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Kalki Dham Mandir : कौन हैं भगवान कल्कि, जिनके जन्म से पहले ही मंदिर में स्थापित होगी उनकी मूर्ति

कल्कि धाम मंदिर (Kalki Dham Mandir): हर सनातनी के लिए गर्व की बात है कि अब भारत में कल्कि धाम मंदिर बनने जा रहा है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इसकी आधारशिला भी रख दी है। इस कार्यक्रम में कई मंत्री और साधु, संत भी शामिल हुए थे और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर का निर्माण कल्कि पीठ करवा रहा है। शास्त्रों की माने तो कलयुग के आखिरी चरण में पाप बढ़ चुका होगा और धर्म पर संकट आएगा तब भगवान विष्णु अपना दसवां अवतार कल्कि के रूप में लेंगे।

भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि का जन्म कब कहां होगा यह सवाल अधिकतर लोगों के मन में जरूर चल रहा होगा। कल्कि धाम मंदिर की जगह और को लेकर इंटरनेट पर कई सवाल भी सर्च भी किया जा रहा है। इसलिए आज के इस लेख में हम आपको कल्कि धाम से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारियां देंगे जिससे आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब मिल सके।

आइए लेख की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कल्कि धाम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में..

कल्कि धाम मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां | Important information related to Kalki Dham mandir

मंदिर का नामकल्कि धाम मंदिर
मंदिर की जगहउत्तरप्रदेश, संभल
संबंध धर्महिंदू
प्रमुख देवताकल्कि (विष्णु, कलिनाशक)
माता और पिता(माँ)सुमति और (पिता)विष्णुयश
जीवनसाथीपद्मा (मां लक्ष्मी), रमा ( मां वैष्णोदेवी)
सवारीसफेद घोड़ा
युद्धकाली राक्षस
शास्त्रभागवत पुराण विष्णु पुराण
मंदिर महोत्सवकल्कि जयंती

आगे के खंड में कल्कि अवतार का उद्देश्य क्या है, भगवान कल्कि का स्वरूप कैसा होगा और भगवान कल्कि के परिवार में कौन कौन होगा इससे जुड़ी कुछ जानकारियां प्राप्त कर पाएंगे। इसलिए लेख को अंत तक पढ़ते रहें…

कल्कि अवतार का उद्देश्य | Purpose Of Kalki Avatar

सबसे पहले जानते है कल्कि भगवान (Kalki Bhagwan) के जन्म का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उद्देश्य: कल्कि पुराण के अनुसार भगवान कल्कि के जन्म का उद्देश्य अधर्म और पाप को खत्म करने के लिए होगा और उसके बाद सतयुग की स्थापना कल्कि भगवान करेंगे। भगवान विष्णु धरती पर अवतार लेकर पापियों का सर्वनाश करेंगे और धार्मिक लोगों की रक्षा करेंगे।

कलयुग का अंत: कलयुग का अंत भी इसी समय होगा। मान्यता है कि कलयुग का अंत हो जाएगा क्योंकि कल्कि अवतार के बाद कलयुग और सतयुग की संधि हो जाएगी।

भगवान कल्कि का स्वरूप | Form Of Lord Kalki

कल्कि पुराण के अनुसार भगवान कल्कि के स्वरूप के बारे में बताया गया है कि कल्कि भगवान के अंदर 64 कलाएं मौजूद होंगी। उनके अस्त्र तीर और कमान होंगे उनका वाहन सफेद घोड़ा होगा और इस घोड़े का नाम देवदत्त होगा।

शास्त्रों के अनुसार भगवान कल्कि के गुरु परशुराम होंगे जो कल्कि को भगवान शिव की उपासना का निर्देश देंगे शिवजी की तपस्या करने से ही भगवान कल्कि को दिव्य शक्तियां मिलेगी जिसकी मदद से धर्म की रक्षा कल्कि भगवान कर पाएंगे।

भगवान कल्कि का परिवार | Lord Kalki’s Family

चलिए अब आपको भगवान कल्कि के परिवार के बारे में बताते हैं सबसे पहले जानते हैं भगवान कल्कि के माता-पिता के बारे में, तो उनके पिता का नाम विष्णुयश और माता का नाम सुमति होगा।

कल्कि के पिता विष्णुयश पुराणों और वेदों की ज्ञात होंगे। भगवान के चार भाई होंगे जिनके साथ मिलकर सतयुग और धर्म की स्थापना करेंगे। अब भाईयो के नाम भी जान लीजिए, उनके चार भाई के नाम कुछ इस प्रकार है पहले तो वह खुद कल्कि, प्राज्ञ, कवि, सुमंत।

