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सत्यनारायण कथा के है चमत्कारी फायदे, पूजा विधि और सामग्री लिस्ट | Satyanarayan Katha Mahtva Puja Vidhi in Hindi

Satyanarayan Katha Mahatva In Hindi : सत्यनारायण कथा : सत्य का स्वरूप भगवान विष्णु की कथा ही सत्यनारायण कथा हैं। सत्यनारायण शब्द का अर्थ हैं विष्णु ही सत्य है बाकी सब दुनिया की मोह माया है। भगवान विष्णु को उनके कई नामों से जाना जाता है उनमे से ही एक नाम सत्यनारायण है। सत्यनारायण कथा का आयोजन, दो भागो में देखा जा सकता है व्रत और कथा। सत्यनारायण कथा में कुल 170 श्लोक हैं जोकि पूर्ण रूप से संस्कृत भाषा में उपलब्ध हैं। इन सभी को पांच भागों में विभाजित किया गया है, कथा वाले दिन इसी श्लोकों का उचारण किया जाता है। इन सभी श्लोकों के अनुसार जो सत्य का पालन नहीं करते उनके जीवन में अनेकों समस्याएँ उत्त्पन्न होती हैं। सत्यनारायण की कथा से जीवन में अनेकों चमत्कारी लाभ मिलतें है, आज इस आर्टिकल के माध्यम से आप सत्यनारायण कथा का महत्व, पूजा विधि, और पूजन सामग्री के बारें में विस्तार से जानेंगे।

Table of Contents

सत्यनारायण की कथा कब करनी चाहिए?

सत्यनारायण कथा के लिए किसी ज्योतिषाचार्य या पंडित से सलाह लेना उचित होता है। एक सही समय का चुनाव करके पूजा संपन्न कराना शुभ माना जाता है। अगर आप पंडित से सलाह लेने में असमर्थ है और इस विषय में, इन्टरनेट पर जानकारी ढूंढ रहें है, तब आपकी जानकारी लिए बताना चाहेंगे आने वाली 26 दिसम्बर 2023 का दिन सत्यनारायण की कथा के लिए शुभ मुहूर्त है। आप 27 दिसम्बर 2023 की सुबह तक यह कथा करवा सकतें है। जानकारी के लिए आपको बताना चाहेंगे, सत्यनारायण कथा को किसी भी महीने की पूर्णमासी के दिन सुभारम्भ किया जा सकता है।

कथा का प्रारंभ समय प्रातः काल 5:46 मिनट (26 दिसम्बर 2023 से लेकर)

कथा का अंतिम समय प्रातः काल 6:02 मिनट (27 दिसम्बर 2023 से लेकर)

सत्यनारायण कथा सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

सत्यनारायण कथा का भविष्य में शुभ दिन26 दिसंबर 2023 (प्रातः काल 5:46 मिनट)
आवृति समयमहीने में एक बार
हिंदी कैलेंडर के हिसाब से समयपूर्णिमा के अवसर पर
पूजनीय भगवानभगवान विष्णु
पूजा विधिव्रत, कथा, भण्डारण, दान-पुण्य
प्रसाद वस्तुपंजीरी, फल, मिष्ठान
धार्मिकहिन्दू धर्म
उद्देश्यघर की सुख शांति, दुखों से मुक्ति, इच्छानुसार फल प्राप्ति।

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सत्यनारायण कथा का महत्व

भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से अनेको लाभ मिलते हैं। हिन्दू धर्म के लोगो ने इस पूजा के माध्यम से अपने घरों में धन और सुख-शांति को प्राप्त किया है। इस पूजा के अनुसार भगवान विष्णु अपने भक्तों के हर कष्टों का निवारण करतें हैं। अगर आप इस पूजा के माध्यम से प्राप्त होने वालें लाभ के बारें में जानना चाहते हैं तो हमारे द्वारा बताये गए, इन महत्व को जरुर पढ़ें।

