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कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) का इतिहास, वास्तुकला और अनेकों रहस्य

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) कामाख्या देवी का एक प्रमुख मंदिर है जिसे 51 शक्ति पीठ का एक भाग के रूप में जाना जाता है। यह शक्तिपीठ असम के नीलांचल पर्वत पर स्थित है, पौराणिक मान्यता के अनुसार दैविक घटना के दौरान यहाँ पर माता सती का जननांग गिरा था। मंदिर का सर्वप्रथम सुरक्षित निर्माण 1540 के बाद हुआ था, इसके अलावा मंदिर से जुड़े इतिहास, और वास्तुकला के बारे में आप आगे पढेंगे। मंदिर से जुड़े अनेकों रहस्य हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं, अगर आप इन सभी रहस्यों को जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़ें।

Table of Contents

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर का इतिहास | Kamakhya Shakti Peeth Temple History in Hindi

इतिहासकारों के अनुसार सन 1498 ई. में हुसैन शाह शासक ने मंदिर को ध्वज कर दिया था, इसके बाद मंदिर के ऊपर काफी विवाद चला, स्थानीय लोगों का मानना था कि मंदिर को कालापहाड़ शासक द्वारा तोड़ा गया है। लेकिन कालापहाड़ का राज्यकाल 1566 से 1572 तक था। इसी कारण से कुछ सालों तक मंदिर विवादों में रहा है, जिसके बाद सन 1565 में मंदिर का पुनः निर्माण करवाया गया।

इससे पहले जब हुसैन शाह द्वारा मंदिर तोड़ा गया था, तब मंदिर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था और जमीन के नीचे तक गया था। मंदिर के सुधार में सर्वप्रथम विश्वसिंह ने योगदान दिया था, उन्होंने 1515 से 1540 के दौरान मंदिर में काफी सुधार किए और मंदिर को पूजनीय योग्य बनवाया है। बाद में मंदिर में लोग पूजा आराधना करने आने लगे और मंदिर प्रसिद्ध होने लगा।

बाद में शासक नर नारायण ने 1540 से 1587 के मध्य मंदिर को नया रूप दिया, तथा इसका निर्माण बंगाली की इस्लामी वास्तुकला में करवाया, वर्तमान में इस मंदिर का सुन्दर स्वरूप देखा जा सकता है।

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कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर की वास्तुकला | Kamakhya Shakti Peeth Temple Architure

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) का निर्माण पर्यटन स्थल की सौदार्यता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। प्राचीन शासको द्वारा इस मंदिर का निर्माण नीलांचल शैली के साथ किया गया है, इसके साथ मंदिर की सुन्दरता को निखारने के लिए विभिन्न शैलियों का उपयोग किया गया था। प्राचीन समय से लेकर अब तक मंदिर की वास्तुकला में काफी सुधार देखने को मिला है। परिणामस्वरूप यहां आने वाले प्रत्येक भक्तों को यह मंदिर अत्यधिक आकर्षित लगता है।

कामाख्या देवी के मंदिर को एक विशाल पर्वत पर निर्मित किया गया है मंदिर की संरचना के बारे में बात करें तो मंदिर परिसर में चार मुख्य भाग देखे जा सकते हैं। मंदिर के अंदर एक गर्भगृह, एक विशेष कमरा, एक बड़ा हाल और नृत्य कक्ष मौजूद है। मंदिर के गर्भगृह में एक विशाल चट्टान है जोकि योनी रूपी है, जिसे माता के अंगों के साथ जोड़ा जाता है। और इसकी पूजा आराधना की जाती है।

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां

मंदिर का नामकामख्या देवी शक्ति पीठ (Kamakhya Shakti Peeth Temple)
मंदिर के प्रमुख देवतादेवी कामख्या
जगह का नामनीलांचल पर्वत, गुहावटी, असम (भारत)
मंदिर के प्रमुख त्यौहारअम्बुबाची मेला
मंदिर की वास्तुकलाकुंच शैली
मांदरी के निर्माणकर्ताराजा नर नारायण और अन्य प्राचीन राजा
मंदिर की प्रमुखतादैविक घटना के अनुसार मंदिर के पास माता सती के जननांग का निपट हुआ था
मनिदर खुलने का समयप्रातः काल 5 बजे

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर से जुड़े अनसुने रहस्य | Kamakhya Shakti Peeth Temple Facts in Hindi

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) संसार में विख्यात मंदिरों में से एक है। मंदिर से जुड़े ऐसे अनेको रहस्य बताए जाते हैं, जिनको सुनने के बाद चमत्कारिक घटनाओं का आभाष होता है! अगर आप कामाख्या देवी के मंदिर से जुड़े रहस्यों से अनजान है, तब आपको निम्नलिखित रहस्यों को जरूर पढ़ना चाहिए।

