सोमवार, जुलाई 7, 2025
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2024 में देखने के लिये तमिलनाडु के 10 सुप्रसिद्ध मंदिर | 10 Most Famous Temple In Tamilnadu in hindi

10 Famous Temple In Tamilnadu : सनातन धर्म में पूजनीय स्थलों की कमी नहीं है और ना ही कभी होगी। जिस तरह हिन्दू धर्म में भक्तो की कमी नहीं है, उसी प्रकार मंदिर में दर्शन करने वालें लोगो की भी कमी नहीं है। तमिलनाडु जैसे राज्य में भगवान शिव और विष्णु जी के मंदिर, हजारों की संख्या में मौजूद हैं। हर एक मशहूर मंदिर की अपनी कहानी है जिसे शायद आप ना जानते हों, इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से 10 Famous Temple In Tamilnadu के बारें में विस्तार से जानेंगे, और इनसे जुड़े हर रहस्यों को जानेंगे। अगर आप तमिलनाडु के सभी मशहूर मंदिर के बारे में विस्तार से जानना चाहतें है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़ें।

Famous Temples in Tamilnadu

भारत धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर अनेकों ऐसे मंदिर स्थापित है, जिनके बारे अभी शायद आप कुछ भी नहीं जानते होंगे। इनमे से कुछ मंदिर ऐसे है जो 7 ईसवी से 10 ईसवी के मध्य स्थापित हो चुके थे, लेकिन आज भी इन मंदिरों को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते-जाते रहतें है। आज हम यहाँ पर उन मशहूर मंदिरों के बारें में चर्चा करने वालें है जोकि तमिलनाडु में स्तिथ है और इनके बारें में जानकार आप यहाँ जाने के लिए मजबूर हो जाओगे।

भवानी सांगमेश्वरार मंदिर (Bhavani Temple Tamilnadu)

हिन्दू धर्म में प्रचलित, यह मंदिर भगवान शिव से जुड़ा है। कावेरी, भवानी, अमुधा जैसी नदियों के संगम पर इसका सुन्दर निर्माण किया गया है। इस मंदिर का निर्माण 4 एकड़ की जमीन पर हुआ है। इस मंदिर के निर्माण में शिला स्तिथ पत्थरों की नक्काशी की गयी है। भवानी संगमेश्वर मंदिर के पानी को कावेरी तीर्थम, सूर्य तीर्थम, गायत्री तीर्थम की परिभाषा दी जाती है।

प्राचीन मान्यता के अनुसार-कुबेर जी की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें मंदिरों के आहार विहार हेतु विमान प्रदान किया था। जिसकी मदद से वह भवानी मंदिर का विहार करते थें।

इस मंदिर के नीचे शिवलिंग स्थापित है। जिसके दर्शन तो नहीं किये जा सकते, लेकिन उसकी पूजा अर्चना जरुर की जाती है। इस मंदिर के पास ही इलन्धई नामक एक वृक्ष स्तिथ है जिसपर हर मौसम में फल उगते हैं। मंदिर में पूजा अर्चना के दौरान इस वृक्ष का मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।

विवरणविशेषता
स्थानएरोड जिला (तमिलनाडु)
निर्माणकर्ताकेंगु राज्य के राजा
मुख्य देवताशिव और विष्णु देवता
मुख्य बातमंदिर के निचे शिवलिंग की स्थापना
कुल विस्तृत जगह4 एकड़
लागत2 करोड़
उद्घाटन1000 वर्ष पूर्व

थिरुपरंकंद्रम, स्वमीमलाई, थिरुचेंदुर (मुरुगन मंदिर, तमिलनाडु) (Murugan Temple in Tamilnadu)

भगवान शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय के रूप में स्थापित इस मंदिर को तमिलनाडु के विभिन छेत्रो में देखा जा सकता है। कार्तिकेय दक्षिण भारत के राज्यों के रक्षक माने जाते थे। यहाँ पर मुरुगन से तात्पर्य है मोर पक्षी की सवारी करने वाले देव। मुरुगन मंदिर के कुछ प्रमुख स्थल थिरुपरंकुन्द्रम, तिरुचेंदुर, पलानी, स्वामिमलाई, तिरुत्तानी।