  • सत्यनारायण जी की आरती करने से मन की सभी इच्छाएं पूरी होतीं हैं।
  • जीवन में लछित सभी कामों में सफलता मिलती है।
  • सत्यनारायण जी की कथा करने वाले लोगो के जीवन से शारीरिक और मानसिक विकार दूर हो जातें हैं।
  • इस कथा को सुनने वालों के जीवन में सुख और समृधि वाश करती है।
  • घर में कथा करने से विवाहित जीवन में आने वाली हर परेशानियां दूर हो जाती हैं।
  • सत्यनारायण जी की कथा सुनने से घर में धन की कमी नहीं रहती।
  • सत्यनारायण जी की कथा करवाने से जीवन में आने वाले सभी संकट टल जातें हैं।
  • इस कथा से जीवन में होने वाली व्यवसाय सम्बंधित समस्यांए दूर हो जाती हैं।
  • घर परिवार के सदस्यो का कल्याण होता है।
  • अगर घर में नकारत्मक ऊर्जा मौजूद है, तब इन सभी का नाश हो जाता है और सकारत्मक ऊर्जा का वाश होता है।
  • बीते जीवन की सभी गलतियां और पाप ख़त्म हो जातें हैं।

सत्यनारायण की कथा का रहस्य

सत्यनारायण कथा पांच भागों में विस्तृत है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से सत्यनारायण कथा के पहले भाग को विस्तार से जानेंगे।

प्राचीन समय की बात है, 88 हजार ऋषियों ने सूतजी से पूछा,

हे प्रभु। इस कलयुग में मनुष्यों को सत्य की भक्ति कैसे मिल सकती है? मनुष्यों का उद्धार कैसे हो सकता है?

क्या आप कोई ऐसा तप बता सकतें है? जिसकी मदद से मनुष्य अपनी मन की इच्छा के अनुसार फल की प्राप्ति कर सके?

इसके जवाब में सूत जी ने सभी ऋषियों को सत्यनारायण कथा का पाठ सुनाया था जोकि हिंदी में कुछ इस प्रकार था।

देवकाल में एक बार श्री नारद जी, पुरे ब्रम्हांड का विहार कर रहे थे, तभी वह मृत्यु लोक में जा पहुंचते हैं। वहां पर उन्होंने देखा की हर मनुष्य अपने कर्मो के हिसाब से दुःख सह रहा है।

यह देख कर नारद जी के मन में करुणा की भावना जागृत हुई। नारद जी सब कुछ देखकर मनुष्यों के हित के बारें में सोचने लगे। ऐसा सोचते हुए वह विष्णु लोक में जा पहुचें। जहाँ पर भगवान विष्णु माता लक्ष्मी जी के साथ विश्राम कर रहे थे।

वहां पहुचकर नारद जी ने भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रणाम किया और उनसे अपने मन की बात को दुःख के भाव सहित कहने की चेष्ठा करने लगे।

तब भगवान विष्णु ने नारद जी से पूछा-

हे। देवऋषि नारद

आप इतना चिंतित क्यूँ दिखाई पडतें हैं? क्या आपके मन में किसी प्रकार का सवाल है? आप अपने मन की बात हमसे निसंकोच होकर कहें।

भगवान के आग्रह करने पर नारद मुनि ने उनसे अपनी मन की बात बताते हुए पूछा-

हे भगवन। मैं मृत्युलोक में रह रहे मनुष्यों के हाल को देखकर अत्यंत चिंतिंत हूँ। वहां पर हर मनुष्य अपने कर्मों की पीड़ा से व्याकुल है। प्रभु क्या इनकी दुखों से मुक्ति का कोई उपाय नहीं है?

तब भगवान विष्णु ने इस समस्या को सुनते हुए नारद जी से कहा-

हे देव ऋषि नारद, आपने मनुष्य के हित के लिए यह अत्यंत प्रिय बात पूछी है। इस पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए संसार में एकमात्र उपाय है श्री सत्यनारायण की कथा। जो मनुष्य इस कथा दिल से करेगा उसके जीवन के सभी पाप, और बुराइयाँ पलभर में ही दूर हो जायेंगी।

नारद जी ने भगवान की बात सुनकर इस कथा के बारे में सब कुछ जानने की इच्छा जताई।

तब भगवान विष्णु जी ने बताया-

हे नारद, यह व्रत मनुष्यों के सभी दुखो को दूर करता है, हर मनुष्यों के लक्षित कार्यों में सफलता प्रदान करता है।

इस कथा को हमेंशा किसी विशिष्ट ब्राम्हण के साथ करना चाहिए। इस पूजा के लिए केले का फल, घी, दूध, गेहूं का आटा लेना लें, और शहद तथा गुड के साथ मिलाकर भगवान को भोग लगायें। इसके पश्चात ब्राम्हणों को भोज्य करना कराएं।

