रविवार, अगस्त 3, 2025
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जोगाद्या शक्ति पीठ (Jogadya Shakti Peeth) के चमत्कारिक रहस्य, इतिहास और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां

51 शक्ति पीठ में से पश्चिम बंगाल, क्षीरग्राम का प्रसिद्ध जोगाद्या शक्ति पीठ (Jogadya Shakti Peeth Temple) माता जोगाद्या अथार्त देवी सती को समर्पित है। मंदिर में शिव स्वरूप भैरो जी को क्षीरकंटक के नाम से भी जाना जाता है। सर्वप्रथम मंदिर का निर्माण 11 शताब्दी से पहले हुआ था, लेकिन मंदिर पर आक्रमण होने के बाद, 17 शताब्दी में मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया गया। क्या आप मंदिर से जुड़े ऐसे रहस्यों के बारे में जानते हैं जिसमे देवी जोगाद्या की अदभुत शक्तियों का परिचय मिलता है? मंदिर से जुड़े विभिन्न रहस्यों के साथ मंदिर का इतिहास और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए आर्टिकल को अंत तक पढना ना भूलें।

Table of Contents

जोगाद्या शक्ति पीठ का इतिहास | Jogadya Shakti Peeth Temple History in Hindi

ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार 11वीं शताब्दी में विशाल पत्थरों की मदद से जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) का निर्माण किया गया था, मंदिर के पास है विशाल दीवार स्थापित की गई थी, जोकि मंदिर को चारों तरफ से घेरे हुई थी। प्राचीन समय में मंदिर में गर्भ घर, भोग घर और भंडार घर स्थापित किया गया था। मंदिर निर्माण के कुछ समय उपरांत लगभग सन 1760 में जनरल कालापहाड़ ने इस मंदिर पर आक्रमण कर दिया और मंदिर को ध्वस्त कर दिया था।

इसके बाद 1770 से 1780 के मध्य राजा कीर्ति चंद ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया। मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद यह मंदिर पूजनीय स्थल बन गया। मंदिर के पास तालाब में सन 2005 के आस पास संगमरमर के पत्थर से निर्मित छोटे मंदिर का निर्माण किया गया, जिसे आज भी तालाब के अन्दर देखा जा सकता है।

जोगाद्या शक्ति पीठ की वास्तुकला | Jogadya Shakti Peeth Temple Architecture

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) की वर्तमान संरचना 2005 में हुई थी। मंदिर के निर्माण में सफ़ेद रंग के संगमरमर पत्थरों का उपयोग किया गया है, यह मंदिर क्षीरदिघी तालाब के मध्य में स्थित है। मंदिर की प्रथा के अनुसार तालाब में देवी की मूर्ति को रखा जाता है, देवी की मूर्ति को विभिन्न अनुष्ठानो पर पानी से बाहर निकाला जाता है तथा अनुष्ठान पूर्ण होने के बाद दोबारा से तालाब में रख दिया जाता है। इसके आलावा देवी की दूसरी मूर्ति मंदिर में स्थापित की गई है।

कुछ सालों बाद सन 2011 में मंदिर का पुनः निर्माण किया गया। मंदिर को लाल पत्थरों से निर्मित किया गया और मंदिर में गर्भगृह, भोजनालय, और गेस्ट हाउस का निर्माण किया गया।

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जोगाद्या शक्ति पीठ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां

मंदिर का नामजोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple)
मंदिर के प्रमुख देवतादेवी जोगाद्या और भगवान क्षीरकंटक
मंदिर की जगहक्षीरग्राम, पश्चिम बंगाल
मंदिर की प्रमुखतामंदिर के पास ही देवी सती के दाएं पैर का अंगूठा गिरा था।
मंदिर की भाषाबंगाली, हिंदी और अंग्रेजी
मंदिर के प्रमुख त्यौहारनवरात्री, दुर्गा पूजा, काली पूजा
मंदिर निर्माणकर्ताराजा कीर्ति चंद
मंदिर में दर्शन का समयप्रातः काल 8 – रात्री 8 बजे

जोगाद्या शक्ति पीठ का रहस्य | Jogadya Shakti Peeth Temple Facts in Hindi

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) देवी जोगाद्या (माता सती) को समर्पित है। इस मंदिर के बारे में अनेकों चमत्कारिक घटनाएं बताई जाती है, जिन्हें शायद बहुत कम लोग जानते हैं। अगर आप इस मंदिर से जुड़ी घटनाओं तथा अनेकों रहस्यों के बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में बताई गई निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातों को जरूर पढ़ें।