भारत में प्रशिद्ध मुरुगन मंदिर-

थिरुपरंकंद्रम यह मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में स्थित है, इस स्थान की खास बात यह है कि यहाँ पर मुरुगन देव ने इंद्र की पुत्री से विवाह संपन्न किया था।

स्वमीमलाई यह मंदिर कम्बकोणम के पास स्तापित है। पर्वतीय स्थल होने के कारण इस मंदिर के द्वार पर पहुचने के लिए गिनती की 60 सीढियों की चढ़ाई करनी पड़ती है। इस मंदिर की खास बात यह है की इसमें भगवान मुरुगन हांथी पर सवार है।

थिरुचेंदुर तमिलनाडु के तूतीकोरिन छेत्र में स्तिथ यह मंदिर मुरुगन देव का प्रतिक है। यह मंदिर समुंदर के बेहद करीब है। मंदिर को देखने के लिए हजारो के संख्या में लोग यहाँ प्रस्तान करतें है।

विवरणविशेषता
स्थानमदुरै, कोम्बकोणम, तूतीकोरिन
वास्तुकलातमिल वस्तुकला द्वारा निर्मित
मुख्य देवताकार्तिकेय
मुख्य बात6 प्रमुख मंदिर स्थापित है
वाहनमोर
अस्त्रधनुष भाला
प्रमुख उत्सवस्कन्दषष्टि

रंगनाथस्वामी मंदिर, तमिलनाडु

भारत धार्मिक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। जैसा की हम सभी जानते है अयोध्या में श्री राम मंदिर का कार्य जोरो शोरो से चल रहा है, भविष्य में होने वाला सबसे बड़ा मंदिर यही कहलायेगा। लेकिन वर्तमान समय में किसी बड़े मंदिर की बात की जाए तो वह रंगनाथस्वामी मंदिर है, जोकि तमिलनाडु के तिरुचीरापल्ली में स्तिथ है। रंगनाथम मंदिर विष्णु भगवान का प्रतिक है, इसी कारण इस मंदिर में विष्णु जी की पूजा अर्चना की जाती है।

तमिलनाडु का यह प्रसिद्ध मंदिर कावेरी नदी के एकदम समीप है। यह मंदिर 156 एकड़ की भूमि में विस्तृत है। इस मंदिर में 1000 साल पुरानी ममी को सुरक्षित रखा गया है। श्रधालुओ की मदद हेतु इस मंदिर में 200 लोगो को प्रतिदिन भोजन करवाया जाता है।

मंदिर तक पहुचने के लिए रास्ता-

इस मंदिर तक पहुचने के लिए आपको तिरुचिरापल्ली हवाई एअरपोर्ट से 12 किलोमीटर की दुरी को पूरा करना होता है। तिरुचिरापल्ली रेलव स्टेशन से मंदिर का सफ़र पूरा करना चाहते हैं तब आपको 8 किलोमीटर का सफ़र पूरा करना होगा।

विवरणविशेषता
स्थानतिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु)
निर्माणकर्ताचोल शासक धर्म वर्मा
मुख्य देवताभगवन विष्णु
मुख्य बातशेषनाग की शैय्या पर विराजित विष्णु जी को दिखाया गया है।
कुल विस्तृत जगह156 एकड़
लागत45 लाख
उद्घाटन1003 ई से 1010 ई के बीच

रामेश्वरम मंदिर, तमिलनाडु (Rameshwaram Temple Tamilnadu)

