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खाटू श्याम मंदिर के साथ कटे सिर का राज क्या है, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी और मंदीर से जुड़े चौका देने वाले रहस्य | Khatu Shyam Mandir Ki Kahani

Khatu Shyam Mandir : भारत में खाटू श्याम मंदिर हिन्दू धर्म में एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बर्बरीक अथार्त घटोत्कच के पुत्र को समर्पित है। खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) राजस्थान में सीकरी जिले के एक छोटे से गाँव में स्थित है। मंदिर पुरोहितों द्वारा एक आकलन के अनुसार, मंदिर में हर साल लगभग 90 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। प्राचीन कथाओं के अनुसार इस मंदिर के संस्थापक भगवान कृष्ण थे, इसी कारण मंदिर में आने वाले भक्तों की एक मान्यता है कि जो कोई भक्त मंदिर में दर्शन के लिए आता है, उसकी हर मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। बर्बरीक एक दयालु देवता थे, जो किसी की हार में सदैव उसका साथ देते थे, यही एक कारण है कि जो भक्त अपनी जिंदगी में दुखो से हार मान लेते हैं वह खाटू श्याम बाबा के दर्शन के लिए आते हैं, और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। अगर आप भी खाटू श्याम बाबा के भक्त हैं तो खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) के दर्शन जरुर करने चाहिए। आज इस आर्टिकल में आपको “बर्बरीक के कटे सिर” से जुडी पूरी कहानी को बताने वाले हैं, और इसके साथ ही आप मंदिर से जुड़े चौंका देने वाले रहस्यों को भी जानेंगे।

खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) का विवरण

खाटू श्याम मंदिर की स्थापना भगवान कृष्ण द्वारा की गई थी। मंदिर में बर्बरीक का सिर विराजित किया गया है, जिसे खाटू श्याम जी के नाम से जाना जाता है। मंदीर की दीवारों को लाइम मोर्टार, मकराना संगमरमर, और सुन्दर टाइल्स के साथ डिजाईन किया गया है। मंदिर में एक विशालतम प्राथना हाल मौजूद है, जिसे जगमोहन के नाम सी भी जाना जाता है। हाल की दीवारों पर प्राचीन चित्रकारियां की गई हैं। मंदिर का प्रवेश द्वार और निकास द्वार को विशेष रूप के पत्थर से निर्मित किया गया है। मंदिर के पास एक बड़ा बाग़ स्तिथ है जिसे श्याम बाग़ के रूप में जाना जाता है।मंदिर के पास ही गौरीशंकर मंदिर मौजूद है, जिसके पीछे एक मशहूर कहानी प्रसिद्ध है, जिसके अनुसार औरंगजेब के सैनिकों द्वारा शिवलिंग पर हमला किया गया था, परिणामस्वरूप शिवलिंग से रक्त की धाराएँ बहने लगी थी।

खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) की महत्वपूर्ण बातें

मंदिर का नामखाटू श्याम जी मंदिर (Khatu Shyam Mandir)
मंदिर के प्राचीन संस्थापकभगवान श्री कृष्ण
समर्पितबर्बरीक (घटोत्कच के पुत्र)
मंदिर प्रवेश शुल्कनिशुल (फ्री)
मंदिर में फोटोग्राफीमनाही
जगह का नामसिकरी, खाटू श्याम गावं (राजस्थान)
मंदिर खुलने का समयप्रातः काल 4:30 बजे सुबह
मंदिर धर्महिन्दू
मंदिर की पूजनी मूर्तिखाटू श्याम बाबा का सिर प्रतिमा
मंदिर की बोलीहिंदी, राजस्थानी

