है विश्वनाथ बाबा सबसे बड़ा प्रतापी
उसका ही बनारस है उसका ही ज्ञानवापी …..,
है विश्वनाथ बाबा सबसे बड़ा प्रतापी
उसका ही बनारस है उसका ही ज्ञानवापी
उसका ही ज्ञानवापी
हम उसका कर्ज साँस ये दे कर चुकाएंगे
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
हम भोले के भगत है भगदड़ मिजाज वाले
मस्ती में है मगन हम दुनिया से है निराले
हम भोले के भगत है भगदड़ मिजाज वाले
मस्ती में है मगन हम दुनिया से है निराले
हम काशी विश्वनाथ से वादा निभाएंगे
बाबा..
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
आयी भगवे की लहर है मंदिर है सजने वाला
कैलाशी आये काशी डमरू है बजने वाला
आयी भगवे की लहर है मंदिर है सजने वाला
कैलाशी आये काशी डमरू है बजने वाला
बस उसके सामने ही अपना सर झुकायेंगे…
भोले
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
नंदी की प्रतीक्षा का फल इसे दिलाएंगे
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
हम काशी विश्वनाथ से वादा निभाएंगे
मंदिर जहा था फिर वही मंदिर बनाएंगे
Share this content: