पार्वती बोली शंकर से…..
पार्वती बोली शंकर से,सुनिये भोलेनाथ जी
रहना है हर एक जनम में, मुझे तुम्हारे साथ जी
वचन दीजिये ना छोड़ेंगे, कभी हमारा हाथ जी….
ओ भोलेनाथ जी ओ शंभूनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंकरनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंभूनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंकरनाथ जी
जैसे मस्तक पे चंदा है, गंगा बसी जटाओ में
वैसे रखना हे अभिनाशी, मुझे प्रेम की छाओ में..
जैसे मस्तक पे चंदा है गंगा बसी जटाओ में
वैसे रखना हे अभिनाशी,मुझे प्रेम की छाओ में
कोई नहीं तुमसा तीनो लोको में, दसो दिशाओ में
महलो से ज्यादा सुख है, कैलाश की खुली हवाओ में
तुम हो जहा वहा होती है..
तुम हो जहा वहा होती है, अमृत की बरसात जी
रहना है हर एक जनम में, मुझे तुम्हारे साथ जी
वचन दीजिये ना छोड़ोगे, कभी हमारा हाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंभूनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंकरनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंभूनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंकरनाथ जी
देव हो तुम देवो के भोले, अमर हो अन्तर्यामी हो
भाग्यवान है हम त्रिपुरारी, आप हमारे स्वामी हो
देव हो तुम देवो के भोले, अमर हो अन्तर्यामी हो
भाग्यवान है हम त्रिपुरारी, आप हमारे स्वामी हो
पुष्प विमानों से प्यारी, हमको नंदी की सवारी जी
युगो युगो से पार्वती, भोले तुमपे बलिहारी जी
जब लाओ तुम्ही लाना…
जब लाओ तुम्ही लाना, द्वारे मेरे बारात जी
ओ भोलेनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंभूनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंभूनाथ जी
प्राण मेरे बस्ते है तुम में, तुम बिन मेरी नहीं गति
अग्नि कुंड में होके भष्म, तुम हुयी थी मेरे लिये सती
शिव बिन जैसे शक्ति अधूरी, शक्ति बिन शिव आधे है
जनमो तक ना टूटेंगे, ये जनम जनम के नाते है
तुम ही मेरी संध्या हो गौरी. तुम ही मेरी प्रभात जी
वचन है मेरा ना छोडूंगा, कभी तुम्हारा हाथ जी
सदा रहे है सदा रहेंगे, गौरी शंकर साथ जी
है गौरा पार्वती है है गौरा पार्वती है
जी भोलेनाथ जी ओ शंकरनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंभूनाथ जी
ओ भोलेनाथ जी ओ शंकरनाथ जी
ओ मेरे भोला है मेरे साथ साथ, मैं झूम झूम के नाचू
मेरे भोला है मेरे साथ साथ, मैं घूम घूम के नाचू
मैं झूम झूम के नाचू, अरे घूम घूम के नाचू
मेरे भोला ओ मेरा भोला
मेरे भोला है मेरे साथ साथ, मैं झूम झूम के नाचू
मेरे भोला है मेरे साथ साथ, मैं घूम घूम के नाचू
ओ भोलेनाथ जी
ओ शंभूनाथ जी
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