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महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) का इतिहास, रहस्य और एक अनोखी कहानी

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) गुजरात के पावागढ़ में एक विशाल पर्वत पर स्थित है। 51 शक्ति पीठों में से यह शक्ति पीठ धरती से 550 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इसी वजह से मंदिर तक पहुंचने के लिए 1800 सीढियां चलनी पड़ती है। यह मंदिर देवी महाकाली को समर्पित है। मंदिर से जुड़ी एक अनोखी कहानी बताई जाती है जिसमें एक राजा द्वारा देवी महाकाली के साथ दुर्व्यवहार किया गया था, इस कहानी को पूरा पढने के लिए और साथ ही मंदिर से जुड़े अनेकों रहस्यों को जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़ें।

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर का इतिहास | Mahakali Devi Shakti Peeth History in Hindi

ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार महाकाली शक्ति पीठ (Mahakali Devi Shakti Peeth) का निर्माण 10वीं से 11वीं शताब्दी के मध्य हुआ था। लेकिन अभी भी पूरी तरह से यह स्पष्ट नहीं है कि मंदिर का निर्माण कब हुआ था। इसके अलावा मंदिर में रहने वाले पुरोहितों के अनुसार 15वीं शताब्दी में महमूद बेगड़ा ने महाकाली शक्ति पीठ मंदिर को ध्वस्त कर दिया था, उसने मंदिर की जगह पर एक विशाल मस्जिद का निर्माण करवाया।

बाद में अन्य शासको ने मस्जिद को हटाकर पुनः मंदिर का निर्माण करवाया, इसके बाद अन्य किसी शासक ने मंदिर पर कब्जा नहीं किया। आगे चलकर भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा मंदिर का नवीनीकरण करवाया गया, और आज मंदिर को वर्तमान रूप में आज भी देखा जा सकता है।

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महाकाली शक्ति पीठ मंदिर की संरचना | Mahakali Devi Shakti Peeth Architecture

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) एक विशाल पर्वत पर स्थित है। जमीन से मंदिर तक पहुँचने के लिए 1800 सीढियों की विशाल संरचना की गई है। सीढियाँ चढ़ते वक्त आपको छोटी छोटी त्रिपाल लगी दुकाने देखने को मिल जाएंगी, जहां से आप अपनी जरुरत के सामना खरीद सकते हैं। मंदिर के कुछ निचे आपको एक तालाब दिख जाएगा जोकि काफी पुराना है।

पर्वत के ऊपर मंदिर के रूप में विशाल इमारतों का निर्माण किया गया है जिसमे से एक ईमारत के ऊपर ध्वज लहराता हुआ देखा जा सकता है। मंदिर के फर्श को संगमरमर के पत्थर द्वारा निर्मित किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में तीन मूर्तियों को देखी जा सकती हैं। जिसमे से लाल रंग में रंगी कालिका, सीधे हाथ की तरफ महाकाली और उल्टे हाथ की तरफ बहुचरा देवी मूर्ति के रूप में स्थित हैं।

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर की महत्वपूर्ण जानकारियां

मंदिर का नाममहाकाली शक्ति पीठ (Mahakali Devi Shakti Peeth)
मंदिर के देवतादेवी महाकाली
मंदिर संबधित धर्महिन्दू
मंदिर की भाषागुजरती, हिंदी, इंगलिश
मंदिर की प्रमुखतादैविक घटना के दौरान यहाँ पर माता सटी के बाएं पैर की ऊँगली गिरी थी।
मंदिर की जगहपावागढ़, गुजरात
मंदिर की कुल सीढियाँ1800 सीढियाँ
मंदिर खुलने का समयप्रातः काल 5 बजे

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर के रहस्य | Mahakali Devi Shakti Peeth Facts in Hindi

देवी काली के भक्तों के लिए महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) एक ऐसा स्थान है जहाँ पर उन्हें माता का आशीर्वाद मिल सकता है। हर शक्ति पीठ की तरह इसके पीछे भी अनेकों रहस्य बताए गए हैं, जिन्हें शायद आप न जानते हों, आज उन्ही रहस्यों के बारे मे विस्तार से जानेंगे।