सनातन धर्म में इस मंदिर की एक विशेष पहचान है। यह मंदिर तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है, इस मंदिर की कलाकृतियां इतनी भव्य और सुंदर है, कि किसी का भी व्यक्ति का मन मोह सकती हैं। मंदिर की दीवारों पर काफी अचंभित नक्कासियों का चित्रण किया है। लोगो द्वारा बताया जाता है कि इस मंदिर से होकर गुजरने वाली गलियां काफी लंबी है। रामेश्वर मंदिर के निर्माण में आवश्यक सामग्री श्रीलंका से नाव के जरिए लाई जाती थी।

रामेश्वर मंदिर पर एक कथा-

जब राम जी, रावण को पराजित करके रामेश्वरम पहुंचे तो वहा उन्होंने शिव स्थापित करने का प्राण लिया। लेकिन शिवलिंग ना होने के वजह से भगवान राम ने हनुमान जी से आग्रह की वह कैलाश पर्वत जाकर शिवलिंग लाए। इसके उपरांत जब हनुमान जी कैलाश पर्वत पहुंचे, तब उन्हे वापस आने में विलंब हो गया, जिस कारण राम जी ने रेत की शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा अर्चना शुरू कर दी। जब हनुमान जी शिवलिंग लेकर रामेश्वरम पहुंचे, तब राम जी ने शिवलिंग की स्थापना वही कर दी। इस तरह से वहां पर रामेश्वरम मंदिर को उत्त्पति हो पाई।

विवरणविशेषता
स्थानरामनाथपुरम
निर्माणकर्ताराजा मुथुरामलिंगा सेतुपति
मुख्य देवताशिव शंकर
मुख्य बातमंदिर में 24 कुआं का निर्माण हैं
वास्तुकलाद्रविड़ वास्तुकला
सम्बंधितहिन्दू धर्म

शिव मंदिर , तमिलनाड़ु (Shiva Temple In Tamilnadu)

शिव जी के भक्तो के लिए तमिलनाडु में स्तिथ यह शिव मंदिर मुख्य रूप से प्रचलित है। जिस तरह इस राज्य में अनेकों मंदिर विख्यात है उसी तरह शिव मंदिर लोगो के लिए पूजनीय आस्था का धाम है। समान्य रूप से तमिलनाडु के विभिन्न स्थलों में अनेको शिव मद्निर मौजूद है। यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुवनमलाई जिले में मौजूद है। यह मंदिर अन्नामलाई पर्वत पर स्तिथ है इस पर्वत की उचाई 2668 फिट है। कार्तिक माह की पूर्णिमा को इस मंदिर में पूजनीय उत्सव किया जाता है।

मदिर कथा –

एक पुरानी कथा के अनुसार ब्रम्ह देव ने, शिव जी के शीर्ष को देखने की चाहत में हंस का रूप धारण कर लिया। वह आकाश में उड़ते शिव जी के पास जाने लगे। लाख कोशिश के बाद भी ब्रम्हा जी शिव के शीर्ष तक नहीं पहुच सकें। इसके बाद उन्होंने वहां पड़े केवड़ पुष्प से अपनी शिव जी के शीर्ष को देखने की बात मनवाई, जो की पूर्ण रूप से झूठी थी। जब शिव जी को इस बात का पता चला तो, उन्होंने ब्रम्हा और पुर्ष्प दोनों को श्राप दे दिया। जहाँ पुष्प पड़ा था वाही जगह बाद में चलकर तिरुवंमलाई के नाम से प्रसिद्ध हो गयी।

विवरणविशेषता
स्थानतिरुवनमलाई, तमिलनाडु
निर्माणकर्तातमिल राज्य के चोल वंशीय राजा
मुख्य देवताभगवान शिव
मुख्य बातपुष्प श्रापित जगह पर स्थित मंदिर
कुल विस्तृत जगह24.9 एकड़
वास्तुकलाहोयसला संस्कृति की नक्काशी
उद्घाटन850ई से 1280ई के बीच

श्री लक्ष्मी नारायणी गोल्डन टेम्पल (Golden Temple In Tamilnadu)