मनुष्यों को इस दिन सच्चे मन से व्रत करना चाहिए और अपनी इच्छाओं को सच्चे मन में रखकर भगवान् से प्रार्थना करने पर उनकी सभी मनोकामनाए पूरी होंगी।

“कलयुग के प्राणियों के लिए मोक्ष पाने का यही एकमात्र तरीका है।”

इस कथा के उपरान्त संसार में सत्यनारायण जी की कथा विख्यात हो गयी और हर मनुष्य अपने घर में सत्यनारायण जी की पूजा अर्चना करने लगे।

सत्यनारायण पूजा सामग्री लिस्ट

सत्यनारायण जी की पूजा करने से पहले घर में कुछ आवश्यक सामग्रियों का होना जरूरी है। अगर आपके मन में यह सवाल है कि सत्यनारायण जी की पूजा करते समय कौनकौन से सामान लगते हैं? तो आपकी दुविधा का समाधान करते हुए, हम यहाँ पर कथा सम्बंधित सामग्रियों को मात्रा के अनुसार बताने वालें हैं। इस लिस्ट की मदद से आप सभी जरूरतमंद सामग्रियों को आसानी से खरीद सकतें है। चलिए इन सामग्री के बारे में जानते हैं।

आवश्यक सामग्रीसामग्री की मात्रा
केले का पत्ता2, या 4
पान के पत्ते7 पत्ते
आम के पत्ते11 पत्ते
आम की लकड़ी2 किलो
सुपारी11 दाने
लौंग10 ग्राम तक
इलाइची10 ग्राम तक
धुपबत्ती, अगरबत्ती1 पैकेट ले सकतें हैं
मिट्टी का दिया1 दिया (बड़ा साइज़)
रुईएक छोटा गुल
काला तिल250 ग्राम तक
कपूर11 टिक्की तक
रोली1 पैकेट तक
मोली1 गोली
जनेऊ7 जनेऊ
कच्चा दूध100 ग्राम तक
दही100 ग्राम तक
घी1 किलो
शहद250 ग्राम तक
शक्कर250 ग्राम तक
साबुत चावल के दाने1 किलो 250 ग्राम तक
फुल माला5 माला
गुंधा आटाजितना प्रसाद बनाना चाहतें है (लोगो के हिसाब से)
दोने1 पैकेट तक
बूंदी, मिस्ठानजितना प्रसाद बनाना चाहतें है (लोगो के हिसाब से)
दक्षिणा सामग्रीजितना दान आप दें सके
पीले वस्त्रसवा मीटर तक

सत्यनारायण पूजा विधि

हिन्दू धर्म के अनुसार सत्यनरायण जी की पूजा करना, घर और परिवार दोनों के लिए शुभ माना जाता है। किसी विशेष दिन के अवसर पर सुबह और शाम दोनों समय में पूजा की जा सकती है। लेकिनं जो लोग पहली बार अपने घरों में पूजा करवाने जा रहें हैं उनको शायद सत्यनारायण पूजा कैसे करतें हैं? इसका पूरा ज्ञान नहीं होता। ऐसे में हम इस आर्टिकल के माध्यम से सत्यनारायण जी की पूजा विधि के बारे में चर्चा करने वाले हैं, जानने के लिए आगे पढ़ें।

  • सबसे पहले कथा वाले दिन प्रातः काल उठकर जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
  • स्नान के पश्चात खुद को स्वच्छ करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
  • इसके बाद पूजा की जगह को साफ कर लें।
  • सत्यनारायण जी की मूर्ति को जल और स्वच्छ कपड़े से साफ करके पूजा के स्थल पर विराजित करें।
  • इसके बाद सत्यनारायण जी की मूर्ति के पास केले के पत्ते को बांधे।
  • अब सत्यनारायण जी की मूर्ति के पास जल से भरा कलश रखें और देसी घी के दीपक जलाकर भगवान के सामने रखें।
  • इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, चीनी को मिलाकर सत्यनारायण जी का प्रसाद बना लें और फिर इसका सत्यनारायण जी को भोग लगाएं।
  • इसके बाद गूंधे हुए आटे के साथ शक्कर मिलकर सत्यनारायण जी को चढ़ावा लगाएं।
  • सभी चढ़ावे के प्रसाद में तुलसी की पत्ती मिलने से शुभ माना जाता है।
  • इसके बाद सत्यनारायण जी की मूर्ति के पास हाथ जोड़कर कथा का जाप करें।
  • अगर आपके घर में किसी पंडित द्वारा कथा का कहलवाई जा रही है, तो हाथ जोड़कर कथा को पूरा सुने।
  • कथा के संपन्न होने के बाद कपूर जलाकर सत्यनारायण को अर्घ्य दें।
  • इसके बाद प्रसाद को परिवार में तथा पास पड़ोस के लोगों में बांटे।

