कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ (Kankaleshwari shaktipeeth) या कंकलीतला शक्ति पीठ देवी सती के रीढ़ कंकाल का स्वरूप है। यह मंदिर बोलपुर लाबपुर रोड (पश्चिम बंगाल ) के कुछ दुरी स्थित है। इस शक्ति पीठ की गणना संसार में स्थित 51 शक्ति पीठों में की जाती है। मंदिर में स्थापित मुख्य देवी काली की पूजा आरधना की जाती है। मंदिर में प्रमुख अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, जिनमे नवरात्री और दुर्गा पूजा मुख्य हैं। इन पर्व के दौरान मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित होते है और मंदिर में होने वाली विशेष पूजा का आनंद प्राप्त करते हैं। क्या आप कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ से जुड़े इतिहास के बारे में जानते हैं? आखिर मंदिर के कौन से रहस्य हैं, जो लोगो को चौंका देते है? कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर तक कैसे पहुंचा जा सकता है? इन सभी सवालों के जवाब आप आर्टिकल में आगे पढेंगे।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ का इतिहास | Kankaleshwari shaktipeeth Temple History in Hindi

ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) में स्थापित मूर्ति की खोज 1700 ई में की गई थी। मूर्ति का अवलोकन करने पर पता चला है, कि यह मूर्ति 250 साल पुरानी है।
अन्य विशेषज्ञों द्वारा बताया जाता है कि पहले इसे पूर्व आर्यन युग की याक्षिणी कहा जाता था। मंदिर का निर्माण पंचकोट राजा ने करवाया था। एक मान्यता के अनुसार प्राचीन प्रथा के दौरान मंदिर में बलियां दी जाती थी।
कुछ पुरातत्वविदों का मानना है कि मंदिर में स्थापित मूर्ति बुद्ध काल की है, और बौद्ध तंत्र से प्रभावित है। हालाकि अभी तक मंदिर की मूर्ति का पूर्ण रूप से अवलोकन नही हो पाया है, लेकिन स्थानीय लोगो का मानना है कि यह मूर्ति 2000 वर्ष पुरानी है।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर की संरचना | Kankaleshwari shaktipeeth Temple Architecture
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) की संरचना बंगाली रितिरिवाजों से प्रभावित है, मंदिर का निर्माण मुख्य रूप से नवरत्न शैली में किया गया है लेकिन 18वीं शताब्दी में मंदिर की वास्तुशैली को पंचरत्न के नाम से जाना जाता था।
मंदिर में मुख्य रूप से 3 कक्ष मौजूद हैं, जिसमे से एक गर्भगृह में देवी की मूर्ति स्थापित की गई है। मूर्ति के निर्माण में काले बेसाल्ट पत्थर का उपयोग किया गया है, जोकि आज के समय में बेहद कीमती पत्थर माना जाता है। अन्य दो कक्षों में शिलिंग और त्रिशूल को स्थापित किया गया है।
मंदिर में मुख्य देवी काली हैं, जिनकों क्रोधित रूप में चित्रित किया है, काली जी के पैरों में भगवान शिव की प्रतिमा उकेरी गई है, जिसमें भगवान शिव को लेटी अवस्था में देखा जा सकता है, इसके साथ ही भगवान को हाथ जोड़ते हुए दिखाया गया है।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर की महत्वपूर्ण जानकारियां
मंदिर का नाम | कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) |
मंदिर के प्रमुख देवता | देवी काली |
मंदिर की जगह | बर्धमान, पश्चिम बंगाल |
मंदिर में बोली जाने वाली भाषा | बंगाली, हिंदी, इंग्लिश |
मंदिर की प्रमुखता | दैविक घटना के अंतर्गत यहाँ पर माता सती की रीढ़ की हड्डी गिरी थी। |
मंदिर के प्रमुख त्योहार | दुर्गा पूजा, नवरात्री |
मंदिर का निर्माण काल | 1000 वर्ष पूर्व |
मंदिर का समय | मोर्निंग 6 बजे से नाईट 8 बजे तक |
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर के अनसुने रहस्य | Kankaleshwari shaktipeeth Temple Facts in Hindi

कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) देवी सती के काली रूप को समर्पित है। यह मंदिर देवी सती और देवी काली के लिए पुरे संसार में विख्यात है। वह भक्तगण जो कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) से जुड़े रहस्यों से अज्ञात हैं, उन्हें निम्नलिखित रहस्यों को जरुर पढना चाहिए।
- पश्चिम बंगाल में स्थित एक मंदिर के पास देवी सती की रीड की हड्डियां गिरी थी, जिसके परिणामस्वरुप यहां पर कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) की स्थापना की गई।
- मंदिर के पास रहने वाले स्थानीय लोगों की एक मान्यता है, जिसके अनुसार देवी सती का कंकाल एक विशेष स्थल पर गिरा था, जहां पर बाद में जल कुंड स्थापित हो गया।
