Karwa Chauth 2024 : करवा चौथ भारत वर्ष में मनाये जाने वाला एक पवित्र त्यौहार है, जिसमे एक भारतीय महिला अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती है। हिंदी कलेंडर की मान्यता के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक एक सुहागिन अर्धांगिनी अपने पति के लिए उपवास रखती है, और रात में चन्द्र देवता की पूजा करती है। इस व्रत के दौरान रात्रि के पहर चाँद निकलने का इन्तेजार किया जाता है, जब चाँद निकल जाता है तब छलनी में चाँद और पति का रूप देखा जाता है, इसके बाद ही यह व्रत पूर्ण हो पाता है। यहाँ इस आर्टिकल में 2023 का करवा चौथ कब मनाया जाएगा, करवा चौथ का चाँद कितने बजे निकलेगा 2024, कार्तिक की करवा चौथ की कहानी, पीरियड के दौरान महिलाए करवा चौथ का व्रत कर सकती है या नहीं, करवा चौथ 2024 में किन पूजन सामग्री रखे ख़ास ध्यान, करवा चौथ 2024 पर कैसे करे पूजा अर्चना के बारे में सभी जानकारिया विस्तार से पढ़ पढ़ेंगे।
2024 का करवा चौथ कब मनाया जाएगा
करवा चौथ हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। इस साल 2024 में सर्वार्थ सृद्धि और शिव संयोग बन रहा रहा है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 31 अक्टूबर 2024 मंगलवार को रात 9 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो रही है, जोकि अगले दिन के 1 नवम्बर 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। ऐसे में हिंदी धर्म के अनुसार करवा चौथ के व्रत को 1 नवम्बर 2024 के दिन बताया गया है।
करवा चौथ का चाँद कितने बजे निकलेगा 2024
इस साल 2024 में सर्वार्थ सृद्धि का सयोंग 1 नवम्बर के दिन सुबह 6 बजकर 33 मिनट से 2 नवम्बर की सुबह 4 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही एक 1 नवम्बर की दोपहर 2 बजकर 7 मिनट पर शिवयोग शुरू हो जाएगा। इस अवस्था में चंद्रोदय का समय 8 बजकर 26 मिनट पर होगा, जिसके अनुसार करवा चौथ का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इस समय में चाँद का दिखना अत्यंत लाभकारी माना जाएगा, इसके अलावा पुरे भारत विस्तार में चाँद निकलने का समय आगे या पीछे हो सकता है।
- 1 नवम्बर 2023, बुधवार के दिन करवा चौथ व्रत होगा।
- करवा चौथ की चतुर्थी 31 अक्टूबर 2024 मंगलवार वाले दिन 9.30 सुबह से आरंभ होगी।
- इस करवा चौथ पर 8 बजकर 26 मिनट पर चाँद दिखने की सम्भावना है।
- इस करवा चौथ पर सर्वार्थ सृद्धि और शिव संयोग बन रहा है जिसकी वजह से यह करवा चौथ ख़ास माना जा रहा है।
करवा चौथ व्रत का कथा विस्तार
करवा चौथ जैसे पवित्र त्योहार के बारे में एक सच्ची कथा है, जिससे एक ब्राम्हण की पुत्री का सच बताया गया है। इस कथा को सुनने के बाद सभी भारतीय महिलाओ का करवा चौथ पर अटूट विश्वास बना है। चलिए आगे इस कथा के बारे में जाने।
“एक ब्राह्मण के 7 पुत्र और 1 एकलौती पुत्री थी, जिसके कारण सभी भाई उसे अत्यंत प्रेम करते थे। पुत्री का नाम विरावतीथा, कुछ समय बाद विरावतीकी शादी किसी ब्राम्हण युवक से हो जाती है। विवाह के कुछ समय पश्चात विरावती अपने मायके आ गयी और अपने भाभियों के साथ उसने करवा चौथ का व्रत रखा। इस व्रत को शाम तक खोलना था, इस कारण विरावती भूख से व्याकुल हो चुकी थी।