  • मंदिर के पास ही माता सती का गुप्तांग गिरा था, जिसके परिणामस्वरूप कामाख्या यहाँ पर देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) की स्थापना की गई।
  • एक मान्यता के अनुसार कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) में सभी भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए कन्या पूजन तथा भंडारा किया जाता है। इसके साथ ही पशुओं की बलि दी जाती है, मंदिर में बलि की प्रथा को लेकर एक मान्यता है जिसके अनुसार मादा जानवरों की बलि नहीं दी जाती है।
  • काली और त्रिपुरा सुंदरी देवी शक्ति पीठ के बाद यह एक अन्य धार्मिक स्थल है, जहां पर तांत्रिक साधना को महत्वता दी जाती है, मंदिर में भगवान शिव को नववधू के रूप में पूजा जाता है तथा भक्तगण अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मंदिर में विशेष पूजाओं में भाग लेते हैं।
  • जो कोई भक्तगण कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) में अपनी मुरादें लेकर आता हैं उनकी सभी मुरादें देवी की कृपा से पूर्ण हो जाती हैं।
  • कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) को कामदेव मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।
  • कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) में रहने वाले पुरोहितों का कहना है कि मंदिर में ऐसे भक्त आते हैं जो अपने जीवन में होने वाली विवाह, धन, बच्चे संबंधित समस्याओं के निवारण हेतु, कामाख्या देवी से प्रार्थना करते हैं। इसके अलावा मंदिर में रहने वाले पुरोहित प्रत्येक भक्तों की समस्याओं का निवारण करते हैं तथा बुरी शक्तियों से उनका बचाव करते हैं।
  • कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) में मौजूद पुरोहितों को मानना है कि महीने में तीन दिन कामाख्या देवी को रजस्वला होता है जिसके कारण इन दिनों देवी के दर्शन पर रोक लगा दी जाती है, तीन दिन पूर्ण होने के बाद मंदिर की दिनचर्या सामान्य कर दी जाती है।
  • कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) को तीन हिस्सों में निर्मित किया गया है, जिसमें दो हिस्से सबसे प्रमुख है पहला हिस्सा जिसमें हर व्यक्ति को जाने नहीं दिया जाता और दूसरा हिस्सा जिसमें माता देवी का स्वरूप को स्थापित है यहां पर सभी भक्तगण देवी के दर्शन के लिए जा सकते हैं।
  • कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) की सबसे खास बात यह है कि यहां पर तंत्र साधना को विशेष महत्व दिया जाता है, अगर कोई व्यक्ति काला जादू संबंधित परेशानियों से ग्रसित है तब वह मंदिर में मौजूद तत्रिकों की मदद से अपनी समस्या का समाधान करवा सकता है।
  • कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) में जून के महीने में रक्त स्राव होता है इसी महीने में ही मंदिर के पास स्थित ब्रह्मपुर नदी का रंग भी लाल हो जाता है, यह एक प्राकृतिक रहस्यमई घटना है, जिसके बारे में आज तक कोई भी पता नहीं लगा पाया है।
  • कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) में अनेक धार्मिक त्योहारों की मान्यता है। लेकिन मंदिर में एक विशेष मेले की मान्यता है जिसे अम्बुबाची मेले के रूप में जाना जाता है इस दिन मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है, तथा इस दिन पुरोहितों द्वारा मंदिर में विशेष पूजा आयोजित की जाती है।

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर से जुड़ा है एक प्रशिद्ध मेला

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) मंदिर में तो अनेकों त्यौहार मनाएं जाते हैं, लेकिन वर्ष में जून के महीने में यहाँ पर एक विशेष मेला आयोजित किया जाता है, जिसे तांत्रिक प्रजनन के नाम से भी जाना जाता है और स्थानीय लोग इसे अम्बुबाची के रूप में जानते हैं। इस मेले के दौरान मंदिर में स्तिथ गर्भगृह के द्वारा को 4 दिन के लिए बंद कर दिया जाता है, क्यूंकि एक मान्यता के अनुसार इन चार दिनों कामाख्या देवी का मासिक चक्र शुरू रहता है, जोकि किसी भी महिला के पीरियड के दौरान होता है। इसलिए माता इन दिनों में विश्राम अवस्था में रहती है।

मंदिर के पास रहने वाले स्थानीय लोग खेत सम्बंधित महत्वपूर्ण कार्यों को भी बंद कर देते हैं, इसके साथ ही मंदिर के पुरोहित इन दिनों पका हुआ भोजन त्याग देते हैं।

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे | How To Reach Kamakhya Shakti Peeth Temple