तमिलनाडु राज्य के वल्लोर नगर में स्तिथ लक्ष्मी नारायणी मंदिर गोल्डन टेम्पल से जाना जाता है। इस मंदिर की सबसे आश्चर्य जनक बात यह है कि यह मंदिर सोने से परिपूर्ण है। इस मंदिर के निर्माण में 1500 किलोग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है।

मंदिर के पास रहने वालों की सुने तो, उनके अनुसार जैसे-जैसे रात होती है इस मंदिर की चमक आस पास के इलाकों में फ़ैल जाती है।आपको यह जानकार हैरानी होगी कि इस मंदिर के निर्माण कार्य में लगभग 300 करोड़ रूपए की लगत आई थी। लक्ष्मी नारायणी मंदिर 2007 में बनकर तैयार हो गया था। अगर इसके बनावट की बात करें, तो यह वृताकार आकृति में 100 एकड़ की जमींन में फैला हुआ है।

विवरणविशेषता
स्थानवेल्लोर (तमिलनाडु)
निर्माणकर्ताश्री नारायणी पीडम
मुख्य देवतामहालक्ष्मी
मुख्य बातसोने द्वारा निर्मित मूर्तियाँ
कुल विस्तृत जगह100 एकड़
लागत300 करोड़
उद्घाटनवर्ष 2007

एकाम्बरेश्वर मंदिर, कांचीपुरम, तमिलनाड़ु

भारत के कांचीपुरम नगर में स्थित यह मंदिर शिव का प्रतीक है। यह मंदिर 25 एकड़ के चेत्र में फैला हुआ है। इस मंदिर की औसतन ऊंचाई 192 फीट है। इस मंदिर में एक आम का पेड़ मौजूद है जोकि लोगो के लिए काफी आश्चर्यजनक है क्यूंकि इस आम के पेड़ पर सिर्फ मठ फल ही नहीं बल्कि अनेको स्वादों वाले आप फलते हैं।

एक मान्यता के अनुसार तथ्य-

प्राचीन मान्यता के अनुसार, माता पार्वती किसी नदी के पास स्तिथ आम के पेड़ की तपस्या करके खुद के पापों से मुक्त होना चाहती थीं। जब पार्वती जी ने तपस्या शुरू की तो शिव जी ने उनकी तपस्या को भंग करनी चाही, जिसके चलते पारवती जी ने उस आम के पेड़ के पास रेत का शिवलिंग बना कर उसकी पूजा करनी शुरू कर दी। तब से वहां एकाम्बरेश्वर मंदिर प्रचलित हो गया।

विवरणविशेषता
स्थानकांचीपुरम, तमिलनाडु
निर्माणकर्तापल्लव,चोल के राजा
मुख्य देवताशिव शंकर
मुख्य बातमंदिर मेंआम का अद्भुत वृक्ष
कुल विस्तृत जगह25 एकड़
सम्बंधितहिन्दू धर्म
वास्तुकलाद्रविड़ वास्तुकला

कुम्भकोणम ब्रम्हा मंदिर, तमिलनाडु (Brahma Temple In Tamilnadu)

यह ब्रम्हा जी का मंदिर तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्तिथ है। इस मंदिर में मुख्य रूप से ब्रम्हा जी की मूर्ति को विराजित किया गया है। इस मंदिर में ब्रम्हा जी की विशाल मूर्ति के साथ उनके चार मुख को दिखाया गया है। यहाँ पर आने वाले अगुन्ताको की भीड़ काफी ज्यादा रहती है। लोगो की मान्यता के अनुसार दुनिया के रचियता ब्रम्हा जी हर भक्त की मनोकामना पूरी करतें है।

एक कथा के अनुसार-

ब्रम्हा जी ने किसी मिटटी के कमंडल में जल रखता था जिसमे से पानी रिसने के कारण आस पास की जमीन गीली हो गयी थी इसी के परिणाम स्वरूप ब्रम्हा जी के इस मदिर के आस पास सरोवर की स्थापना हुई।