भगवान कल्कि की पत्नी का नाम पद्मा होगा जो की मां लक्ष्मी का अवतार होंगी। कल्कि भगवान के चार पुत्र होंगे। पहले पुत्र का नाम बलाहक, विजय, मेघमाल और जय होगा।

कल्कि धाम मंदिर की जगह | Kalki Dham mandir Location

शास्त्रों के अनुसार कल्कि अवतार का जन्म उत्तर प्रदेश जिले के संभल में होने की बात कही है इसी वजह से यहां पर Kalki Temple का निर्माण किया जाएगा। यह मंदिर दुनिया में सबसे अनोखी मंदिर के रूप में भी जानी जाएगी। कल्कि मंदिर की कुछ खास विशेषताएं हैं जिन्हें जानना हम सबके लिए बेहद जरूरी है, आइए जानते है –

  • कल्कि मंदिर ऐसा पहला भव्य मंदिर है जो भगवान के प्रकट होने से पहले बना होगा।
  • मंदिर की दूसरी सबसे खास बात है कि यह पहला ऐसा मंदिर है जिसमें गर्भगृह 1 न होकर बल्कि पूरे 10 गर्भगृह बनाए जाएंगे और जिसमें भगवान विष्णु के 10 अवतारों को विराजमान किया जाएगा।
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कल्कि मंदिर को 5 एकड़ परिसर में बनाया जाएगा और मंदिर का शिकार 108 फीट ऊंचा तथा आंगन 11 फीट ऊंचा होगा।
  • राम मंदिर के निर्माण के समय प्रयोग किया पत्थरों से ही कल्कि मंदिर को भी बनाया जाएगा।
  • यह खास लाल पत्थर राजस्थान के भरतपुर में स्थित बंसी पहाड़पुर में मौजूद है। पत्थर की खास बात है कि इसकी आयु और चमक की अवधि ज्यादा होने के कारण ही इसका प्रयोग किया जाएगा।

भगवान विष्णु के 10 अवतार | 10 incarnations of Lord Vishnu

विश्व में जब जब पाप और अन्याय बढ़ा है तब तब भगवान विष्णु अवतार लेकर धरती पर आए है और उन्होंने पूरे संसार को बचाया है। एक सनातनी होने के नाते हम सभी हिन्दुओं को भगवान विष्णु के दसों अवतार के बारे में पता होना चाहिए। अगर नही जानते है तो जान लीजिए भगवान विष्णु के 10 अवतार –

  1. मत्स्य अवतार
  2. कूर्म अवतार
  3. वराह अवतार
  4. भगवान नृसिंह
  5. वामन अवतार
  6. श्रीराम अवतार
  7. श्रीकृष्ण अवतार
  8. परशुराम अवतार
  9. बुद्ध अवतार
  10. कल्कि अवतार

मत्स्य अवतार

विष्णु जी का सबसे पहला अवतार मत्स्य अवतार की कथा कुछ इस प्रकार है जब पृथ्वी जल में डूब रही थी तब भगवान विष्णु मछली के रूप में आकर एक ऋषि से कहते हैं, सभी प्रकार के जीव जंतु एकत्रित कीजिए।

उसके बाद भगवान विष्णु मत्स्य रूप में आकर उन ऋषियों के नाव की रक्षा करते है और पृथ्वी को जलमग्न होने से बचते हैं। तब फिर ब्रह्मा फिर से जीवन का निर्माण करते हैं।

कूर्म अवतार

नरसिंह पुराण के अनुसार कूर्म अवतार को भगवान विष्णु के दूसरे अवतार से भी जाना जाता है। कूर्म अवतार में भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के समय देवताओं और दानवों की सहायता करने के लिए लिया था। क्षीरसागर के समुद्र मंथन के समय मंदार पर्वत को अपने कवच पर भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लेकर संभाला था।

वराह अवतार

वराह अवतार, यह भगवान विष्णु का तीसरा अवतार है। इस अवतार में भगवान विष्णु का सिर वराह और शरीर मानव का था। वराह अवतार को लेने के पीछे उनका उद्देश्य हिरण्याक्ष नामक दैत्य का वध करने के लिए लिया था।

नरसिंह अवतार

नरसिंह अवतार विष्णु का चौथा अवतार है। इस अवतार में भगवान विष्णु का रौद्र रूप देखा गया था। इस अवतार को लेने के पीछे का उद्देश्य आप सभी जानते होंगे, अगर नही जानते है तो चलिए आपको बताते है। अपने भक्त प्रहलाद को हिरण्यकश्यप नामक दैत्य से बचने के लिए सतयुग के चौथे चरण में भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया था।