खाटू श्याम मंदिर से जुड़े अनसुने रहस्य | Khatu Shyam Mandir Mystery

भारत में प्रशिद्ध मंदिरों में से एक खाटू श्याम मंदीर है, जहाँ पर हर दिन सैकड़ों श्रधालुओ की भीड़ इक्कठा होती है।मंदिर में अनेकों रहस्यमई चीजे स्थापित हैं, जिनमे से एक है श्याम कुंड, प्राचीन मान्यता के अनुसार इसी जगह पर खाटू श्याम बाबा का अंश प्राप्त किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप यहाँ श्याम कुंड की स्थापना की गई थी। यह कुंड आज भी इतना प्रचलित है कि कुंड में स्नान हेतु, दूर दूर से लोग मंदिर के दर्शन करने आते हैं। मंदिर से जुड़े इसी तरह के अनेकों रहस्य बताए जाते हैं जिन्हें शायद आप भी ना जानते हो, लेकिन आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको उन सभी रहस्यों को विस्तार से बताने वाले है। चलिए मंदिर से जुड़े अनेकों रहस्यों को विस्तार से जानते हैं।

  • खाटू श्याम बर्बरीक का स्वरूप हैं, जिसे भगवान कृष्ण के साथ जोड़ा जाता है।
  • खाटू श्याम बर्बरीक के रूप में थे, जिन्होंने खुद का सर काटकर दान में दे दिया था, तब आगे चलकर उनका नाम खाटू श्याम पड़ गया था।
  • खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) में कार्तिक शुल्क पक्ष की देवउठनी एकादंशी के दिन विशेष समारोह आयोजित किया जाता है, एक मान्यता के अनुसार यह दिन खाटू श्याम जी के जन्मदिन के रूप जाना जाता हैं।
  • खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) में एक प्रसिद्ध मेले का प्रचलन है, जिसे फाल्गुन माह शुल्क षष्टि से शुरू किया जाता है, यह मेला कुल 5 दिनों तक चलता है।
  • बर्बरीक (खाटू श्याम) ने देवी की उपासना करके, दिव्य तीन बाण प्राप्त किये थे, जोकि एक बार छुटने के बाद अपना कार्य पूर्ण करके ही उनके पास वापस आते थे, यही कारण था कि उन्हें धनुष जैसे शस्त्र के साथ कोई भी पराजित नहीं कर सकता था।
  • बर्बरीक (खाटू श्याम ) अपने पिता घटोत्कच से भी अधिक शक्तिशाली और मायावी थे।
  • एक कहावत के अनुसार भगवान कृष्ण ने ब्राम्हण के रूप में बर्बरीक का शीश दान में माँगा था, और बर्बरीक ने अपना सिर काटकर उन्हें सौप दिया। उनकी इस विशाल ह्रदय की मार्मिकता को देखते हुए, भगवान कृष्ण ने बर्बरीक के कटे सर को वरदान दिया की वह उनके नाम पर पूरी दुनिया में पूजा जाएगा।
  • पुरानी कहावत के अनुसार, कुछ श्रमिक पानी की तलाश में जमीन की खुदाई कर रहे थे, तभी उन्हें 30 फीट की गहराई में एक बॉक्स मिला था, जिसके ऊपर बर्बरीक लिखा था और उसके अंदर एक सिर का कंकाल मिला था। तब उस समय के राजा ने सिर को देखकर इसके पीछे का रहस्य पता लगाया और उसी जगह पर खाटू श्याम का मंदिर स्थापना करवा दिया।

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खाटू श्याम मंदिर की कहानी | Khatu Shyam Mandir Story in Hindi

हिन्दू धर्म ग्रन्थ और महभारत जैसी कथाओं में ऐसी अनेकों घटनाओं का ज़िक्र मिलता है, जिसे ध्यान से पढ़ें तो आपके जीवन में कोई ना कोई सिख जरुर मिलती है। महाभारत में ऐसी कई घटनाओं का उल्लेख किया गया है, जिनको पढने के बाद किसी भी मनुष्य के जीवन में अहंकार की भावना, पूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है। कुछ इसी तरह की एक कहानी खाटू श्याम बाबा के मंदिर से जुडी है, आज इस आर्टिकल के माध्यम से इस कहानी के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। चलिए खाटू श्याम बाबा के मदिर से जुडी कहानी को विस्तार से जानते हैं।