अपनी बहन की इस व्यथा को देखकर सभी भाइयो ने विरावती से भोजन ग्रहण करने का आग्रह किया। विरावती ने अपने भाइयो से बताया कि आज उसका निर्जल व्रत है जिसमे वह चाँद के निकलने पर उन्हें अर्ध्य देने के बाद ही कुछ ग्रहण कर सकती है। लेकिन विरावती का भूख से बुरा हाल हो चुका था, उसके इस हाल को एक भाई से देखा नहीं गया और वह थोड़ी दूर स्तिथ पीपल के पेड़ पर चलनी में एक जलता हुआ दीप रख आता है और अपनी बहन से आकर बताता है चाँद निकल चुका है अब तुम चाँद को अर्ध्य दे सकती हो।
अनजान बहन ने भाई की बात मानते हुए ख़ुशी से चाँद को अर्ध्य दे दिया और पूजा कर ली। इसके बाद अमरावती भोजन ग्रहण करने चली गयी। अब अमरावती भोजन का पहला टुकड़ा जैसे ही मुह की तरफ बढ़ाने जाती है तब उसे छिक आजाती है, दुसरा टुकडा खाने के लिए जब मुह तक ले जाती है तब उसमे बाल आ जाता है। और जैसे ही वह भोजन तीसरी बार भोजन का टुकड़ा खाने जाती है, तभी उसके पति की मृत्यु का समाचार मिल जाता है।
फिर उसकी भाभियों द्वारा सच्चाई बताई जाती है कि विरावती से क्या गलती हुई है जिसकी वजह से देवता नाराज हो गए थे। कुछ समय पश्चात इन्द्रदेव की पत्नी करवाचौथ के अवसर पर धरती पर आती है, उनसे मिलने के लिए विरावती उनके पास जाती है, और अपने पति के जीवन के लिए प्रार्थना करती है। विरावती की बात सुनकर इन्द्राणी ने विरावती से श्रद्धा पूर्ण पूजा विधि बताई। वीरवती ने ठीक उसी प्रकार पूजा विधि संपन्न की जिस कारन भगवान अत्यंत प्रसन्न हुए और विरावती के पति को पूर्ण रूप से जीवित कर दिया और सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद दिया।”

करवा चौथ का व्रत क्यूँ किया जाता है
करवा चौथ व्रत कथा के अनुसार ब्राम्हण की पुत्री अमरावती के पति की मृत्यु हो चुकी थी। पति की मृत्यु के बाद अमरावती ने करवा चौथ व्रत पूरी विधि विधान से करके अपने पति का जीवन माँगा था, जिसके परिणाम स्वरूप भगवान ने खुश होकर उसके पति को जीवित कर दिया था। तभी से भारत धर्म में यह मान्यता है, कि करवाचौथ पति की दीर्घायु के लिए किया जाने वाला व्रत है और एक सुहागिन महिला के जीवन में सुख समृधि का प्रतिक है । इस तरह भारतवर्ष में करवाचौथ का व्रत किया जाने लगा।
पीरियड के दौरान महिलाए करवा चौथ का व्रत कर सकती है या नहीं
हिन्दू धर्म में धर्म शास्त्रों के अनुसार हिन्दुओ में अनेको व्रत की अलग अलग मान्यताये है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को करने के लिए पूर्ण रूप से शारीरिक तथा मानसिक रूप से पवित्र होना जरुरी है। खास रूप से महिलाओ को मासिक धर्म के दौरान पूजा पाठ या अन्य धार्मिक अनुष्ठान करना पूर्ण रूप से वर्जित है। ऐसी अवस्था में अनेको महिलाओ के मन में ख़याल आता है कि क्या वह इस अवस्था में पूजन विधि पूरा नहीं कर सकती? क्या उनका साल भर का त्यौहार युही व्यर्थ चला जाएगा?