- मंदिर में मौजूद पुरोहितों का कहना है कि मंदिर के पास स्थित शमशान में जब लाश लाई जाती है, तभी देवी काली की पूजा आराधना शुरू की जाती है। अथार्त जिस दिन किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए, उस दिन जब मंदिर के पास स्थित शमशान घाट में लाश को दाह संस्कार के लिए लाया जाता है, तभी देवी की पूजा शुरू की जाती है। बाकी दिनों में सामान्य पूजा की जाती है।
- कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) को स्थानीय लोग कंकाल बाड़ी और रक्त टोला के नाम से जानते हैं। जिसका क्रमशः अर्थ है कंकाल घर और रक्त मंदिर।
- कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) में मुख्य देवी की मूर्ति बेसाल्ट नामक पत्थर से निर्मित की गई है जोकि बेहद कीमती होते हैं।
- कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) को कंकलीतला शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है।
- कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) के पास एक रहस्यमई जलकुंड स्थित है, एक मान्यता के अनुसार जो भक्तगण इस कुंड में स्नान करते हैं, जिनके हर तरह के चरम रोग ठीक हो जाते हैं।
- कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) में मुख्य देवी उस कमल पर विराजित है, जोकि भगवान शिव की नाभि से उत्पन्न हुआ है।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर से जुड़े वास्तविक चमत्कार | Real Miracle Related to Ankleshwari Shakti Peeth Temple
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) को पूजा का एक पवित्र स्थल माना जाता है। मंदिर के पास रहने वाले स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर में विराजित मुख्य देवी की कृपा से अनेकों चमत्कार देखे गए हैं, जिसकी वजह से भक्तगणों का देवी पर अटूट विश्वास बना है। मंदिर में स्थित पुरोहितों द्वारा अनेकों विश्वसनीय तथ्य बताए जाते हैं, जिसके अनुसार मंदिर में स्थित देवी की कृपा लोगों पर बनी रहती है। चलिए मंदिर सी जुडी कुछ चमत्कारिक बातों को विस्तार से जानते हैं।
इच्छाओं की पूर्ति
मंदिर से जुडी एक पौराणिक मान्यता है जिसके अनुसार जिन भक्तों पर देवी कनकुलेश्वरी की कृपा होती है उनके जीवन में लक्ष्य की प्राप्ति होती है। इसी वजह से भक्तगण मंदिर में दूर दूर से देवी का आशीर्वाद लेने आते हैं।
उपचार और सुरछा
मंदिर से जुडी एक अन्य मान्यता है जिसके अनुसार मंदिर में विराजित देवी अपने भक्तगणों को बुरी शक्तियों से सुरक्षा सुरछा प्रदान करती हैं, तथा इसके साथ देवी भक्तगणों को शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखती है।
अध्यात्मिक जागृति
एक मान्यता के अनुसार जो भक्त मंदिर में विराजित मुख्य देवी की पूजा अर्चना करता है, उसके जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा प्रवेश करती है, तथा उसका जीवन विभिन्न प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्त हो जाता है।
बाधाओं से मुक्ति
मंदिर में विराजित देवी काली अपने भक्तगणों के जीवन में आने वाले हर बाधाओं से दूर रखती हैं तथा भक्तों के जीवन में आने वाली कठिनाइयां के दौरान उन्हें ईश्वरीय मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
देवी का चमत्कारिक आशीर्वाद
मंदिर में मौजूद पुरोहितों का मानना है कि मंदिर में स्थित देवी अपने भक्तगणों को शक्ति, साहस और सुरक्षा का आशीर्वाद देती हैं, इससे भक्तगण के जीवन में किसी प्रकार की हानि नहीं होती और वह सदा सुखी रहते हैं।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे | How To Reach Kankaleshwari shaktipeeth Temple
जो भक्तगण भारत के निवासी है तथा कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) के दर्शन करना चाहते हैं, उनके लिए मंदिर का दर्शन करना बेहद आसान है। क्योंकि देवी का यह मंदिर भारत के पश्चिम बंगाल के बर्धमान में ही स्थित है। जो भक्तगण मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं, वह सड़क मार्ग, रेल मार्ग तथा एरोप्लेन की मदद से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। अगर आप मंदिर तक जाने वाले रास्तों से अज्ञात है, तब आपको आर्टिकल में बताए गए यात्रा विवरण को जरूर पढ़ना चाहिए। चलिए अब मंदिर तक जाने वाले रास्तों को विस्तार से जानते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे
जो भक्त कांकलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, और उनके लिए सड़क मार्ग द्वारा मंदिर तक पहुंचना सुविधाजनक लगता है तब वह राष्ट्रीय राजमार्ग 114 और राज्य राजमार्ग 6 की मदद से बोलपुर लाबपुर मार्ग तक पहुंच सकते हैं, जोकि मंदिर से काफी नजदीक है। यह दोनों राजमार्ग भारत के विभिन्न राज्यों से पूर्ण रूप से मिले हुए हैं, इसलिए इन राज्य मार्ग से मंदिर तक पहुंचना बेहद आसान है आप टैक्सी, बस या फिर अपने निजी वाहन से यहां तक पहुंच सकते हैं। बोलपुर लाबपुर मार्ग से मंदिर की दूरी लगभग 260 मीटर है। मतलब बोलपुर मार्ग से मंदिर पैदल जा सकते हैं, जिसमे आपको मात्र 5 मिनट का समय लगता है।
रेल मार्ग द्वरा कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे
जिन भक्तगण के पास मंदिर जाने के लिए कम बजट है, वह ट्रेन के माध्यम से मंदिर तक जा सकते हैं। मंदिर जाने के लिए, सबसे पहले आपको अपने शहर से बोलपुर शांतिनिकेतन रेलवे स्टेशन की टिकट बुक करवानी होगी। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 9 किलोमीटर है, इसलिए आप रेलवे स्टेशन से टैक्सी तथा ऑटो बुक करके मंदिर पहुँच सकते हैं।
एरोप्लेन से कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे
वह भक्तगण जिनके पास मंदिर जाने के लिए समय का अभाव है, उनके लिए एरोप्लेन की यात्रा सुविधाजनक हो सकती है, लेकिन एरोप्लेन से मंदिर तक जाने के लिए आपके पास अच्छा बजट होना चाहिए। वह भक्तगण जो एरोप्लेन की मदद से मंदिर जाना चाहते हैं सबसे पहले उन्हें नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट की टिकट बुक का बुक करवानी होगी। एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी लगभग 167 किलोमीटर है। आप एयरपोर्ट से टैक्सी की मदद से मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर का दैनिक समय | Kankaleshwari shaktipeeth Temple Daily Timing Routine
हिंदू धर्म में विभिन्न शक्ति पीठ मौजूद है और हर मंदिर की समय सारणी अलग-अलग हो सकती है। इसलिए आपको विभिन्न शक्ति पीठों की समय सारणी के बारे में जरूर पता होना चाहिए। अगर आपका कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं, तब आपको मंदिर से जुड़े समय के बारे में जरूर पता होना चाहिए। आर्टिकल में आगे आप मंदिर से जुड़ी एक सटीक समय सारणी के बारे में जान सकते हैं। चलिए मंदिर से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम को समय के अनुसार जानते हैं।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर में प्रातः काल का समय
- कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) प्रातः काल 5:00 बजे खुल जाता है।
- मंदिर खुलने के बाद मुख्य मंदिर की साफ सफाई की जाती है।
- मंदिर की सफाई के बाद पूजा अर्चना तथा प्रत्येक दिन होने वाले अनुष्ठान किए जाते हैं।
- सुबह के 6:00 से 12:00 बजे तक कोई भी भक्तगण मंदिर में दर्शन कर सकता है।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर में दोपहर का समय
- सुबह की पूजा समाप्त होने के बाद, दोपहर में कुछ देर के लिए मंदिर बंद कर दिया जाता है।
- दोपहर के 12:00 से 3:00 बजे तक मंदिर में विश्राम का समय होता है।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर में शाम का समय
- मंदिर में शाम 4:00 बजे फिर से अन्य कार्यक्रम शुरू किए जाते हैं।
- शाम के मंदिर खुलने पर कोई भी भक्तगण मंदिर में प्रवेश कर सकता है तथा देवी के दर्शन कर सकता है।
- मंदिर में 6:00 से लेकर 7:00 बजे तक संध्या आरती की जाती है।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर में रात्री का समय
- रात्रि में 8:00 से लेकर 9:00 बजे तक शयन आरती का आयोजन किया जाता है।
- इस समय मंदिर में मौजूद पुरोहित देवी की शयन आरती करते हैं, तथा इसके बाद देवी निद्रावस्था में चली जाती है।
- रात्रि में लगभग 10:00 बजे मंदिर को पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाता है।
FAQS: Kankaleshwari shaktipeeth
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) कहाँ पर है?
बर्धमान, पश्चिम बंगाल (भारत)
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) की प्रमुखता क्या है?
मंदिर के पास ही देवी सती का रीढ़ का कंकाल गिरा था।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) घुमने का सबसे अच्छा समय कब होता है?
नवरात्री और दुर्गापूजा के दौरान।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) में कौनसी भाषा बोली जाती है?
बंगाली, हिंदी, इंग्लिश।
कन्कलेश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Kankaleshwari shaktipeeth) में कौनसे त्यौहार मनाएं जाते हैं?
नवरात्री, दुर्गापूजा, राम नवमी, दीवाली, महाशिवरात्रि।
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