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गुरु पूर्णिमा 2024 : आख़िरकार क्यों मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा | Guru Purnima 2024 Kab Hai

Guru Purnima 2024 : गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार महर्षि वेदव्यास जी का प्रतीक है। चारों वेदों की रचना करने वालें वेदव्यास जी का जन्म गुरु पूर्णिमा के दिन ही हुआ था, इस सुखमय अवसर पर गुरु पूर्णिमा का प्रसार पुरे हिन्दू धर्म में हुआ है। इस त्यौहार को भारत के साथ भूटान, नेपाल, जैसे देशो में जैन और बौद्ध धर्म के लोग बड़ी ही धूमधाम से मानतें हैं। यह त्यौहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्यादातर अषाढ़ की पूर्णिमा या जुलाई के महीने में मनाया जाता है। इस पर्व के अवसर पर महात्मा गाँधी जी ने अपने अपने गुरु श्रीमद राजचंद्र सम्मान हेतु उनका स्मरण किया था, जोकि उनकी जीवन का सबसे प्रमुख हिस्सा थे। इस पर्व को दिल से करने वालें व्यक्तियों के मन से सभी बुराइयाँ ख़त्म हो जाती हैं और धीरे धीरे अच्छाइयों का प्रकाश फैलने लगता है। इस आर्टिकल के माध्यम से आज आप गुरु पूर्णिमा 2024 से जुडी सभी महत्वपूर्ण बातों के बारें में जानेंगे और साथ ही इस पर्व से जुडी रहस्यमयी कथा को पढेंगे।

Table of Contents

गुरु पूर्णिमा कब है? ( गुरु पूर्णिमा मुहूर्त)

ज्योतिषाचार्य के अनुसार गुरु पूर्णिमा के लिए वर्ष 2024 का शुभ मुहूर्त बताया जा चूका है। इस समय के दौरान वेदव्यास जी की पूजा अर्चना करने से घर में शुभ लाभ की प्राप्ति होगी। ज्योतिषाचार्य के अनुसार गुरु पूणिमा की शुरुवात 20 जुलाई 2024 वाले दिन से होगी, जोकि 21 जुलाई 2024 की दोपहर तक रहेगी।

  • प्रारंभ समय : 20 जुलाई 2024, शाम को 5:59 मिनट से
  • अंतिम समय : 21 जुलाई 2024, दोपहर 3:46 मिनट तक

गुरु पूर्णिमा के विषय में कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

भविष्य में गुरु पूर्णिमा10 जुलाई 2025, 29 जुलाई 2026, 18 जुलाई 2027, 6 जुलाई 2028
वार्षिक समयवर्ष में 1 बार
महिनाजुलाई
समय सीमा1 दिन
आरम्भ समयआषाढ़ शुक्ल की पूर्णिमा वाले दिन
समाप्ति समयआषाढ़ शुक्ल की पूर्णिमा वाले दिन ही
प्रमुख कारणमहर्षि वेदव्यास का जन्म अवसर
त्यौहार विधिपूजन, भगवत गीता स्मरण, दान पुन्य
त्यौहार की प्रमुख जगहेंगुरुद्वारा, आश्रम, नेपाल के प्रमुख जगह
बीते गयी गुरु पूर्णिमा की तारीख3 जुलाई 2023, 13 जुलाई 2022, 24 जुलाई 2021

गुरु पूर्णिमा मनाने के पीछे क्या कारण है (गुरु पूर्णिमा का महत्व)

गुरु पूर्णिमा भारत का एक प्रचलित त्यौहार है, जिसके बारें में अनेकों विचारधाराए दी जाती हैं। एक पुरानी मानता के अनुसार वेदव्यास का जन्म गुरु पूर्णिमा के दिन हुआ था, जिस कारण से गुरु पूर्णिमा वाले दिन उनकी पूजा की जाती है। यहाँ पर गुरु पूर्णिमा के कुछ महत्वो का जिक्र किया गया है जिसे आप नीचे पढ़ सकतें है।

