रविवार, अगस्त 3, 2025
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गुह्येश्वरी शक्ति पीठ (Guhyeshwari Shakti Peeth) मंदिर में दी जाती है जानवरों की बलि, यहाँ पर जानिए मंदिर का इतिहास, रहस्य और मंदिर की पूरी जानकारी

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ (Guhyeshwari Shakti Peeth) 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के अनुसार यह एक धार्मिक स्थल है, जहाँ पर माता सती के घुटने गिरे थे। मंदिर की प्रमुख देवी के नाम बारे में एक विशेषता है जिसके अनुसार, गुह्येश्वरी दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला गुह्य जिसका वास्तविक अर्थ गुप्त और दूसरा इश्वरी जिसका अर्थ देवी है। गुह्येश्वरी शक्ति पीठ (Guhyeshwari Shakti Peeth) के पास ही पशुपतिनाथ मंदिर स्थापित है, एक मान्यता के अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर से पहले गुह्येश्वरी देवी के दर्शन को प्राथमिकता दी जाती है। गुह्येश्वरी शक्ति पीठ (Guhyeshwari Shakti Peeth) में आध्यात्मिक नारी शक्तियों का वास है इसलिए महिलाओं को जीवन में एक बार इस मंदिर के दर्शन जरुर करने चाहिए। मंदिर से जुड़े अनेकों रहस्य और मंदिर की पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़ें।

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गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर का इतिहास | Guhyeshwari Shakti Peeth History in Hindi

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) की स्थापना लगभग 2500 वर्ष पुरानी है। हिन्दू पुराण के अनुसार, माता सती के दोनों घुटने यहाँ पर गिरे थे जिसके सैकड़ो साल बाद यहाँ पर प्राचीन मंदिर को स्थापित किया गया था। वर्तमान गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) का निर्माण 17वी शताब्दी में हुआ था।

इससे पहले मंदिर का निर्माण राजा शंकर देव के शासन काल में एक तांत्रिक नरसिंह ठाकुर ने करवाया था। इसके बाद 1654 में तांत्रिक लंबकर्ण भट्ट द्वारा मंदिर का नवीनीकरण किया गया। बाद में होने वाले राजा राणा बहादुर द्वारा मंदिर में अन्य वाद्ययत्रों को प्रस्तुत किया गया। राजा ने मंदिर में सोने और चांदी की मूर्तियाँ स्थापित करवाई थीं।

17 शताब्दी के शुरुवात में राजा प्रताप मल्ल ने मंदिर को खूबसूरती में और ज्यादा सुधार करवाया, इनके बाद कांतिपुर के नौवें राजा ने मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया था। मंदिर का निर्माण पैगोड़ा शैली के अनुसार किया गया था।

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गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर की वास्तुकला | Guhyeshwari Shakti Peeth Architecture

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) मंदिर में एक मंजिला संरचना को नेपाली शैली का रूप दिया गया है। मंदिर का निर्माण ईटों और महंगे पत्थरों से किया गया है। मंदिर के अन्दर स्थापित मूर्तियों को नक्काशियों और अदभुत कलाकारियों के साथ सुसज्जित किया गया है। मंदिर के मुख्य हिस्से में दरवाजे को सुन्दर लकड़ियों के साथ निर्मित किया गया है, इन दरवाजों पर पीतल के प्लेट और हैंडल लगे हुए हैं जोकि दरवाजे की सुन्दर कलाकारी को प्रस्तुत करते हैं।

मंदिर में एक प्रांगण है जोकि चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। मंदिर के अन्दर ही एक मुख्य स्थान पर माता गुह्येश्वरी को विराजित किया गया है। माता की मूर्ति को काले पत्थरों द्वारा निर्मित किया गया है, मूर्ति को रत्नों तथा आभूषण से सजाया गया है, इसके साथ ही मूर्ति को फूल और माला से सुसज्जित किया गया है। मंदिर में अन्य देवताओं की मूर्तियों को भी स्थापित किया गया है।

