ना शबरी सी मेरी भक्ति, फिर भी आस लगाई
हरने नैनों की तृष्णा, आओ इक दिन रघुराई
चरण धूली से मेरा आंगन, चारो धाम बन जाए
जन्मों से सोए थे जो ,भाग्य मेरे जग जाए
ना जाने उंगली पे गिन गिन, कितनी रैन बिताई
हरने नैनों की तृष्णा, आओ इक दिन रघुराई
हरने नैनों की तृष्णा, आ भी जाओ रघुराई
दीन दयाल बिरीदू संभारी
हरहु नाथ मम संकट भारी
पद रज से अहिल्या तारी
भव से केवट नैया उतारी
शबरी हो गई धन्य तिहारी
पाके दर्शन अवध बिहारी
दीन दयाल बिरीदू संभारी
हरहु नाथ मम संकट भारी
मेरी बगिया की फूल कलियाँ , प्रभू की बाट निहार रही
नयनों की ये असुवन धारा, रामा राम पुकार रही
राहों में ये पुष्प बिछेंगे, जब राघव आगमन करेंगे
असुवन गंगा नीर बनेंगे, जब पावन चरणों पे गिरेंगें
मेरी कुटीया होगी रोशन
पाके प्रभू आपके दर्शन
हो कृतार्थ मेरा ये जीवन
आन पधारो दशरथ नंदन
राह तुम्हारे हे रघुवर मैं, बैठी पलकें बिछाई
हरने नैनों की तृष्णा, आओ इक दिन रघुराई
करूणा करदो करूणा सागर, तुम बिन कौन हमारा जी
मैं दीन तुम दीन दयालु, दे दो अपना सहारा जी
कौशल्या दशरथ के नंदन
तुलसी दास की तुम रामायण
मुझे बैठालो अपने चरणन
विनती सुनलो मेरी भगवन
भक्तों के सदा तुम हितकारी
मैं हूं राघव दासी तिहारी
दीन दयाल बिरिदू संभारी
हरहु नाथ मम संकट भारी
थक गई अखियां अब ये मेरी, किरपा करदो गोसाई
हरने नयनों की तृष्णा आ भी जाओ रघुराई
हरने नैनों की तृष्णा, आओ इक दिन रघुराई
हरने नयनों की तृष्णा आ भी जाओ रघुराई
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम
श्री राम जय राम जय जय राम
ओम् राम रामाय नमः
ओम् राम रामाय नमः
ओम् राम रामाय नमः
ओम् राम रामाय नमः
ओम् राम रामाय नमः
ओम् राम रामाय नमः
ओम् राम रामाय नमः
स्रोत : यूट्यूब\
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