  • गुरु पूर्णिमा के दिन परिवार के बड़ो से आशीर्वाद लेना चाहिए, इससे आशीर्वाद की प्राप्ति होती है और मन में सकरात्मक ऊर्जा का जन्म होता है।
  • इस दिन अपने गुरुजनों से आशीर्वाद लेने से मन में उठने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
  • गुरु पूर्णिमा वाले दिन वेदव्यास जी की पूजा अर्चना करने से आपके ज्ञान में बढ़ोतरी मिलती है।
  • इस दिन गुरुजन को उपहार देने से आने वाले समय में खुद का कल्याण होता है।
  • गुरु पूर्णिमा के दिन जो कोई व्यक्ति सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसके जीवन में अज्ञानता का अँधेरा ख़त्म हो जाता है।
  • इस दिन भगवत गीता का जाप करने से किसी भटकते हुए व्यक्ति को सही पथ की प्राप्ति होती है।
  • गुरु पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा अर्चना करने से घर की आर्थिक सम्बंधित समस्याए ख़त्म हो जाती है।
  • इस त्यौहार को परम्परागत तरीके से मनाने पर, जीवन में आगे बढ़ने से आपको कोई नहीं रोक सकता।
  • इस प्रमुख अवसर पर बेसहारा लोगों की मदद करने से खुद का कल्याण होता है।

गुरु पूर्णिमा की कथा

गुरु पूर्णिमा का त्यौहार वेदव्यास जी से जुड़ा है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से आपके साथ वेदव्यास जी से जुडी कथा का जिक्र करने वालें है और साथ ही इनसे जुड़े कुछ रहस्यों को आपके साथ शेयर करेंग। चलिए इस कथा के बारें में चर्चा करतें है।

हिन्दू धर्म के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। वेदव्यास जी ने भगान विष्णु जी के अंश के रूप धरती पर जन्म लिया था। उनके पिता का नाम पराशर था, जोकि एक ऋषि थे, और उनकी माता सत्यवती थीं। वेदव्यास जी अध्यात्मिक चीजो में विश्वास रखते थें, जिस कारण वह भगवान के दर्शन करना चाहते थे, उन्होंने अपने माता पिता से वन में जाकर तपस्या करने की इच्छा जाहिर की। लेकिन उनके माता अपने पुत्र को खुद से अलग नहीं करना चाहती थीं, जिस कारण वेदव्यास जी को वन में जाने से मना कर दिया गया।

इस परिस्थिति के बावजूद भी वेदव्यास ने अपनी इच्छा को मनवाने के लिए अपनी माता से हठ की, परिणामस्वरूप उनकी माता इसके लिए मान तो गयी लेकिन, उनके अनुसार एक शर्त थी कि जब भी उनके पुत्र को घर की याद आए, वह बिना किसी चिंतन के घर वापस लौट आयेंगे। वेदव्यास जी अपने माता की इस बात को सहमती देते हुए, वन की तरफ प्रस्थान कर गए। वन में जाकर उन्होंने कठोर तपस्या की।

कठोर तपस्या के पश्चात उन्होंने संस्कृत जैसी प्राचीन भाषा में महारथ हासिल की। भाषा का ज्ञान होने के बाद उन्होंने प्रचलित चार वेदों की रचना की। इसके साथ ही उन्होंने ब्रम्हास्त्र, महभारत, जैसे ग्रंथो की रचना की। इसके साथ ही उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु जी ने अमरता का वरदान दिया था। हिन्दू धर्म के ग्रंथों के अनुसार महर्षि जी आज भी दुनिया में हमारे बिच मौजूद है। इसी वजह गुरु पूर्णिमा के दिन उनकी याद में पूजा अर्चना की जाती है, और इस त्यौहार को ह्रदय सहित हर्षो-उलास के साथ मनाया जाता है।

गुरु पूर्णिमा पूजा सामग्री:

गुरु पूर्णिमा के दिन मुख्य रूप से जनक वेदव्यास जी की पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन प्राचीन मान्यता के अनुसार इस पूजन में, जगत पालनहार विष्णु जी और लक्ष्मी जी को भी पूजा जाता है। इन सभी देवताओं की पूजा के लिए पहले से ही कुछ ख़ास पूजन सामग्री का प्रबंध कर लेना चाहिए, ताकि पूजा के समय यह सभी सामग्रियां आसानी से प्राप्त हो जाएँ। इसके साथ ही कुछ अन्य चीजों को भी एकत्रित कर लेना चाहिए जोकि गुरु पूर्णिमा को शुभ बनाती है, क्या है वह सभी चीजें? जानने के लिए आगे पढ़ें-