अभी तक हमने जाना धर्म शास्त्रों में इस अवस्था में पूजा करने के लिए पूर्ण रूप से मनाही है। लेकिन इस अवस्था में भी आप अपने व्रत को पूरा कर सकती है लेकिन आपको कुछ ख़ास बातो का ध्यान देना होगा जोकि निचे बताई गयी है।
- इस व्रत के दौरान पीरियड की अवस्था में किसी भी महिला को घर के सदस्य से पूजा करवा सकती है, अथार्त पूजा पाठ की तैयारी अन्य कोई भी कर सकता है।
- पूजा पाठ के सामान को छूने से बचना चाहिए ताकि पूजा सामग्री अशुद्ध ना हो जाए।
- पूजा आराधना के दौरान किसी अन्य सदस्य द्वारा कथा पढवाए और सुने।
- मन में करवा माता का नाम आस्था पूर्ण स्मृत करते रहे।
- मन में ही करवा चौथ का मंत्रो का जप करे।
इस तरह से पूजा सामग्री से खुद को दूर रखकर अपना व्रत पूरा कर सकती है। भगवान पूजा से नहीं अपितु मन में सच्ची साधना से ही प्रसन्न हो जाते है। इसलिए आपको चिंतित होने की कोई जरुरत नहीं है।
करवा चौथ के दिन महिलाओ को किस तरह तैयार होना चाहिए
करवा चौथ का व्रत कोई भी पत्नी अपने पति के लिए रखती है। अपने पति की लम्बी उम्र और उनकी खुशियों का ख्याल रखते हुए कोई भी पत्नी उनके लिए व्रत करती है। पति की प्रसन्नता का मुख्य कारण पत्नी की सुन्दरता भी है, जिसके कारण किसी भी महिला को करवाचौथ वाले दिन अपने शृंगार पर ख़ास ध्यान देना चाहिए। यहाँ पर निचे कुछ ख़ास तरीके बताये गए है जो किसी भी महिला के सजने में मदद कर सकते है।
- करवा चौथ के पहले से ही अपने चहरे का विशेष ध्यान रखे, शहद और मुल्तानी मिट्टी का फेस पैक बना कर रोजाना अपने चहरे, गर्दन और अन्य त्वचा पर लगाये, इससे आपकी त्वचा निखरती है।
- चहरे के निखार को ज्यादा बढ़ने के लिए पानी ज्यादा से ज्यादा पिए।
- करवा चौथ के दिन हाथो पर मेहदी लगाने का चलन हमेशा से रहा है। मेहदी लगवाते समय उसमे अपने पति का अंश जरुर रखना चाहिए जैसे पति का नाम, या आप दोनों के नाम का पहला अक्षर।
- अपनी बॉडी पर पहले से ही वैक्सीन करवा ले ताकि आप और ज्यादा निखरे।
- चहरे पर ज्यादा खुबसूरत लगने वाली हेयर स्टाइल बनाये ।
- अपने ऑउटफिट के हिसाब से आँखों पर मेकअप करवाए।
- आपके होठो को निखारने वाली लिपिस्टिक का ही चुनाव करे।
- इस दिन लाल रंग की साड़ी पहनना अच्छा माना जात है।
- हर पत्नी को इस दिन 16 श्रृंगार करना चाहिए, क्यूंकि यह अवस्था करवा चौथ वाले दिन शुभ मानी जाती है।
करवा चौथ 2024 में किन पूजन सामग्री रखे ख़ास ध्यान
करवा चौथ व्रत के अनुसार इसमें पूजन विधि को पूर्ण करने के लिए अनेको सामग्री की आवश्यकता होती है। यहाँ कुछ सामग्रियों के बारे में बताया गया है, जिनको पूजा आरम्भ होने से पहले एकत्रित कर लेना चाहिए।
- पूजा की ढाली में मिट्टी या ताम्बे का करवा और ढक्कन।
- शुद्ध पान
- कलश
- चन्दन
- फुल
- चावल
- कच्चा दूध
- दही
- देशी घी
- शक्कर का बुरा
- रोली
- कुमकुम
- मौली
करवा चौथ 2024 पर पूजा अर्चना कैसे करे
करवा चौथ किसी पत्नी के लिए ख़ास दिन होता है, इस दिन अगर कोई पत्नी पूजा की सही विधि का उपयोग करके पूजा पाठ की शुरुवात करे तो उसके जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते है। यहाँ पर पूजा की पूरी विधि बताई बताई गयी है, जानने के लिए आगे पढ़े ।
- करवा चौथ वाले दिन सूर्योदय से पहले उठाकर स्नान कर लेना चाहिए, स्नान करने के बाद मंदिर की साफ सफाई कर के वहां दीपक जलाये।
- मंदिर में दीपक जला कर पूजा आरधना करे और व्रत के आखिर तक निर्जल रहने का संकल्प लें।