प्राचीन काल में एक बर्बरीक नाम का धनुर्धर रहा करता था। उनके शक्ति बल की जितनी तारीफ़ की जाए उतनी ही कम थी, बर्बरीक के मात्र तीन बाण कौरव और पांडव दोनों के सैनिकों को पल भर में ही समाप्त कर सकते थे। एक बार कौरव और पांडव के बिच युद्ध के दौरान बर्बरीक ने घोषणा कि –

“मैं उस पक्ष से इस युद्ध में लडूंगा जो पक्ष युद्ध को हार रहा होगा।”

बर्बरीक की इस घोषणा को सुनकर भगवान कृष्ण चिंतित हो गए क्यूंकि उन्हें बर्बरीक के बल का पूर्ण आभास था और उन्हें पता था कि वह जिस पक्ष से लड़ेंगे दुनिया में उसे कोई भी नहीं हरा सकता।

एक बार अर्जुन और कृष्ण बर्बरीक के समीप गए तब उन्होंने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए, शक्ति का छोटा सा नानुमा दिखाया। उसके बाद भगवान कृष्ण ने बर्बरीक से एक वृक्ष के सभी पत्तों पर तीर से छेद करने को कहा। बर्बरीक भगवान कृष्ण की आज्ञा को स्वीकार, अपने एक बाण से वृक्ष के सभी पत्तो पर प्रहार करने लगे, वृक्ष के सभी पत्तों में छेद हो गया लेकिन वृक्ष का एक पत्ता भगवान कृष्ण के पैरों के नीचे आकर गिर पड़ा, जिसे भगवान कृष्ण ने अपने पैरो में छिपा लिया। लेकिन बर्बरीक जैसे महान योद्धा से यह नजरअंदाज ना हो सका, और वह कृष्ण जी से कहने लगे –

प्रभु एक वृक्ष पत्र आपके पैर के नीचे आ गिरा है जिसकी वजह से मेरा बाण प्रहार के लिए रुका हुआ है कृपा आप इस पत्ते से अपना पैर हटा लें।

यह देखकर भगवान कृष्ण समझ गए कि उनकी यह लीला असफल हो चुकी है, इसलिए उन्होंने अपने पैरों को हटा दिया और बाण ने आखिरी बचे पत्ते में छिद्र कर दिया। इसके बाद भगवान कृष्ण ने एक लीला का विचार किया और वह ब्राह्मण के रूप धारण कर के बर्बरीक के शिविर द्वार पर पहुँच गए, और वहां पर बर्बरीक से दान मांगने लगे।

तब बर्बरीक ने कहा – हे ब्राम्हण देव, मैं आपको क्या दे सकता हूँ, मै आपकी हर तरह की आकांक्षा पूर्ण करना चाहता हूँ।

तब भगवान कृष्ण ने अपनी लीला करते हुए कहा-

हे वत्स तुम मेरे द्वारा मांगी चीज को मुझे दान के रूप में नहीं दे पाओगे।

तब बर्बरीक ने कहा कि दुनिया की हर चीज मैं आपको दान कर सकता हूँ, आप बस मुझे अपनी इच्छा बताएं, परिणामस्वरूप ब्राम्हण रूप में भगवान कृष्ण ने बर्बरीक का कटा सर मांग लिया।

अपनी बात को सत्यापित करते हुए, बर्बरीक ने अपना सर काटकर भगवान कृष्ण को सौंप दिया। इस तरह से भगवान कृष्ण ने उनका सर जहाँ पर रखा, उस जगह का नाम “खाटू श्याम मंदिर” पड़ गया।

खाटू श्याम मंदिर जाने का रास्ता | Way To Visit Khatu Shyam Mandir

अगर आप खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) जाने का प्लान बना रहे हैं, तो सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए की यह मंदिर किस जगह पर स्थित है। अगर आप नहीं जानते कि यह मंदिर कहा पर स्थित है तो, जानकारी के लिए आपको बताना चाहेंगे, यह मंदिर राजस्थान के सीकरी जिले में एक छोटे से गाँव खाटू श्याम जगह पर पड़ता है। मंदिर के इच्छुक श्रद्धालु खाटू श्याम के दर्शन के लिए बस, ट्रेन, हवाई जहाज की मदद ले सकते हैं। इन सभी साधनों द्वारा मंदिर तक कैसे जाना है, यह आप नहीं जानते, तो चिंता की कोई बात नहीं क्यूंकि आगे हम आपको इन तरीको के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं, चलिए जानते हैं आप इन सभी साधन के माध्यम से मंदिर तक कैसे पहुँच सकते हैं।