पूजन सामग्री

  • पान का पत्ते
  • पिली कलर के मिष्ठान
  • नारियल के गोले
  • ताजे पुष्प
  • इलाइची
  • आम के पत्ते
  • कपूर
  • धुप बत्ती
  • लौंग
  • कलश मंडल
  • गुड
  • शहद
  • तिलक
  • वेदव्यास जी की प्रतिमा
  • विष्णु और लक्ष्मी जी की प्रतिमा

कुछ अन्य वस्तुएं

  • गुरु प्रुनिमा के दिन लाफिंग बुद्धा की छोटी मूर्ति घर में लानी चाहिए, इस मूर्ति को लाने की ख़ास वजह यह है कि पूजन के बाद आपके घर में सुख, समृधि और खुशहाली बनी रहती है।
  • इस दिन घर में भगवत गीता जैसी पुस्तक को जरुर लाना चाहिए, इसके पाठन से विचलित मन, नकारत्मक सोच, और मानसिक तनाव का नास होता है।
  • इस दिन घर में श्री यंत्र लायें, इसकी मदद से आपके घर में धन सम्बंधित सभी परेशानिया ख़त्म हो जाती हैं।
  • कौड़ी एक प्रकार की वस्तु होती है, इसे घर पर जरुर लायें, जोकि लक्ष्मी जी के चरणों में अर्पित की जाती है। पूजन के बाद इसे लाल वस्त्र में बंद करके तिजोरी में रखना चाहिए, इससे घर में धन की कमी नहीं होती।
  • घर में शंख लेकर आयें, शंक की ध्वनी से घर में होने वाली नकारत्मक ऊर्जा का नास होता है और सकारात्मक ऊर्जा वाश करती हैं।

यह भी पढ़ें: जाने वाराणसी के स्वर्वेद महामंदिर की खासियत

गुरु पूर्णिमा पूजन विधि:

गुरु पूर्णिमा के दिन सभी पूजन सामग्री के साथ ही पूजन विधि को पूरा करना चाहिए। गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि बेहद ही आसन है। अगर आप इस पूजन विधि से अनजान हैं या आप पहली बार गुरु पूर्णिमा की पूजा अर्चना करने जा रहें हैं तब आपको चिंतित होने की जरुरत नहीं, क्यूंकि आज आप हमारे आर्टिकल के माध्यम से गुरु पूर्णिमा पूजन की पूरी विधि सीखेंगे, जिसकी मदद से आप अपनी पूजा अर्चना अच्छे से संपन्न कर सकेंगे। पूरी विधि जानने के लिए आगे पढ़ें-

  • इस दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्वच्छ जल के साथ स्नान करे।
  • इसके पश्चात घर में मौजूद वेदव्यास और विष्णु जी की मूर्ति को स्नान करा के मंदिर वाली जगह पर विराजित करें।
  • मूर्ति के पास जल से भरा कलश रखें और उसके उपर आम के पत्ते रखकर उपर से नारियल रख दें।
  • अब वेदव्यास और भगवन विष्णु जी की मूर्ति के आगे घी के दीप जलाकर रखें और मन में प्रार्थना करें।
  • भगवान् के पास धुप बत्ती, और कपूर जलाकर रखें, इसके साथ ही भगवान् को पीले रंग के मिष्ठान का भोग लगायें।
  • इसके पश्चात वेदव्यास जी के लिए निर्मित श्लोकों का पाठ करें।
  • गुरु पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ को कमंडल से भरा जल अर्पित करें और उसके पास घी के दिए जला कर रखें।
  • पीपल के पेड़ के पास हाथ जोड़ते हुए भगवान् का ध्यान करें।
  • इस दिन पूजी जाने वाली मूर्ति पर तिलक लगाये और खुद के माथे पर भी यह तिलक लगा लें।
  • इस दिन घर के आस पास मौजूद मंदिर में जाए वहां पूजा अर्चना करें, इसके साथ मंदिर के पास मौजूद लोगो को पीले रंग की वस्तुओ (गुड, शहद, बूंदी) और लाल रंग के वस्त्रों का दान करें।
  • गुरु पूर्णिमा के दिन भगवत गीता का पाठ करना चाहिए।
  • पूजा संपन्न होने के बाद घर में अपनों से बड़ो के पैर छुकर आशीर्वाद लें।
  • इस दिन किसी कार्य के सिखने हेतु प्रारंभ करना शुभ माना जाता है।

गुरु पूर्णिमा श्लोक:

गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा अर्चना करते समय किन मन्त्रों का जाप करना चाहिए? यह सवाल बहुत ही सामान्य है और हर कोई इसके बारे में जानना भी चाहता है। अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहतें है तो आप सही जगह है, इस आर्टिकल के माध्यम से आप उन 5 मन्त्रों के बारें में जानेंगे जोकि गुरु पूर्णिमा के दिन ध्यान किए जा सकतें है। मन्त्रों को जानने के लिए आगे पढ़ें।

  1. गुरुब्रम्हा गुरुविष्णु गुरुदेवो महेश्वर: । गुरुरसाक्षात् परमब्र्म्हा तस्मै श्री गुरवे नमः।।
  2. ओम गुरुभ्यों नमः
  3. ओम गु गुरुभ्यो नमः
  4. ओम परम्त्वाय नारायण गुरुभ्यो नमः
  5. ओम वेदाही गुरु देवाय विहमे परम गुरुवे धीमहि तनोऊ गुरु प्रचोदयात।

गुरु पूर्णिमा के दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

गुरु पूर्णिमा का त्यौहार एक विद्यार्थी के लिए आदर्शवाद माना जाता है। लेकिन शायद आपको यह ना पता हो कि इस दिन हमें कुछ ख़ास बातों का ध्यान देना चाहिए, जिसकी मदद से आप इच्छानुसार फल की प्राप्ति कर सकतें हैं। अगर आप भी उन सभी खास बातों को जानना चाहतें है तो नीचे बताई बातों को ध्यान से पढ़ें।

किस्मत ख़राब होने पर गुरु पूर्णिमा पर करें यह काम

अगर आपके व्यवसाय में किसी प्रकार की दिक्कत हो रही है या आप अपनी लाइफ में किसी बातों से परेशान है तब आपको गुरु पूर्णिमा के दिन पीले रंग के अनाजों और मिष्ठान का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी परेशानियों का हल हो जाता है।

विद्यार्थी सफलता प्राप्त करने के लिए करें यह उपाय

अगर किसी विद्यार्थी का मन पढाई में नहीं लगता, तब वह गीता जैसे पुस्तक का स्मरण कर सकतें है। इसके अलवा वह गौ माता की पूजा पर ध्यान दें, ऐसा करने से विद्यार्थियों का मन एकाग्र रहता है और वह अपनी शिक्षा के छेत्र में आगे बढ़ जातें हैं।

कुंडली में है गुरु दोष तो इस बात का रखें ध्यान

अगर किस व्यक्ति के कुंडली में गुरु दोष है, तब उस व्यक्ति को गुरु पूर्णिमा के दिन ऊँ ब्रह ब्रेह्स्पतये नमः का जाप 11, 21, 51, या 108 बार इच्छानुसार करना चाहिए। इससे गुरु दोष समाप्त हो जाता है।

बिगड़े हुए कार्यों को ठीक करने के लिए इस बात का दें ध्यान

अगर आपकी लाइफ में ऐसा होता है की आपके बनते बनते काम बिगड़ जातें है आप इस समस्या से काफी समय से परेशान हैं तब आपको गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के आगे घी का दिया जलाकर अपने मन की बात कहनी चाहिए, और प्राथना करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके हर बिगड़ते काम बनाने लागतें हैं।

बेसहारा लोगो की मदद का रखें ख़ास ध्यान

गुरु पूर्णिमा वाले दिन बेसहारा और अपंग लोगों को दान-पुन्य करना चाहिए, ऐसा करने से आपकी आने वाली पीढ़ियों का कल्याण होता है।

FAQS: Guru Purnima 2024

गुरु पूर्णिमा वाले दिन हमें क्या करना चाहिए?

गुरु पूर्णिमा वाले दिन वेदव्यास जी की आराधना करना चाहिए और घर में बड़ो के पैर छुकर आशीर्वाद लेना चाहिए।

क्या गुरु पूर्णिमा और शिक्षक दिवस एक पर्व हैं?

जी नहीं, गुरु पूर्णिमा वेदव्यास जी को समर्पित है, जबकि शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है।

गुरु पूर्णिमा के दिन क्या-क्या दान करना चाहिए?

गुरु पूर्णिमा वाले दिन लाल रंग के वस्त्रों का दान करना चाहिए, इसके साथ ही पीले रंग के मिष्टान, गुड, शहद, जैसे चीजों का दान करना चाहिए।

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