  • गुजरात में स्थित महाकाली मंदिर के पास दैविक घटना के अनुसार माता सती के दाएं पैर की उंगलियां गिरी थी, जिसके परिणामस्वरुप महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) की स्थापना की गई।
  • महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) में स्थित प्रमुख मूर्ति का मुख दक्षिण दिशा की ओर रखा गया है, यही एक खास वजह है कि दक्षिणी रीति रिवाज के अनुसार देवी काली की पूजा आराधना की जाती है।
  • पौराणिक ग्रंथो के अनुसार इस मंदिर को शत्रुंजय मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि एक कहावत के अनुसार प्राचीन राजा जब इस मंदिर में पूजा करते थे, तब वह अपने युद्ध में विजय प्राप्त करते थे।
  • प्राचीन कहावत के अनुसार महर्षि जी ने महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) में काली जी की मूर्ति स्थापित की थी, इसके बाद उन्होंने मंदिर में देवी के तपस्या की थी।
  • कहा जाता है कि जब विश्वामित्र महर्षि जी ने काली जी की तपस्या की थी, तब देवी उनसे अत्यंत प्रसन्न हुई और उन्होंने विश्वामित्र जी को आशीर्वाद दिया था, इसके साथ मंदिर के पास स्थित नदी का नाम विश्वामित्र महर्षि जी के नाम से रखा गया, जिसे आज विश्वामित्र नदी के रूप में जाना जाता हैं।
  • देवकाल के दौरान भगवान राम और लक्ष्मण इस वन में कुछ दिनों के लिए ठहरे थे, इसके साथ ही राम जी के पुत्र लव तथा कुश ने यहां पर आकर देवी की तपस्या की थी।
  • महाकाली शक्ति पीठ (Mahakali Devi Shakti Peeth) एक ऊंची पर्वत चोटी पर स्थित है जिसकी ऊंचाई 550 मीटर है।
  • महाकाली का मंदिर गुजरात के पावागढ़ में स्थित है इस जगह के नाम को लेकर एक विशेष रहस्य बताया जाता है, जिसके अनुसार यह मंदिर एक ऊंची चोटी पर स्थित है जहां पर पवन (हवा) एक समान चलायमान रहती है, यही एक मात्र कारण है जिसकी वजह से मंदिर के क्षेत्र को पावागढ़ के नाम से जाना जाता है।
  • प्राचीन ग्रंथो से मिले उल्लेखों के अनुसार महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) एकमात्र शांति स्थल है, जिसे ऋषियों तथा मुनियों द्वारा सर्वश्रेष्ठ पूजनीय स्थल माना जाता था।
  • मंदिर में स्थित पुजारियों का कहना है कि मंदिर में आने वाले हर भक्तगणों के भूत, पिशाच संबंधित सभी चक्कर खत्म हो जाते हैं।

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर की अनसुनी कहानी | Mahakali Devi Shakti Peeth Story in Hindi

पावागढ़ के चंपानेर में एक प्रसिद्ध राजा हुआ करता था, इस राजा को फतेह राजा के नाम से भी जाना जाता था। राजा देवी काली का सबसे बड़ा भक्त था तथा समय समय पर देवी के पुजा आराधना करता था। उस राजा ने देवी की पूजा आराधना के लिए एक विशाल मंदिर की स्थापना करवाई थी, जिसका नाम पावागढ़ था। एक दिन मंदिर में राजा देवी की आराधना करते समय, देवी से दर्शन की इच्छा जाहिर करने लगा, जिसके परिणामस्वरुप कुछ देर बाद आकाश में तेज प्रकाश उत्पन्न हुआ जिसमें से देवी की आवाज आने लगी, और देवी कहने लगी –

“हे राजन क्या तुम वास्तव में मेरे दर्शन करना चाहते हो?