विवरणविशेषता
स्थानताजवुर, तमिलनाडु
निर्माणकर्ताराजा वलवीर ओरी
मुख्य देवताब्रम्हा जी
मुख्य बातमंदिर के पास सरोवर की स्थापना
प्रस्थान समय7 बजे सुबह से 12 बजे दोपहर 4 बजे शाम से 8 बजे रात तक

चिदम्बरम नटराज मंदिर, तमिलनाडु (Chidambaram Temple Tamilnadu)

यह मंदिर तमिलनाडु में पांडूचेरी के पास स्तिथ है। यह मंदिर 40 एकड़ की जमीं में फैला हुआ है। यह द्रविण वास्तु कला शैली का एक प्रमुख उदाहरण है। इस मंदिर में शिव की मूर्ति विराजित की गयी है। भगवन शंकर को नृत्यु करते हुए इस मूर्ति के माध्यम से चित्रित किया गया है। इस मूर्ति पे काले रंग से पेंटिंग की गयी है।

मंदिर का महत्व-

रूप – भगवान शिव मानव रूप देवता है, जिन्हें दक्षिण भारत में सकल थिरुमेनी नाम से भी जाता है।

मूर्ति चित्रण– नटराज मूर्ति में शिव जी के पैरो के नीचे राक्षस को दर्शाया गया है, जोकि बुराइयों को मिटाने का संदेश देता है।

चक्र – मूर्ति में शिव जी के पीछे प्रदर्शित चक्र ब्रम्हांड का प्रतीक है।

डमरू – शिव के हाथ में दिखाया जाने वाला डमरू जीवन का संदेशवाहक है।

विवरणविशेषता
स्थानरामनाथपुरम, तमिलनाडु
सम्बंधितहिन्दू धर्म
मुख्य देवताभगवान शिव
मुख्य बातनृत्य रूपी मूर्ति
कुल विस्तृत जगह40 एकड़
वास्तुकलाद्रविड़ वास्तुकला

मीनाक्षी मंदिर, तमिलनाडु (Minakshi Temple Tamilnadu)

मीनाक्षी मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में स्तिथ है। इस मंदिर का निर्माण कुलशेखर पांडियन के करवाया था, इसके पीछे एक खास वजह थी की उन्होंने अपने सपने में भगवान शिव के दर्शन किये थे, भगवान ने उन्हें इस मंदिर के बारे में बताया था। इसके उपरांत उन्होंने इस मंदिर का निर्माण हेतु संकल्प लिया था। इस मंदिर को 17 शताब्दी के शुरू में तैयार किया गया था।

मंदिरनिर्माण की प्रस्तुति –

यह मंदिर 14 एकड़ छेत्र में फैला हुआ है। इस मंदिर से सटी हुई ऊँची-ऊँची दीवारों का निर्माण किया गया है। मंदिर के भीतर अनेकों मुर्तिया स्थापित की गयी है। इस मंदिर में एक तालाब की संरचना की गयी है। मंदिर के ऊपर मंडल जैसी सरचना है जो देखने में काफी आश्चर्यजनक है।

विवरणविशेषता
स्थानमदुरै
निर्माणकर्ताकुलशेखर पांडियन
मुख्य देवताशिव तथा पार्वती
प्रमुख उत्सवरथ यात्रा, नवरात्री,
कुल विस्तृत जगह14 एकड़
सम्बंधितहिन्दू धर्म
उद्घाटन17 शताब्दी

FAQ:

तमिलनाडु में कुल कितने मंदिर है?

सनातन धर्म के अनुसार हिन्दू द्वारा पूजे जाने वाले मंदिरों की कुल संख्या 40,000 से भी अधिक है।

तमिलनाडु का सबसे बड़ा मंदिर कौनसा है?

रंगनाथस्वामी मंदिर, तमिलनाडु तथा चितम्बरम नटराज मंदिर दोनों ही तमिलनाडु कसे सबसे बड़े मंदिर हैं।

तमिलनाडु में सबसे प्रमुख देवता कौन से माने जाते हैं?

शिव शंकर।



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