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ की महत्पूर्ण जानकारियां

मंदिर का नामगुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth)
प्रमुख देवतादेवी गुह्येश्वरी (माता सती)
मंदिर की जगहकाठमांडू, नेपाल
मंदिर की भाषाहिंदी, नेपाली
वर्तमान मंदिर निर्माण काल17वीं शताब्दी
वर्तमान मंदिर निर्माणकर्ताराजा प्रताप मल्ल
मंदिर की प्रमुखतामंदिर के पास मंदिर के घुटने गिरे थे
मंदिर सम्बंधित धर्महिन्दू
मंदिर के प्रमुख त्यौहारदुर्गा अष्टमी, नवरात्री, शिवरात्रि, दशहरा
मंदिर खुलने का समयप्रातः काल 5 बजे

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर के रहस्य | Guhyeshwari Shakti Peeth Facts in Hindi

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ माता गुह्येश्वरी को समर्पित है। हिन्दू धर्म में स्थापित अन्य धार्मिक स्थलों की तरह ही इस मंदिर के साथ भी अनेकों रहस्य जुड़े है। कहा जाता है कि मंदिर के ऊपर इसकी सुन्दरता को बढाने के लिए कई बार छत का निर्माण करवाया गया लेकिन पूर्ण रूप से कभी छत नहीं बन पाई, आखिर में मंदिर के ऊपर एक छोटी छत्र के आकर की संरचना बनवाई गई, जोकि काफी अदभुत है। मंदिर से जुड़े अन्य रहस्यों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।

  • एक पौराणिक घटना के अनुसार मंदिर के पास माता सती के घुटने गिरे थे, इसके बाद वहीं पर गुह्येश्वरी शक्ति पीठ को स्थापित कर दिया गया।
  • गुह्येश्वरी शक्ति पीठ (Guhyeshwari Shakti Peeth) पशुपतिनाथ मंदिर के पास ही स्थित है, एक मान्यता के अनुसार माता के मंदिर में दर्शन के बाद ही पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करना चाहिए।
  • गुह्येश्वरी शक्ति पीठ(Guhyeshwari Shakti Peeth) , देवी गुह्येश्वरी को समर्पित है, जिन्हें माँ कालिका अथार्त माता काली का रूप माना जाता है।
  • एक पौराणिक मान्यता के अनुसार देवी गुह्येश्वरी रात के समय मंदिर से गायब हो जाती हैं और फिर प्रातःकाल प्रथम आरती के दौरान वह पुनः मंदिर में वास करती हैं।
  • गुह्येश्वरी शक्ति पीठ (Guhyeshwari Shakti Peeth) तांत्रिक शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है, एक मान्यता के अनुसार जो भी तांत्रिक आध्यात्मिक ज्ञान और तंत्र विद्या अर्जित करना चाहता है, उन्हें मंदिर में होने वाले तांत्रिक अनुष्ठान में पूजा आरधना करने से लक्ष्य की प्राप्ति होती है।
  • एक पौराणिक मान्यता के अनुसार देवी गुह्येश्वरी के मंदिर में पूजा करने से आध्यत्मिक जागृति, बुरी शक्तियों से सुरक्षा और सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
  • मंदिर के पास ही एक जलकुंड स्थापित है इसमें स्नान करने से मन, शरीर, और आत्मा की शुद्धि होती है।
  • गुह्येश्वरी शक्ति पीठ (Guhyeshwari Shakti Peeth) में प्रमुख देवी को महामाया और भगवान शिव को कपाल रूप में पूजा जाता है।
  • गुह्येश्वरी शक्ति पीठ (Guhyeshwari Shakti Peeth) के गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में हिन्दू के अलावा अन्य धर्म के लोग प्रवेश नहीं कर सकते।
  • गुह्येश्वरी शक्ति पीठ के पास ही एक विशाल श्लेष्मान्तक वन मौजूद था, मंदिर के नजदीक होने के कारण इसे दर्शन योग्य बनाया गया, आज यह वन काफी प्रचलित है।

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर के अनुष्ठान और त्यौहार | Guhyeshwari Shakti Peeth Festival Detail in Hindi

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) पूजा पाठ के लिए एक धार्मिक स्थल है, इसी वजह से यहाँ पर विशेष पूजा और त्यौहार की मान्यताएं है। यहाँ मंदिर में होने वाले पर्व के दौरान भक्तों की भारी भीड़ एकत्रित होती है। इस आर्टिकल के माध्यम से उन सभी पर्वो के बारे में चर्चा करेंगे, जिन त्योहारों को मंदिर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। चलिए इन त्योहारों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नवरात्रि महाउत्सव

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) में सबसे बड़ा पर्व नवरात्रि उत्सव है, जोकि साल में दो बार आयोजित किया जाता है। पहला नवरात्रि अप्रैल/ मई और दूसरा नवरात्रि सितम्बर/ अक्टूबर में पड़ता है। इस पर्वों के दौरान मंदिर में रहने वाले पुजारी नौं दिनों का उपवास रखते हैं और इन दिनों माता गुह्येश्वरी की पूजा आराधना की जाती है। नवरात्री के अगले दिन अथार्त दशवीं के दिन विजयादशमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

शिवरात्री महोत्सव

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) में एक अन्य त्यौहार शिवरात्री है, यह त्यौहार मंदिर में फ़रवरी या मार्च के महीने में मनाया जाता है। इस त्यौहार के दौरान एक विशेष प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, जिसमे भक्तगण भगवान शिव के लिए व्रत रखते हैं और उनकी पूजा आराधना करते हैं। इस दिन मंदिर के चारो तरफ दीपों की रोशनी की जाती है जिसकी वजह से मंदिर रात के अंधेरे में रोशनी के उजियाले से जगमगा उठता है।

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) में विशेष पर्वों के साथ हर दिन पूजा आरधना की जाती है। जिसमे दैनिक पूजा, अभिषेकम (मूर्ति रूपी देवताओं को स्नान करवाना), सुबह की आरती, दोपहर की आरती, और शाम की आरती शामिल हैं।

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर में सप्तमी से होते हैं विशेष आयोजन

मंदिर में स्थित प्रमुख पुजारी द्वारा बताया जाता है कि नवरात्रि के शुभ अवसर पर मंदिर में भारी संख्या में तांत्रिक पूजा के लिए एकत्रित होते हैं। सभी तांत्रिक मिलकर सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, और एकादशी के शुभ मुहूर्त पर पूजा आराधना करते हैं। मंदिर में सप्तमी वाले दिन से ही पुजारियों द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिसके अंतर्गत निम्नलिखित पूजन प्रक्रिया आयोजित जाती हैं।

  • सप्तमी वाले दिन मंदिर के सभी पुरोहित अपना मुंडन करवाते हैं इसके उपरान्त मंदिर में माता की पूजा आराधना की जाती है।
  • अगले दिन अष्टमी के अवसर पर मंदिर में बलि दी जाती है और रातभर अनुष्ठान किया जाता है।
  • इससे अगले दिन नवमी पर मंदिर में कुमारी पूजा आयोजित की जाती है।
  • दशमी के दिन पुजारी मंदिर में और अपने घरों में नृत्य पूजा करवाते हैं।
  • अगले दिन एकादशी पर बकरे और बत्तख की बलि दी जाती है।
  • एकादशी के शुभ मुहूर्त पर देवी को शाकाहारी भोजन का भोग लगाया जाता है।

45 पुजारी पूरे मंदिर में रहते है कार्यरत

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) एक विशाल संरचना से परिपूर्ण है। इसके साथ ही मंदिर में रहने वाले अनेकों पूजारी मंदिर की देख रेख के साथ मंदिर के अन्य कार्यों में अग्रसर रहते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आप पुजारियों की कार्य व्यवस्था के बारे में जानेंगे।

