रविवार, अगस्त 3, 2025
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मंगल चंडिका शक्ति पीठ में पशुओं की बलि के बाद जमीन में गाड दिया जाता है सिर, जानिए मंदिर से जुड़े अनेकों रहस्य | Mangal Chandika Shakti Peeth in Hindi

मंगल चंडिका शक्ति पीठ (Mangal Chandika Shakti Peeth) जिसे उजानी शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है। 51 शक्तिपीठों से प्रशिद्ध, इस शक्तिपीठ के स्थान पर माता सती की कलाई गिरी थी, जिनके आशीर्वाद से यहाँ पर चंडिका देवी का विशाल मंदिर निर्मित हुआ। देवी की मूर्ति को काले पत्थरों से निर्मित किया गया है। मंगल चंडिका शक्ति पीठ में अनेकों घटनाएं आज भी कहानियों के रूप में ज़िंदा है, जिन्हें आप आर्टिकल में जानेंगे, इसके साथ ही मंदिर से जुड़े रहस्यों को जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़ें।

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मंगल चंडिका शक्ति पीठ में पागल हुई एक महिला

सैकड़ों साल पहले, चंडिका देवी के मंदिर में एक अनहोनी हुई थी, जिसके बारे में प्राचीन पुरोहितों द्वारा पता चला था। कहा जाता है कि सैकड़ों साल पहले एक पुरोहित ने इस घटना को अपनी आँखों के सामने देखा था, तब उसी पुरोहित द्वारा इस घटना की जानकारी अन्य पुरोहितों को बताई गई। आज भी पुरोहितो द्वारा बताया जाता है कि एक महिला जो मंदिर में जाकर देवी की पूजा करना चाहती थी, लेकिन एक पुरोहित ने उसे मना कर दिया था क्यूंकि उस समय माता के दर्शन करने का उचित समय नहीं था और महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं दी जाती है।

पुरोहित के मना करने के बाद भी महिला जबरन मंदिर में जाकर देवी की पूजा करने लगी। पूजा के कुछ समय बाद महिला गंभीर अवस्था में दिखने लगती है, बताया जाता है कि वह महिला पूरी तरह से पागल हो चुकी थी। और सबसे चौका देने वाली बात यह कि इस घटना के कुछ दिनों के बाद ही उस महिला का देहांत हो गया। इस घटना के बाद मंदिर में महिलाओं का प्रवेश पूर्ण रूप से वर्जित कर दिया गया, हालाकि महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजात दी जाती है, लेकिन वह देवी के पास जाकर उनकी पूजा नहीं कर सकती।

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मंगल चंडिका शक्ति पीठ में पशु के सिर को जमीन में रखने की प्रथा

अक्सर आपने सूना होगा की मंदिरों में पशुओं की बलि दी जाती है। यह एक प्राचीनतम प्रथा है जो कहीं ना कहीं मंदिरों के पुरोहितों द्वारा निभाई जाती है। इसी तरह मंगल चंडिका शक्ति पीठ (Mangal Chandika Shakti Peeth) मंदिर में भी जानवरों की बलि दी जाती है। इसके साथ ही मंदिर में मौजूद देवी की पूजा आराधना की जाती है। बलि के उपरान्त सभी भक्तगणों को प्रसाद प्रदान किया जाता है। एक मान्यता के अनुसार बलि से प्राप्त प्रसाद को मंदिर में आने वाली महिलाओं को नहीं दिया जाता, क्यूंकि महिलाओ को इस तरह का प्रसाद देना अशुभ माना जाता है।

मंदिर में रहने वाले पुरोहितों का कहना है कि यहाँ पर विशेष अनुष्ठान पर पशुओं की बलि दी जाती है जब बकरों की बालियाँ दी जाती है तब उसका सिर एक विशेष स्थान पर गाड दिया जाता है। बलि देने के बाद पशु रूपी प्रसाद को भक्तगणों में बांट दिया जाता है। सभी भक्तगण इस प्रसाद को मंदिर में बैठकर ही ग्रहण करते हैं।