  • तंत्र चूड़ामणि के अनुसार इस शक्तिपीठ के पास माता सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था, इसके परिणामस्वरूप जोगाद्या शक्ति पीठ (Jogadya Shakti Peeth Temple) की स्थापना थी।
  • जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) में प्रमुख देवी को जोगाद्या और भैरव को क्षीरकंटक के नाम से जाना जाता है।
  • जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) को क्षीरग्राम शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है, इस नामकरण के पीछे एक प्रमुख कारण बताया जाता है, जिसके अनुसार मंदिर में मौजूद भगवान शिव के क्षीरकंटक नाम को मंदिर के नाम के साथ जोड़ा जाता है।
  • एक पौराणिक मान्यता के अनुसार अहिरावण पाताल लोक में देवी काली की तपस्या करता था जिन्हें जोगाद्या शक्ति पीठ की प्रमुख देवी के रूप में भी जाना जाता है।
  • पौराणिक ग्रंथो के अनुसार हनुमान जी पाताल लोक से भद्रकाली की मूर्ति को लेकर आए थे और इसे जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) की भूमि पर ही स्थापित कर दिया था।।
  • जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) में मौजूद पुरोहितों द्वारा बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण निसंतान दंपती ने करवाया था, इस दम्पति ने देवी से संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना की थी। कुछ समय बाद उन्हें एक बेटे की प्राप्ति हुई थी, इसी खुशी में उन्होंने जोगाद्या देवी का मंदिर स्थापित करवाया था।
  • स्थानीय लोगों द्वारा बताया जाता है कि यहां पर 15वीं शताब्दी में एक महापुरुष आए थे, उन्होंने एक मृत बच्चे को देवी जोगाद्या की कृपा से पुनर्जीवित कर दिया था
  • जोगाद्या शक्ति पीठ (Jogadya Shakti Peeth Temple) में अनेकों चमत्कारी घटना हुई है, जिसके अनुसार कई गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग ठीक हो गए थे।
  • जोगाद्या शक्ति पीठ (Jogadya Shakti Peeth Temple) के पास ही एक तालाब स्थित है, जिसमें संगमरमर के पत्थर द्वारा एक विशाल मंदिर का निर्माण करवाया गया है।
  • जोगाद्या शक्ति पीठ (Jogadya Shakti Peeth Temple) के परिसर में भंडारगृह, गर्भग्रह और यात्रियों के रुकने के लिए एक विशाल हाल का प्रबंध किया गया है।
  • एक मान्यता के अनुसार मंदिर के पास स्थित तालाब में पवित्र मछलियां पाई जाती है, जिनकी मदद से गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।

जोगाद्या शक्ति पीठ में इंसान का रक्त भोग लगाया जाता है

एक पौराणिक मान्यता के अनुसार जोगाद्या शक्ति पीठ (Jogadya Shakti Peeth Temple) की प्रमुख देवी को रक्त का भोग लगाया जाता है। सुनने में थोडा अजीब लगता है लेकिन यह बात पूर्ण रूप से सत्य है। मंदिर के पुरोहितों द्वारा बताया जाता है कि विशेष अनुष्ठान पर देवी को इंसान के शरीर का रक्त चढ़ाया जाता है। इस प्रथा में मंदिर में मौजूद पुरोहित बेल के काटें द्वारा अपने सीने पर हल्का कट लगाते हैं और कुछ रक्त की बूंदों को बेलपत्र पर रखकर देवी को भोग लगाते हैं। इसके बाद अन्य जानवरों की बलि दी जाती है।

मंदिर में देवी को प्रसादों का भोग लगाया जाता है जिसमें, पनीर के सब्जी, बूंदी, पोस्तो, पापड़, चटनी, और अन्य शाकाहार भोजन शामिल हैं।

मंदिर के पास तालाब में मौजूद मछलियों से जुडी हैं अनेकों मान्यताएं

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) के पास एक विशाल तालाब है, जिसमें मौजूद मछलियों को साफ़ साफ़ देखा जा सकता है। मंदिर में आने वाले भक्त अपने हाथों से इन मछलियों को खाने के रूप में चारा दान करते हैं।

एक मान्यता के अनुसार देवी तालाब के अन्दर वास करती हैं इसलिए तालाब में रहने वाली मछलियों को देवी की सहचरी माना जाता है, यही एकमात्र कारण कि तालाब में मौजूद मछलियों को कोई भी नहीं छुता, वह सालों से इसी तालाब में जीवित हैं।

एक अन्य मान्यता के अनुसार जो भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर मंदिर आते है और एक जीवित मछली को इस तालाब में छोड़ते है तो माता की कृपा से उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं।

जोगाद्या शक्ति पीठ के निकटतम पर्यटन स्थल | Jogadya Shakti Peeth Temple Nearest Travling Place

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) घुमने के लिए एक प्रमुख स्थल है, लेकिन क्या आपको पता है इस शक्ति की पीठ के पास अनेकों पर्यटन स्थल मौजूद है, जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है। क्या आप इन सभी पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं अगर नहीं, तो आपको आर्टिकल में आगे बताए गए स्थलों के बारे में जरूर जानना चाहिए और इस शक्ति पीठ मंदिर के दर्शन के साथ, मंदिर के पास स्थित पर्यटन स्थलों में भी जाना चाहिए।

क्षीरदिघी

क्षीरदिघी एक बड़ा तालाब है जोकि मंदिर के पास स्थित है। ऐसा माना जाता है माता सती के दाएं पैर का अंगूठा इस तालाब में ही गिरा था, इसलिए इस स्थान को पवित्र स्थल का दर्जा दिया जाता है। आप तालब में नाव के माध्यम से विस्तृत तालाब की यात्रा कर सकते हैं, इसके अलावा तालाब के पास बैठकर आस पास के सुंदर दृश्य का आनद ले सकते हैं।