तब राजा ने बताया “हे माता मैंने आपकी वर्षों से तपस्या की है अब मैं आपके एक दर्शन के इच्छुक हूं, कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।

तब देवी ने कहा “हे राजन अगर तुम सच में मेरा दर्शन करना चाहते हो तो मैं किसी भी स्वरूप में जल्दी तुम्हे दर्शन दूंगी। अगर तुमने मुझे पहचान लिया तो मैं अपने असली रूप में आकर तुम्हें दर्शन दूंगी, अगर तुम मुझे नही पहचान पाए तो इसका अंजाम क्या होगा यह कोई नहीं जानता।

तब राजा ने देवी को बताया, हे देवी कृपया आप मुझे दर्शन दें, मैं आपको पूर्ण रूप से पहचान लूंगा मुझे आपको पहचानने में कोई दिक्कत नहीं होगी। राजा की बात सुनकर देवी ने तथास्तु बोला और वहां से दिव्य आवाज गायब हो गई। उसके बाद अगले दिन राजा के दरबार में माता का गरबा आयोजित किया गया, जिसमें राजा तथा उसके मंत्रीगण उपस्थित थे। गरबे के दौरान राजा के महल में नित्य कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। राजा ने इस नृत्य में एक खूबसूरत लड़की को देखा जो देखने में अपरिचित थी, उस लड़की की सुंदरता को देखकर राजा मोहित हो गया और उसके पास जाने की कोशिश करने लगा।

जैसे जैसे वह लड़की आगे जाती, राजा उसके पीछे पीछे चलता गया। राजा ने मदिरापान कर रखा था, इसलिए नशे मे धुंध, सही और गलत का अंतर भूल चुका था। आगे चलकर रास्ते में राजा ने उस लड़की को रोक लिया और कहने लगा, तुम कौन हो? और कहां से आई हो? आज से पहले मैंने तुम्हे किसी भी कार्यक्रम नहीं देखा। लेकिन आज मैने जब तुम्हें पहली बार देखा है तो मेरा मन सिर्फ तुम्ही पर ही केंद्रित हो गया। मैं तुम्हारे सौंदर्य पर मोहित हो चुका हूँ और तुम्हे राजमहल की रानी बनाना चाहता हूं। तुम्हें मेरे साथ अभी चलना होगा।

राजा की यह बात सुनकर लड़की ने विवाह प्रस्ताव को मना कर दिया और वहां से जाने की विनती करने लगी l राजा नशे में ही क्रोधित हो गया और उसने लड़की के पल्लू पर हाथ डाल दिया और पल्लू को लड़की के शरीर से खीच दिया। यह सब देख लड़की ने महाकाली का क्रोधित रूप धारण कर लिया।

जब राजा ने देवी के इस रूप को देखा तो वह बेहद चिंतित हो गया और सोचने लगा, ये मैने क्या कर दिया, अपनी देवी को ही नही पहचान पाया, अब मैं क्या करूं? किस मुंह से देवी से क्षमा मांगू?

उधर देवी काली ने अपने असली स्वरूप में आकर राजा को श्राप दे दिया, जिसके अनुसार राजा की एक युद्ध में अकाल मृत्यु हो जाएगी। देवी काली राजा को श्राप देकर वहां से विलुप्त हो गई।

कुछ समय बाद राजा के महल पर एक मुस्लिम शासक द्वारा आक्रमण कर दिया गाया। जिसके परिणामस्वरूप राजा मारा गया और मुस्लिम शासक ने मंदिर और महल को अपने कब्जे में कर लिया। मुस्लिम शासक ने कुछ वर्षों तक राजा के महल तथा मंदिर पर अपना शासन स्थापित किया, लेकिन कुछ समय पश्चात देवी की लीलाओं से उसने मंदिर तथा राज्य का त्याग कर दिया और वह अपने राज्य में वापस लौट गया।

इसके बाद यहां पर कोई भी राजा शासन नहीं कर पाया और आखिर में यह एक पूजनीय स्थल बन गया, जिसे आज महाकाली शक्ति पीठ (Mahakali Devi Shakti Peeth) के नाम से जाना जाता है।

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महाकाली शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे | How To Reach Mahakali Devi Shakti Peeth Temple

अगर आप महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) जाने का प्लान बना रहे हैं तो जानकारी के लिए बताना चाहेंगे, यह मंदिर गुजरात के पावागढ़ में स्थित है। अगर आप अपने शहर से मंदिर तक पहुंचने के लिए रास्ता ढूंढ रहे हैं तो आप सड़क मार्ग, ट्रेन मार्ग और एरोप्लेन के माध्यम से मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। अगर आप इन रास्तों के बारे में नहीं जानते, तब आप आर्टिकल में आगे बताए गए यात्रा विवरण को पढ़ सकते हैं, जिसकी मदद से आप मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्ग वाला महाकाली शक्ति पीठ कैसे पहुंचे

अगर आप सड़क मार्ग द्वारा महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) की यात्रा करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने शहर से गुजरात की तरफ जाने वाली बस के बारे में पता लगाना होगा। आप गुजरात जाने वाली बस की मदद से पावागढ़ बस डिपो पहुंच सकते हैं। यहाँ से राज्य में चलने वाली बस या टैक्सी की मदद से आप मंदिर पहुँच सकते हैं । बस डिपो से मंदिर की दूर लगभग 107 किलोमीटर है, इसलिए आपको मंदिर तक पहुँचने में 2 घंटे या इससे ज्यादा समय लग सकता है।

रेल मार्ग द्वारा महाकाली शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

ट्रेन के माध्यम से महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) पहुंचने में आपको कम किराया चुकाना पड़ता है। इसलिए अगर आप ट्रेन के माध्यम से मंदिर पहुंचना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने शहर से बड़ोदरा रेलवे स्टेशन की ट्रेन बुक करवानी होगी। रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप टैक्सी या ऑटो की मदद से मंदिर पहुँच सकते हैं, क्योंकि रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है।

एरोप्लेन से मां काली शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

अगर आपके पास समय कम है और कम समय में मंदिर पहुंचना चाहते हैं तो एरोप्लेन के माध्यम से आप मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। एरोप्लेन के माध्यम से मंदिर पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको अपने शहर से बड़ोदरा एयरपोर्ट की फ्लाइट टिकट बुक करवानी होगी। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आप टैक्स या ऑटो की मदद से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। जानकारी के लिए बताना चाहेंगे, एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी लगभग 42 किलोमीटर है।

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर का दर्शन समय | Mahakali Devi Shakti Peeth Temple Visiting Timing

जो भक्तगण महाकाली शक्ति पीठ (Mahakali Devi Shakti Peeth) के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं उन्हें शरद ऋतु में होने वाले नवरात्रि के अवसर पर मंदिर जाना चाहिए, क्योंकि इस दौरान मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

  • मुख्य रूप से मंदिर प्रातः काल 5:00 बजे खुलता है तथा रात्रि को 9:00 बजे बंद हो जाता है।
  • सुबह की आरती 5:30 बजे तथा शाम की आरती 6:30 बजे की जाती है।
  • दर्शन इच्छुक भक्तगण मंदिर की मुख्य देवी के दर्शन मंदिर खुलने से लेकर शाम 7:00 बजे तक कर सकते हैं

FAQS:Mahakali Devi Shakti Peeth Temple

महाकाली शक्ति पीठ (Mahakali Devi Shakti Peeth) कहाँ पर है?
पावगढ़, गुजरात (भारत)

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) की दैविक घटना क्या थी?
मंदीर के पास देवी सती के दाएं पैर की ऊँगली गिरी थी।

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) तक पहुँचने के लिए कितनी सीढियाँ चढ़नी पड़ती है?
1800 सीढियाँ।

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) के प्रमुख त्यौहार कौन से है?
चैत्र पूर्णिमा, नवरात्री, दशहरा।

महाकाली शक्ति पीठ मंदिर (Mahakali Devi Shakti Peeth) का सर्वप्रथम निर्माण कब हुआ था?
10वीं शताब्दी से पहले।

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