  • मंदिर में प्रमुख 27 पुरोहित, हर महीने शुक्लपक्ष अष्टमी और चतुर्थी, पूर्णिमा, के दिन मंदिर की पूजनीय देवी को पंच पर्व का भोग लगाते हैं इस भोग में देवी को शुद्ध शाकाहारी प्रसाद चढ़ाया जाता है।
  • मंदिर में अन्य 9 पुरोहित, पूरे मंदिर की देखभाल का कार्यभार सँभालते हैं।
  • बाकी बचे 9 पुरोहित, मंदिर में दी जाने वाली जानवरों की बलि का कार्य देखते हैं।

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गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे | How To Reach Guhyeshwari Shakti Peeth

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) बागमती नदी के दूसरी तरफ पशुपतिनाथ मंदिर के पास स्थित है। पशुपतिनाथ मंदिर से गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर की दुरी लगभग 1 किलोमीटर है। एक मान्यता के अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन से पहले गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर के दर्शन करना जरुरी है अगर आप भी गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) जाने के बारे में सोच रहे हैं तब आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई जहाज की मदद से मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं। अगर आप इन तीनो मार्गों से मंदिर कभी नहीं गए हैं या फिर आप इन रास्तों के बारे में नहीं जानते, तब आप रास्तों का विवरण आर्टिकल में आगे पढ़ सकते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth)कैसे पहुंचे

अगर आप मंदिर जाने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग करना चाहते हैं तब, जानकारी के लिए बताना चाहेंगे मंदिर के पास अन्य राज्यों के राज्यमार्ग जुड़े हैं जिसकी मदद से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। सड़क मार्ग से आने के लिए आप बस की मदद से मंदिर के निकटतम बस स्टैंड गुह्येश्वरी तक आ सकते हैं, यहाँ से मंदिर थोड़ी दूरी पर स्थित है जहाँ से पैदल चलकर मंदिर पहुंचा जा सकता है।

रेलमार्ग द्वारा गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) कैसे पहुंचे

अगर आप ट्रेन के माध्यम से मंदिर जाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको रक्सौल जंक्सन रेलवे स्टेशन तक आना होगा, यहाँ से मंदिर की दूरी लगभग 144 किलोमीटर है, जिसकी वजह से मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको टैक्सी बुक करनी पड़ेगी, टैक्सी की मदद से आप मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं।।

एरोप्लेन से गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) कैसे पहुंचे

जिन लोगों के पास टाइम की कमी है और मंदिर ट्रेवल के लिए अच्छा बजट है तब वह एरोप्लेन के माध्यम से मंदिर कम समय में पहुँच सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको अपने शहर से त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट की फ्लाइट टिकट बुक करनी होगी। एअरपोर्ट पर पहुँचने के बाद आप यहाँ से मंदिर के लिए ऑटो या टैक्सी बुक कर सकते हैं, एअरपोर्ट से मंदिर की दुरी लगभग 5 किलोमीटर है।

FAQ

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth)का उत्तम दर्शन समय कब होता है?
नवरात्री और शिवरात्रि में माता गुह्येश्वरी के दर्शन करना शुभ माना जाता है।

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) कौनसी जगह पर स्थित है?
काठमांडू, नेपाल ।

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) किस बात के लिए प्रसिद्ध है?
दैविक घटना के अनुसार यहाँ पर माता सती के दोनों घुटने गिरे थे।

गुह्येश्वरी शक्ति पीठ मंदिर (Guhyeshwari Shakti Peeth) के प्रमुख अनुष्ठान कौन से हैं?
दशईं, गुह्येश्वरी मेला , गुह्येश्वरी यात्रा, दुर्गा अष्टमी, नवरात्रि, महाशिवरात्रि।

क्या विभिन्न धर्म के लोग मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं?
जी नहीं, हिन्दू धर्म के अलवा अन्य धर्म के लोगों को मंदिर में प्रवेश के लिए मनाही है, इसके साथ ही मंदिर में फोटोग्राफी के लिए अनुमति नहीं है।

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