- शाम को खुद को साफ़ सुथरा कर के या स्नान करके आप करवाचौथ के पूजन स्थल पर गेहू से फलक बनाये, और इसके साथ ही चावल पीसकर उसके चूर्ण से करवा की रंगोली बनाये।
- इसके बाद पूजा के लिए आठ पूरी, हलवा, खीर और भोजन तैयार कर लें।
- इस दिन भगवान शिव के साथ उनके सभी परिवार की पूजा अर्चना की जाती है इसलिए आपके पास शिव के साथ पारवती माता के गोद में विराजित गणेश जी की मूर्ति आपके पास होनी चाहिए। इन मूर्ति पर पीले रंग का तिलक लगाये और हाथ जोड़े।
- इसके बाद माता पारवती का श्रृगार करे उन्हें चुनरी, रोली, कुमकुम, मौली, तथा अन्य चीजो से सजाये।
- अब माता पारवती के सामने पानी से भरा कलश रखे, और साथ ही करवा रखे जिससे चाँद को अर्ध्य दिया जाएगा।
- अब रोली की एक सतिया बना ले, करवे पर रोली की 13 बिंदिया लगाये।
- इसके बाद भगवान गणेश और माता पारवती की एक साथ पूजा करे और करवा चौथ की कथा पढ़े।
- कथा पढ़ते समय अपने हाथ में चावल तथा गेहू के 13 दाने लेकर ही कथा पढ़े।
- कथा के समापन पर माथा पारवती के आगे हाथ जोड़कर सर झुकाए और मन में हर प्रेम भाव को जाहिर करे।
- अब शाम के समय चाँद निकलने का इतेजार करे।
- चाँद निकलते ही पूजा की थाली और पति के साथ छलनी लेकर चाँद को देखने जाए, चाँद देखने के बाद आप अपने पति का चेहरा छलनी में देखें।
- इसके बाद कलश में रखा जल अपने पति के हाथो से ग्रहण करे और अपने व्रत को खोले।
करवा चौथ का व्रत प्रत्येक वर्ष कब पड़ा है
करवा चौथ खासकर अक्टूबर और नवम्बर महीने में ही पड़ता है। अगर आप भी पिछले करवा चौथ से लेकर आने वाले करवा चौथ के बारे मे जानकारी चाहते है, तब आपको यहाँ निचे टेबल में कुछ रिकॉर्ड मिल जायेंगे जिसे देखकर आप करवा चौथ का सही अंदाजा लगा सकते है।
करवा चौथ का त्यौहार | ||
वर्ष | दिन | तारीख |
2015 | शुक्रवार | 30 अक्टूबर |
2016 | बुधवार | 19 अक्टूबर |
2017 | रविवार | 8 अक्टूबर |
2018 | शनिवार | 27 अक्टूबर |
2019 | गुरूवार | 17 अक्टूबर |
2020 | बुधवार | 4 नवम्बर |
2021 | रविवार | 24 अक्टूबर |
2022 | गुरूवार | 13 अक्टूबर |
2023 | बुधवार | 1 नवम्बर |
2024 | रविवार | 20 अक्टूबर |
2025 | शुक्रवार | 10 अक्टूबर |
निष्कर्ष
इस पुरे आर्टिकल में आपने जाना इस बार 1 नवंबर 2024 के दिन करवा चौथ का चांद कब तक निकलेगा। करवा चौथ की कथा के साथ आपने यह भी जान लिया की करवा चौथ क्यूँ मनाया जाता है। पति पत्नी के इस त्यौहार को हर्षो उलास के साथ मनाया जाना चाहिए। पति को ध्यान देना चाहिए की अपनी पत्नी के लिए इस दिन अवश्य टाइम दे, ताकि उनके जीवन में खुशहाली बनी रहे।
Faq
वर्ष 2023 में करवाचौथ का चाँद कितने बजे निकलेगा?
1 नवम्बर 2023 के दिन 8 बजे शाम से 8.40 शाम के बिच चाँद दिख सकता है।
करवा चौथ वाले दिन कौनसे काम नहीं करने चाहिए?
करवा चौथ वाले दिन पति पत्नी को आपस में झगडा नहीं करना चाहिए। इस दिन महिला को किसी भी तरह का दान नहीं करना चाहिए क्यूंकि यह अशुभ माना जाता है।
क्या करवा चौथ व्रत में पानी पी सकते है?
करवा चौथ एक निर्जल व्रत है, इस कारण से इस व्रत में पुरे दिन पानी ग्रहण करना वर्जित है।
करवा चौथ के दिन पूजा सामग्री में उपयोग होने वाला करवा क्या होता है?
करवा एक प्रकार का बर्तन होता है जिसमे पूजा के लिए दूध, चीनी या चावल सामग्री को रखा जात है।
करवा चौथ व्रत तोड़ने के बाद क्या खाना चाहिए?
व्रत तोड़ने के बाद सबसे पहले आपको सादा पानी पीना चाहिए, इसके बाद आप अन्य भोजन ग्रहण करे जैसे बादाम, नारियल पानी, दही, सलाद या सूप ले सकते है।
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