वामन अवतार

अब जानते हैं विष्णु के पांचवें अवतार यानी की वामन अवतार के बारे में.. त्रेतायुग में भगवान विष्णु वामन के रूप में आए थे और उन्होंने राजा बलि का मानभंग कर इंद्र को फिर से स्वर्ग लोक दिलाया था। इंद्र को स्वर्गलोग दिलाना ही वामन अवतार का मुख्य उद्देश्य था।

राम अवतार

मर्यादा पुरुषोत्तम राम भगवान विष्णु के अवतार है। यह तो सभी जानते हैं। भगवान विष्णु ने राम अवतार क्यों लिया था? तो राम उन्होंने रावण और कुंभकरण का वध करने के लिए लिया था।

कृष्ण अवतार

कृष्ण के अवतार के पीछे कई कथाएं हैं जैसे नारद के श्राप के कारण, राधा के श्राप के कारण तो कंस नामक दैत्य का वध शामिल है। लगभग सभी इन कथाओं के बारे में जानते हैं इसमें से एक कथा जिसमें श्री कृष्ण ने कंस का वध किया था इस मुख्य वजह कृष्ण अवतार के लिए बताई गई है।

परशुराम अवतार

ऐसी मान्यता है कि परशुराम 8वे चिरंजीवी पुरुष है और वह आज भी धरती पर मौजूद है। परशुराम अवतार को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। परशुराम जी ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए रेणुका का सिर धड़ से अलग कर दिया था।

बुद्ध अवतार

जब दैत्य कलयुग में पूजा पाठ, हवन, दान आदि करने लगे इससे दैत्यों की शक्ति बढ़ने लगी तब देवताओं उनसे डरने लगे। इन्हीं सब चीजों से बचाने के लिए देवताओं ने भगवान विष्णु से मदद मांगी तब भगवान विष्णु ने बुद्ध के रूप में धरती पर आकर मुक्ति दिलाई।

कल्कि अवतार

कल्कि पुराण और अग्नि पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथो के अनुसार कलियुग के अंत में आकर भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे और अधर्म और पापियों से बचाएंगे उसके बाद सतयुग का फिर से आरंभ करेंगे।

यही थे भगवान विष्णु के 10 अवतार, आइए अब हमारे मुख्य विषय Kalki Dham मंदिर की जगह के बारे में जानते है।

कल्कि धाम संभल से बाबर का कनेक्शन | Babar’s connection with Kalki Dham Sambhal

क्या आप कल्कि धाम संभल से बाबर का कनेक्शन क्या है, जानते है? तो आइए आपको बताते है। संभल में 500 साल पहले भगवान कल्कि का मंदिर हुआ करता था लेकिन उस मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद का निर्माण मुगलवंश के बाबर ने करवाया था। बाबर ने अपने जीवन काल में 3 मस्जिदें मनवाई थी जिसमे से पहला अयोध्या में बाबरी मस्जिद, दूसरा पानीपत में कबूली बाग मस्जिद और तीसरा संभल में शाही जामा मस्जिद (Shahi Jama Masjid) है।

शाही जामा मस्जिद की जगह पर ही भगवान कल्कि का मंदिर स्थापित था जिसे बाबर के आदेश के अनुसार तोड़कर तहस नहस कर दिया गया था फिर ठीक उसी जगह पर मंदिर के अवशेषों का इस्तेमाल कर शाही जामा मस्जिद को बनवाया गया था।

FAQs. कल्कि धाम मंदिर (Kalki Dham Mandir) से जुड़े अक्सर पूंछे जाने वाले सवाल

प्रश्न 1. कल्कि भगवान का जन्म कौन से सन में होगा?
उत्तर: कल्कि भगवान का जन्म 2599 ई. में हो सकता है।

प्रश्न 2. कल्कि अवतार को कैसे पहचाने?
उत्तर: अग्नि पुराण और कल्कि पुराण में सफेद घोड़े पर सवार, तीर कमान के साथ हाथ में चमचमाती तलवार लिए योद्धा के रूप में उनकी पहचान की गई है।

प्रश्न 3. कल्कि अवतार कौन से गांव में होगा?
उत्तर: यूपी के मुरादाबाद जिले के संभल में कल्कि अवतार होगा।

प्रश्न 4. कल्कि अवतार कब और कहां होगा?
उत्तर: कलयुग और सतयुग के संधिकाल में यूपी के मुरादाबाद जिले के संभल में होगा।

प्रश्न 5. कल्कि अवतार की माता कौन है?
उत्तर: पुराणों के अनुसार कल्कि अवतार की माता का नाम सुमति होगा।

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