मंगल चंडिका शक्ति पीठ की महत्वपूर्ण जानकारी

मंदिर का नाममंगल चंडिका शक्ति पीठ (Mangal Chandika Shakti Peeth)
मंदिर की प्रमुख देवताचंडिका देवी, कपिलाम्बर (भगवान शिव)
मंदिर की जगहपश्चिम बंगाल
मंदिर की भाषाबंगाली, हिंदी
मंदिर की प्रमुखतायहाँ पर माता सती की कलाई गिरी थी
मंदिर से जुड़े त्यौहारनवरात्री, शिवरात्रि,
मंदिर का पुनः निर्माण17वीं शताब्दी
मंदिर के निर्माणकर्तासबर्ना राय चौधरी

मंगल चंडिका शक्ति पीठ के रहस्य | Facts Of Mangal Chandika Shakti Peeth in Hindi

मंगल चंडिका देवी माता सती का स्वरूप हैं। आज से 100 साल पहले मंदिर में अनेकों घटनाएं घटित हुई थी, जिन्हें आज भी कहानियों के रूप में बताया जाता है, इसके साथ ही मंदिर से जुड़े अनेकों रहस्य हैं जिनको आप आर्टिकल में आगे पढ़ सकते हैं।

  • एक मान्यता है, मंगल चंडिका मंदिर के पास ही माता सती की कलाई गिरी थी, जिसके कारण मंदिर की भूमि पर मंगल चंडिका शक्ति पीठ (Mangal Chandika Shakti Peeth) की स्थापना हुई।
  • मंगल चंडिका शक्ति पीठ (Mangal Chandika Shakti Peeth) मंदिर में माता सती को मंगल चंडिका देवी तथा भैरव को कपिलाम्बर के नाम से जाना जाता है, जोकि भगवान शिव का स्वरूप है।
  • मंगल चंडिका के नाम से तीन शक्ति पीठ भारत में स्थित है जिसमें से प्रमुख शक्तिपीठ उज्जैन में है इसलिए पश्चिम बंगाल में स्थित इस शक्तिपीठ की जगह को ‘उजानी’ भी कहा जाता है
  • मंगल चंडिका शक्ति पीठ मंदिर (Mangal Chandika Shakti Peeth) में महिलाओं के पूजा पाठ करने पर मनाही है।
  • मंगल चंडिका शक्ति पीठ मंदिर (Mangal Chandika Shakti Peeth) में विशेष अनुष्ठानो पर अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • एक मान्यता के अनुसार मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों के सभी दुःख दूर हो जाते हैं।
  • मंगल चंडिका शक्ति पीठ (Mangal Chandika Shakti Peeth) मंदिर में देवी के साथ अन्य देवताओं की मूर्तियाँ भी देखी जा सकती है।
  • मंगल चंडिका शक्ति पीठ (Mangal Chandika Shakti Peeth) मंदिर के पास ही अजय नामक नदी बहती है, जिसके जल को आज भी पवित्र माना जाता है।

मंगल चंडिका शक्ति पीठ से जुड़े चमत्कार | Maracles Of Mangal Chandika Shakti Peeth

मंगल चंडिका शक्तिपीठ मंदिर से जुड़ी आनेको कहानियां बताई जाती है, जिसे सुनकर कोई भी व्यक्ति आश्चर्यचकित रह जाएगा, हालांकि इन सभी कहानियों से जुड़े वैज्ञानिक सबूत मौजूद नहीं है परंतु फिर भी मंदिर के पुजारी तथा आसपास रहने वाले लोगों द्वारा इन कहानियों पर विश्वास किया जाता है। आखिर ऐसी कौन सी घटनाएं हैं जो मंदिर के पास मौजूद लोगों द्वारा बताई जाती हैं चलिए इन सभी घटनाओं को विस्तार से जानते हैं।

  • एक प्राचीन घटना के अनुसार एक बाढ़ में फंसे व्यक्ति को माता चंडिका की कृपा से चमत्कारिक ढंग से बचाया लिया गया।
  • एक महिला पर भुत प्रेत का साया रहता था, जिसकी वजह से उसके परिवारजन काफी दुखी थे, झाड फुक करवाने के बाद भी ठीक ना होने पर, उस महिला ने मंगल चंडिका शक्तिपीठ के दर्शन किए, मंदिर में मौजूद पुजारी के झाड फुक से वह पूरी तरह ठीक हो गई।
  • एक बच्चा अपनी शारीरिक विकृति के साथ पैदा हुआ था लेकिन जब उसे देवी के दर्शन करवाए गए तब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया।
  • मंगल देवी के मंदिर में एक अंधे व्यक्ति की रोशनी वापिस आ गई थी।
  • एक निसंतान महिला ने जब मंदिर के दर्शन किए तब उसे संतान की प्राप्ति हुई।