ट्रेन से खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) कैसे पहुंचे

ट्रेन से मंदिर पहुँचने के लिए सबसे पहले मंदिर के नजदीक रेलवे स्टेशन जयपुर तक जाना होगा। यहाँ पहुँचने के बाद आप रेलवे स्टेशन से बाहर निकलकर, सिन्धी बस बस स्टैंड तक पैदल जाएँ। बस स्टैंड पहुँच कर आपको वहां से मंदिर के लिए टेक्सी पकडनी होगी, जो आपको मंदिर तक छोड़ देगी। बस स्टंट से मंदीर की दुरी लगभग 80 किलोमीटर है।

हवाई जहाज से खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) कैसे पहुंचे

अगर आप मंदीर से ज्यादा दूर रहते हैं तब आप हवाई जहाज द्वारा खाटू श्याम मंदिर का सफ़र तय कर सकते हैं।मंदिर तक पहुँचने के लिए सबसे पहले आपको जयपुर अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डे की एरोप्लेन टिकट बुक करनी पड़ेगी। जयपुर एअरपोर्ट पहुँचने के बाद आप एअरपोर्ट से बाहर निकल कर टेक्सी बुक कर सकते हैं, जोकि आपको मंदिर तक छोड़ देगी। एअरपोर्ट से मंदिर की दुरी लगभग 94 किलोमीटर है।

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खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) का दर्शन का समय

अगर आप खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) जाना चाहते हैं तो, आपको मंदिर से जुड़े महत्वपूर्ण समय के बारे में जरुर पता होना चाहिए, तभी आप मंदिर में बिना परेशानी के दर्शन कर पाएंगे। मंदिर में दर्शन के लिए समय को लेकर गर्मी और सर्दी के मौसम में बदलाव देखे जा सकते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आप मंदिर में दर्शन समय की जानकारी प्राप्त करेंगे।

मंदिर में दर्शन के लिए समय सारणी इस प्रकार है

आरतीसमय
सुबह दर्शन समयसुबह 4:30 से दोपहर 12:30 बजे
मंगल आरती का समय दर्शन4:45 बजे सुबह
सर्दियों में मंगल आरती दर्शन5:45 बजे सुबह
श्रृंगार आरती दर्शन12:15 बजे दोपहर
भोग आरती दर्शन12:30 बजे दोपहर
संध्या आरती दर्शन7:30 बजे रात
सरियों में संध्या आरती दर्शन6 बजे शाम
शयन आरती दर्शन9 बजे रात
सर्दियों में शयन आरती दर्शन10 बजे रात

FAQ : Khatu Shyam Mandir in Hindi

खाटू श्याम कौन हैं?
बर्बरीक (घटोत्कच के पुत्र) के कटे सिर को मंदिर में विराजित किया गया है, जिसे भगवान कृष्ण ने अपने नाम पर रख दिया था, और बाद में यह खाटू श्याम के नाम से प्रचलित हो गया।

आधुनिक काल में खाटू श्याम मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
आधुनिक काल में खाटू श्याम मंदिर का निर्माण रूप सिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर ने मिलकर करवाया था।

खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) कब बंद रहता है?
खाटू श्याम मंदिर में लक्खी मेला समाप्त होने के बाद मंदिर कुछ दिन के लिए बंद हो जाता है।

खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) जाने का अच्छा समय कब होता है?
दार्शनिकों के अनुसार अक्टूबर से लेकर मार्च तक खाटू श्याम मंदिर जाने का समसे अच्छा मौसम माना गया है।

खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) खुलने और बंद होने का समय क्या है?
खाटू श्याम मंदिर सुबह 4:30 बजे से रात के 10 बजे तक खुलता है।

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