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) असम की राजधानी गुवाहाटी के नजदीक नीलांचल नामक पर्वत स्तिथ है,जिसे कामगिरी पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भारत में ही स्थित है, जैसा कि हम सभी जानते हैं कामाख्या देवी का नाम विश्वभर में प्रसिद्ध है, इसलिए आपको कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) के दर्शन जरूर करना चाहिए। अगर आप कामाख्या देवी शक्ति पीठ (Kamakhya Shakti Peeth Temple) दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तब आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और एरोप्लेन के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं चलिए अब इन रास्तों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा कामाख्या देवी की शक्तिपीठ कैसे पहुंचे

अगर आप सड़क मार्ग से कामाख्या देवी मंदिर पहुंचना चाहते हैं, तब आपको सबसे पहले अपने शहर से असम राज्य के लिए जाने वाली बस के बारे में पता लगाना होगा। बस की मदद से असम पहुंचकर, वहां से असम में चलने वाली बस की मदद से पलटन बाजार बस स्टैंड तक पहुंचाना पड़ेगा। यहां से मंदिर की दूरी लगभग 7.1 किलोमीटर है, इसलिए आप बस स्टैंड से ऑटो या टैक्सी बुक कर सकते हैं, जो आपको मंदिर तक छोड़ देंगे।

रेल मार्ग से कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

अगर आप ट्रेन के माध्यम से कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) पहुंचना चाहते हैं, तब आप कम बजट के अंदर ही मंदिर पहुंच सकते हैं। आपके शहर से मंदिर जाने के लिए सबसे पहले आपको कामाख्या जंक्शन रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा, यह रेलवे स्टेशन मंदिर के नजदीक स्थित है। अगर आपके शहर से कोई भी ट्रेन डायरेक्ट यहां तक नहीं आती, तब आप दो ट्रेन के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं। कामाख्या जंक्शन रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 4.7 किलोमीटर है, इसलिए आप रेलवे स्टेशन से ऑटो या टैक्सी की मदद से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

एरोप्लेन के माध्यम से कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

अगर आप कामाख्या देवी मंदिर एरोप्लेन के माध्यम से जाना चाहते हैं, तब आपके पास एक अच्छा बजट होना चाहिए, क्योंकि एरोप्लेन में किराया ज्यादा लगता है। लेकिन आपके पास अच्छा बजट है, तब आप अपने शहर से गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की फ्लाइट टिकट बुक करवा सकते हैं, यह एअरपोर्ट मंदिर के नजदीक स्थित है। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आप ऑटो या टैक्सी बुक कर सकते हैं, इस तरह से वाहन के माध्यम से मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं। जानकारी के लिए बताना चाहेंगे, एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी लगभग 19.6 किलोमीटर है।

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कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर का आरती और दर्शन समय | Kamakhya Shakti Peeth Temple Darshan & Aarti Timing

अगर आप कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तब आपको मंदिर में होने वाले प्रमुख उत्सव पर ही जाना चाहिए, क्योंकि उस समय मंदिर की यात्रा करना शुभ माना जाता है। जो भक्त मंदिर में दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं उन्हें सुबह जल्दी जाना चाहिए ताकि भीड़ से बचाव हो सके। मंदिर में फोटो तो वीडियो लेने की अनुमति नहीं है। आप मंदिर के दान पत्र में पैसे दान कर सकते हैं मंदिर में जाने से पहले आपको मंदिर में होने वाले क्रियाकलापों के बारे में जरूर पता होना चाहिए, ताकि आप हर कार्यक्रम में उपस्थित हो सकें। मंदिर में रोजाना होने वाले कार्यक्रम को निचे टेबल में पढ़ सकते हैं।

मंदिर के क्रियाकलापसमय
पीठस्थान का स्नानप्रातः काल 5:30
नित्य पूजा और सरदिया दुर्गा पूजासुबह 6 बजे
दर्शन समयसुबह 9 बजे
विश्राम समयदोपहर 1 बजे
शाम की आरतीशाम 7:30 बजे

FAQ: Kamakhya Shakti Peeth

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) कहाँ पर स्थित है?
नीलांचल पर्वत, गुहावटी, असम (भारत)

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) में लोग कौन सही भाषा बोलते हैं?
असम, बंगाली, हिंदी

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) जमीन से कितनी ऊंचाई पर स्थित है?
562 फीट।

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) की सबसे रहस्यमई बात कौन सी है?
मंदिर से जून के महीने में रक्त स्राव होता है और इसके साथ ही मंदिर के पास स्तिथ पूरी ब्रम्हपुत्र नदी लाल हो जाती है।

कामाख्या देवी शक्ति पीठ मंदिर (Kamakhya Shakti Peeth Temple) के पास माता सती का कौन सा अंग गिरा था?
देवी सती का जनांग।

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