मंगल चंडिका शक्ति पीठ कैसे पहुंचे | How To Reach Mangal Chandika Shakti Peeth

भारत में ऐसे अनेकों श्रद्धालु मौजूद हैं जो अपने जीवन में एक बार माता सती के शक्तिपीठों के दर्शन जरुर करना चाहते हैं। लेकिन उन सभी के सामने एक समस्या आती है जिसके अनुसार वह मंदिर जाने वाले रास्तों से अनजान होते हैं और इसी वजह से मंदीर नहीं पहुँच पाते। अगर आप भी मंगल चंडिका शक्ति पीठ (Mangal Chandika Shakti Peeth) जैसे धार्मिक स्थल के दर्शन करना चाहते हैं और अपने शहर से मंदिर तक जाने वाले रास्तों से अज्ञात है तब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारत के हर जगह से मंगल चंडिका शक्ति पीठ (Mangal Chandika Shakti Peeth) जाने वाले रास्तों के बारे में विस्तार से बताएंगे। सामान्य रूप से तीन मार्गो से द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है पहले सड़क मार्ग दूसरा रेल मार्ग तीसरा एरोप्लेन के माध्यम से मंदिर पहुंचा जा सकता है, चलिए अब इन सभी मार्गों के बारे में विस्तार से जानें।

सड़क मार्ग द्वारा मंगल चंडिका शक्ति पीठ मन्दिर (Mangal Chandika Shakti Peeth) कैसे पहुंचे

अगर कोई श्रद्धालु मंदिर के लिए सड़क मार्ग से जाना चाहता है तब उसे अपने शहर से मंदिर तक आने के लिए सबसे पहले पश्चिम बंगाल की तरफ जाने वाली बस का पता लगाना होगा, फिर बस की मदद से Natunhat Bus Stop तक आना होगा, यहां से मंदिर की दूरी का लगभग 3 किलोमीटर है। आप बस स्टॉप से ऑटो की मदद ले सकते हैं इस तरह सब मंदिर पहुंच जाएंगे।

रेल मार्ग से मंगल चंडिका शक्ति पीठ मन्दिर (Mangal Chandika Shakti Peeth) कैसे पहुंचे

जो भक्तगण ट्रेन के माध्यम से मंदिर जाना चाहते हैं उन्हें अपने शहर से गुस्करा रेलवे स्टेशन तक जाना होगा। अगर आपके शहर से गुस्करा रेलवे स्टेशन तक डायरेक्ट ट्रेन नहीं आती, तब आप दो ट्रेन बदलकर गुस्करा रेलवे स्टेशन तक पहुंच सकते हैं। गुस्करा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। इसलिए आपको यहां से ऑटो या टैक्सी की मदद लेकिन होगी, इस तरह से आप मंदिर पहुँच जाएंगे।

एरोप्लेन से मंगल चंडिका शक्ति पीठ मन्दिर (Mangal Chandika Shakti Peeth) कैसे पहुंचे

अगर आप कम समय में अपने शहर से मंगल चंडी का शक्तिपीठ मंदिर पहुंचना चाहते हैं तब आपको अपने शहर से दम दम एयरपोर्ट (कोलकाता) की फ्लाइट टिकट बुक करवानी होगी। कोलकाता के दम दम एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी लगभग 140 किलोमीटर है। आप एयरपोर्ट से टैक्सी की मदद से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

यह भी पढ़ें: बिरजा शक्ति पीठ (Biraja Shakti Peeth) का इतिहास, अनसुने रहस्य और नवरात्रि की अनोखी प्रथा

मंगल चंडिका शक्ति पीठ के पास घुमने की जगह | Best Visiting Places Nearest To Mangal Chandika Shakti Peeth

