से आइल बा
राम मंदिर में अइले, राम राज अब फिर से आइल बा
बोलो राम राम राम राजा राम राम राम
हरे राम राम राम सीता राम राम राम
कटे थे जितने सर इस युद्ध में
सबने था यह बोला, सबने था यह बोला,
राम के घर में देर भले हो
कबो अंधेर ना होला, कबो अंधेर ना होला
बरिसन के संताप मिटल भगिया उजियाइल बा
राम मंदिर में अइले, राम राज अब फिर से आइल बा
राम मंदिर में अइले, राम राज अब फिर से आइल बा
बोलो राम राम राम राजा राम राम राम
हरे राम राम राम सीता राम राम राम
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