बर्दवान राजबाड़ी

इस स्थान को आप महल परिसर के रूप में देख सकते हैं, इस महल की स्थापना 18वीं शताब्दी में राजा बर्दवान ने की थी। वर्तमान में यह एक संग्रहालय बन चुका है जहां पर अनेको दर्शनार्थी घूमने फिरने आते रहते हैं। अगर आप जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) जा रहें है तो मंदिर के पास स्थित इस जगह पर घुमने जा सकते हैं।

कटवा

कटवा पश्चिम बंगाल का सबसे प्रसिद्ध शहर है यहां पर विभिन्न विशाल इमारतों का निर्माण किया गया है जोकी देखने में काफी आकर्षित लगती है, अगर आप जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) के दर्शन हेतु जा रहे हैं तब आप कटवा शहर भी घूम सकते हैं, मंदिर से कटवा की दुरी लगभग 22 किलोमीटर है।

मायपुर धाम

मायापुर धाम पश्चिम बंगाल का एक प्रसिद्ध शहर है जहां पर वैष्णो मूर्तियों का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही यहाँ पर इस्कॉन मंदिर को भी देखा जा सकता है जो भारत के बड़े मंदिरों में से एक है। अतः आप जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) के साथ मायापुर धाम भी भूम सकते हैं।

नादिया

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) के पास नदिया जिला स्थित है जहां पर ऐतिहासिक धरोहर मौजूद है इसके साथ यहां पर अन्य अदभुत इमारतों का निर्माण किया गया है जोकी देखने में काफी रहस्यमई प्रतीत होती है इसलिए आप जोगाद्या शक्ति पीठ के साथ इस जगह पर भी घूम सकते हैं।

जोगाद्या शक्ति पीठ कैसे पहुंचे | How To Reach Jogadya Shakti Peeth Temple

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) पश्चिम बंगाल के क्षीरग्राम में स्थित है जो भक्त इस शक्तिपीठ के दर्शन करना चाहता है, वह आसानी से सड़क मार्ग, रेल मार्ग और एरोप्लेन के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं, अगर आप मंदिर तक जाने वाले रास्ते से अनजान है तब आपको हमारे द्वारा बताए गए, यात्रा विवरण को जरूर पढ़ना चाहिए। चलिए अब आपके शहर से मंदिर तक की यात्रा को विस्तार से जानते हैं।

सड़क मार्ग से जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

वह भक्तगण जो मंदिर के आसपास रहते हैं या फिर पश्चिम बंगाल के पास रहते हैं ऐसे लोगों के लिए यात्रा काफी सरल होगी। अगर आप दूर रहते हैं तब आपको शहर से पश्चिम बंगाल की तरफ जाने वाली बस बुक करनी होगी, बस की मदद से आपको क्षीरग्राम तक पहुंचना होगा। क्षीरग्राम बस स्टैंड पहुंचने के बाद, यहां से ऑटो बुक करना पड़ेगा, क्योंकि बस स्टैंड से मंदिर की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है ऑटो की मदद से आप मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं।

रेलमार्ग से जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

अगर आप ट्रेन के माध्यम से मंदिर पहुंचना चाहते हैं तब आपको अपने शहर से पश्चिम बंगाल में स्थित कटवा रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा, यहां से मंदिर की दूरी लगभग 22 किलोमीटर है इसलिए ऑटो की मदद से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

एरोप्लेन से जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

अगर मंदिर ट्रेवल करने के लिए आपके पास अच्छा बजट है तब आप एरोप्लेन के माध्यम से कम समय में मंदिर पहुँच सकते हैं। एरोप्लेन की मदद से मंदिर पहुँचने के लिए सबसे पहले आपको काजी नजरूल इस्लाम एयरपोर्ट की फ्लाइट टिकट बुक करवानी होगी, एअरपोर्ट पहुँचने के बाद आप यहाँ से टेक्सी बुक करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं, जानकारी के लिए बताना चाहेंगे, काजी नजरूल इस्लाम एयरपोर्ट से मंदिर की दुरी लगभग 50 किलोमीटर है।

यह भी पढ़ें: त्रिस्रोता भ्रामरी शक्ति पीठ (Tristrota Bhramari Shakti Peeth) का रहस्य और एक अनोखी कहानी

FAQS: Jogadya Shakti Peeth Temple

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) कहा पर स्थित है?
क्षीरग्राम, पश्चिम बंगाल (भारत)

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) की प्रमुखता क्या है?
मंदिर के पास तालाब में ही माता सती के दाएं पैर का अंगूठा गिरा था।

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) के प्रमुख त्यौहार कौन से हैं?
नवरात्री, काली पूजा, दुर्गा पूजा

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) से नजदीकी रेलवे स्टेशन कौन सा है?
कटवा रेलवे स्टेशन (मंदिर की दुरी 40 किलोमीटर)

जोगाद्या शक्ति पीठ मंदिर (Jogadya Shakti Peeth Temple) घुमने का अच्छा मौसम कब होता है?
सितम्बर और अक्टूबर।

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