जो भक्तगण मंगल देवी के दर्शन के लिए जा रहें है, और उन्हें घूमना फिरना पसंद हैं तब वह मंदिर के पास मौजूद विभिन्न स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। अगर कोई दर्शनिक मंदिर के पास घुमने हेतु जगहों से अपरिचित है तब उन्हें यहाँ पर मौजूद जगहों के बारे में जान लेना चाहिए, ताकि वह मंदिर के साथ अन्य यात्राओं का अनुभव प्राप्त कर सकें। आज इस आर्टिकल के माध्यम से आपको मंदिर के आस पास मौजूद पर्यटन स्थलों के बारे मे बताएँगे, जहाँ पर आपको जरुर जाना चाहिए।

बिष्णुपुर

विष्णुपुर एक ऐतिहासिक स्थल है, यह जगह शिल्प और रेशमी साड़ियों के लिए मशहूर है, विष्णुपुर के पास ही अनेकों देवी देवताओं के मंदिर स्थापित है, यहाँ से चंडिका देवी का मंदिर लगभग 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। एक प्रमुख पर्यटन स्थल घुमने के लिए आपको यहाँ पर जरुर जाना चाहिए।

दुर्गापुर

दुर्गापूर, मंगल देवी मंदिर से 60 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। इस जगह की ख़ास बात यह है कि यहाँ पर अनेकों सुन्दर पार्क, शैक्षणिक संस्थान और शॉपिंग सेंटर मौजूद है जहाँ पर मन पसंद के हर सामान ख़रीदे जा सकते हैं।

भद्रेश्वर

भद्रेश्वर एक प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है यहाँ से मंदिर की दुरी लगभग 27 किलोमीटर है। अगर आप मंगल देवी के दर्शन के लिए गए हैं तब आपको इस स्थान का दर्शन भी जरुर करना चाहिए।

मैथन बांध

मैथन बांध से मंगल चंडिका शक्तिपीठ लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां पर पास में ही एक जलाशय का बाँध स्थित है। इस जगह की सबसे प्रमुख बात यह है कि यहां पर अद्वितीय शांति का अनुभव किया जा सकता है। यह काफी मशहूर दार्शनिक स्थल है, जिसके कारण दूर से लोग यहाँ पर पिकनिक ट्रिप के लिए आते जाते रहते हैं।

मंगल चंडिका शक्ति पीठ का दर्शन समय | Darshan Timing Of Mangal Chandika Shakti Peeth

चंडिका देवी का मंदिर प्रातः काल 5 बजे से खुल जाता है। इसलिए जो भी भक्त मंदिर में दर्शन के लिए जाना चाहते हैं वह सुबह से ही मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। जो भक्तगण मंदिर में दर्शन के इच्छुक है उन्हें मंदीर से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जरुर जान लेना चाहिए।

चंडिका देवी का मंदिर से जुडी ध्यान देने योग्य बाते निम्नलिखित हैं।

  • श्रद्धालु मंदिर में सुबह के समय 5 बजे से 1 बजे तक मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
  • दोपहर के 3 बजे से शाम 7 बजे तक मंदिर में दर्शन की अनुमति दी जाती है।
  • मंदिर में फोटोग्राफी करने के लिए दी गई है।
  • सोमवार के दिन यह मंदिर बंद रहता है।

FAQ: Mangal Chandika Shakti Peeth

मंगल चंडिका शक्ति पीठ (Mangal Chandika Shakti Peeth) के पास माता सती का कौन सा अंग गिरा था?
कलाई।

मंगल चंडिका शक्ति पीठ मंदिर (Mangal Chandika Shakti Peeth) से जुड़े त्यौहार कौन से हैं?
नवरात्री, शिवरात्रि, दुर्गा पूजा, काली पूजा, दिवाली

मंगल चंडिका शक्ति पीठ मंदिर (Mangal Chandika Shakti Peeth) का प्रथम बार निर्माण कब हुआ था?
10 वीं शताब्दी में।

मंगल चंडिका शक्ति पीठ मंदिर (Mangal Chandika Shakti Peeth) के दर्शन करने से क्या होता है?
धन, मोक्ष, और सुखों की प्राप्ति होती है।

मंगल चंडिका शक्ति पीठ मंदिर (Mangal Chandika Shakti Peeth) में दर्शन का उचित समय कब होता है?
सितम्बर और अक्टूबर के महीने में चंडिका देवी के दर्शन करना शुभ माना जाता है।

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