सत्यनारायण जी की कथा वाले दिन पास-पड़ोस और रिश्तेदारों को भोज के लिए आमंत्रित किया जा सकता हैं। इस दिन बेसहारा लोगों को दान-पुण्य करने से खुद का कल्याण होता है।

सत्यनारायण पूजा वाले दिन इन बातों का रखें ध्यान

सत्यनारायण पूजा के लाभ के बारे में आप अच्छी तरह जान चुके होंगे, साथ ही आपने पूजा की विधि भी जान ली, लेकिन क्या आप यह जानते है सत्यनारायण जी की पूजा के दिन हमें कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना चाहिए। सत्यनारायण पूजा पर हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? क्या आपके मन भी यह सवाल उठते हैं? अगर हाँ तो, आज हम यहाँ उन सभी बातों को आपके साथ शेयर करने वालें है जोकि इस कथा के दिन ध्यान देना बहुत जरुरी है तभी आप इच्छानुसार फल की प्राप्ति कर पायेंगे। क्या हैं वह सभी बातें? जानने के लिए आगे पढ़ें।

इस दिन कथा सुनने वालें व्यक्ति को तन और मन से स्वच्छ रहना चाहिए।

सत्यनारायणजी की कथा के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को गंगा जल के साथ ही स्नान करना चाहिए इससे तन और मन पूर्ण रूप से स्वच्छ हो जाता है, ऐसा करने से भगवान विष्णु जी प्रसन्न होतें हैं।

घर की स्वछता पर विशेष रूप से ध्यान दें

कथा वाले दिन (प्रातः काल) घर की साफ़ सफाई अच्छे से कर लेनी चाहिए, ऐसा करने से भगवान विष्णु घर में वाश करतें हैं, और इस तरह से पूजा पूर्ण रूप से संपन्न हो पाती है।

पड़ोस, भिछुक, और ब्राम्हणों को दान पुन्य करना चाहिए

इस कथा के दिन ब्राह्मणों और आस पास सभी लोगों को दान पुण्य करने से आने वालें जीवन में खुद का कल्याण होता है।

इस कथा के शुभ अवसर पर घर में किसी सदयों को अपशब्द ना कहें

इस कथा के अवसर पर घर में किसी सदस्य से बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से भगवान विष्णु जी नाराज होतें है और उस घर में दुबारा कभी वाश नहीं करते।

सच्चे दिल और मन से कथा सुनें

जो भक्त इस कथा के दिन अपना मन और दिल पूजा के प्रति समर्पित रखता है उसके लिए भगवान हर समय उपलब्ध रहतें है और उनके साथ हमेशा भगवान सत्यनारायण जी का आशीर्वाद बना रहता है।

कथा के दिन आहार में प्रसाद का ही सेवन करें

सत्यनारायण कथा करवाने पर घर में किसी तरह के मॉस या मछली नहीं बनानी चाहिए, इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को आहार के रूप में प्रसाद का ही सेवन करना चाहिए।

FAQ: Satyanarayan Katha Mahatva In Hindi

सत्यनारायण पूजा का सही समय कब होता है?

सत्यनारायण की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त किसी भी महीने की पूर्णमासी के प्रातः काल को माना जाता है।

सत्यनारायण पूजा के दिन क्या खा सकतें हैं?

इस पूजा के दिन पंचामृत (दूध, शहद, गुंधे आंटे, घी, फल ) से बना प्रसाद का सेवन किया जा सकता है।

घर में सत्यनारायण पूजा कराने से क्या होता है?

सत्यनारायण पूजा से घर में शुख शांति का वाश होता है और खुद, और परिवार से जुडी हर समस्याओं का निदान होता है।

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