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2024 में देखने के लिये गुजरात के 10 सुप्रसिद्ध मंदिर | 10 Most Famous Temple in Gujarat in Hindi

Most Famous Temple in Gujarat : गुजरात भारत के पश्चिम में स्थित देश के प्रमुख राज्यों में से एक है। गुजरात का ही स्थापत्य चमत्कारों का घर है, जो अपनी जीवन, संस्कृति, समृद्ध विरासत, प्राकृतिक परिदृश्य और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ साथ धार्मिक स्थल और प्रसिद्ध मंदिर के लिए भी जाना जाता है। गुजरात के प्रसिद्ध मंदिर केवल भक्ति के स्थान नहीं है बल्कि वास्तु चमत्कार है जो पिछले समय में राज्य की भव्यता को प्रस्तुत करते हैं। यदि आप अपनी फैमिली या फ्रेंड्स के साथ घूमने के लिए गुजरात के प्रमुख धार्मिक स्थल को सर्च कर रहे हैं तो आप ये पोस्ट में लिखें गए गुजरात के प्रसिद्ध मंदिरों (most famous temple in Gujarat) की यात्रा कर सकते हैं, जो भक्तों के साथ साथ देश विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। तो चलिए इस आज हम गुजरात के प्रसिद्ध मंदिर (famous temple) और तीर्थ स्थल के बारे में डिटेल में जानते हैं, जिन्होंने अपनी स्थापत्य शैली और मान्यताओं के कारण पूरे देश में प्रसिद्धि हासिल की है।

1. अक्षर धाम मंदिर गांधीनगर – Akshardham Temple Gandhinagar in Hindi

अक्षरधाम मंदिर, गुजरात के प्रमुख तीर्थ स्थल में से एक है, जहाँ हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। जैसे बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा बनाया गया था। आपको जानकार हैरानी हो सकती है। इस मंदिर का निर्माण पूरा होने में 13 साल लग गए थे और 30 अक्टूबर 1992 को इसका उद्घाटन किया गया। अक्षर धाम मंदिर 23 एकड़ के परिसर में स्थित है जिसका निर्माण लगभग 1000 कुशल श्रमिकों द्वारा राजस्थान के 6000 मिट्रिक टन गुलाबी बलुआ पत्थर से किया गया है। जब भी आप यहाँ आएँगे तो भगवान स्वामीनारायण के साथ साथ हिंदू देवी देवताओं की 200 मूर्तियों को भी देख सकेंगे जो अपने आप एक अद्वितीय है। इतना ही नहीं मंदिर की सुंदर पारंपरिक संरचना भी शिल्प कौशल के सबसे प्रसिद्ध उदाहरणों में से एक है। मंदिर न काशीदास तंबू से लेकर दीवारों पर वेदों के शिलालेख हो तक अपनी आभा, सुंदरता और महत्त्व उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है।


अक्षर धाम मंदिर की जानकारी

विशेषताविवरण
स्थानगुजरात
निर्माणश्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था
मुख्य देवताभगवान स्वामीनारायण
निर्माण सामग्रीगुलाबी संगमरमर, सफेद संगमरमर, बलुआ पत्थर
कुल क्षेत्रफल100 एकड़
निर्माण लागत₹1000 करोड़
उद्घाटन6 नवंबर 2005
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डदुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर परिसर

2. सोमनाथ मंदिर वेरावल – Somnath Temple Veraval in Hindi | Famous Temple in Gujarat

सोमनाथ मंदिर गुजरात के पश्चिमी तट पर सौराष्ट्र में वेरावल बंदरगाह के पास प्रभास पाटन में स्थित सोमनाथ मंदिर गुजरात के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। भगवान शिव जी को समर्पित यह मंदिर भारत में स्थापित भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिङ्ग मंदिरों में से पहला ज्योतिर्लिंगों माना जाता है। जिसका कारण इस मंदिर ने गुजरात और भारत के साथ साथ पूरे विश्व में प्रसिद्धि हासिल की है। माना जाता है इस प्राचीन मंदिर को उस समय महमूद गजनवी समेत विभिन्न मुस्लिम आक्रमणकारियों और पुर्तगलियों द्वारा कई बार लूटा गया और ध्वस्त किया गया था। वर्तमान की सात मंजिला मंदिर की स्थापना वर्ष 1950 में सरदार वल्लभ भाई पटेल के रखरखाव से हुई थी जिसका निर्माण चालुक्य शैली में किया गया है और इसका प्रबंधन श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। प्रसिद्ध हिंदू वास्तुकला के कारण सोमनाथ मंदिर को गुजरात के सबसे भव्य मंदिर में से एक माना जाता है। इसीलिये सोमनाथ मंदिर को most famous temple माना जाता है।

सोमनाथ मंदिर की जानकारी

विशेषताविवरण
स्थानवेरावल, गुजरात, भारत
निर्माणवल्लभी शासकों, प्रतिहार शासकों, कुमारपाल, सरदार वल्लभ भाई पटेल
मुख्य देवताभगवान शिव
निर्माण सामग्रीसंगमरमर, लाल पत्थर, ग्रेनाइट
कुल क्षेत्रफल25 एकड़
निर्माण लागत₹10 करोड़ (वर्तमान मूल्य)
उद्घाटन1 दिसंबर 1995

3. द्वारकाधीश मंदिर – Dwarkadhish Temple in Hindi | Famous Temple in Gujarat

द्वारकाधीश मंदिर द्वारका द्वारकाधीश मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है जैसे जगत मंदिर और त्रिलोक सुन्दर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर को गुजरात के प्राचीन मंदिर के रूप में भी जाना जाता है जो 2500 साल से अधिक पुराना है जबकि मंदिर की मौजूदा संरचना पंद्रहवीं और सोलहवीं के आसपास बनाई गई थी। गोमती नदी और अरब सागर के संगम पर स्थित द्वारकाधीश मंदिर बलुआ पत्थर में निर्मित पांच मंजिल संरचना है जिसमें सात स्तंभ है और आश्चर्यजनक अद्भुत कलाकृतिया है। मंदिर के मुख्य द्वार को मोक्ष द्वार के रूप में जाना जाता है। दूसरी ओर दक्षिण द्वार को स्वर्ण द्वार के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर हिंदू धर्म में प्रश्न से चारधाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसका कारण हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान द्वारकाधीश के दर्शन के लिए यहाँ आते हैं। इसीलिए जो भी श्रद्धालु और पर्यटक गुजरात के प्रमुख धार्मिक स्थल सर्च कर रहे हैं उन्हें गुजरात के प्रसिद्ध मंदिर द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन के लिए जरूर जाना चाहिए।

द्वारकाधीश मंदिर की जानकारी

विशेषताविवरण
स्थानद्वारका, गुजरात, भारत
निर्माणवज्रनाभ, मौर्य राजवंश, गुप्त राजवंश, चालुक्य राजवंश, सौराष्ट्र राजवंश, गुजरात के अडवाणी राजवंश, वल्लभाचार्य
मुख्य देवताभगवान कृष्ण
निर्माण सामग्रीचूना पत्थर, संगमरमर
कुल क्षेत्रफल30 एकड़
निर्माण लागत₹100 करोड़ (वर्तमान मूल्य)
उद्घाटन15वीं शताब्दी

4. दांता अम्बाजी मंदिर – Danta Ambaji Temple in Hindi

दांता अम्बाजी मंदिर गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित दांता अम्बाजी मंदिर दुर्गा माता का प्रसिद्ध मंदिर है। अम्बाजी मंदिर भारत देश के प्राचीन मंदिर में से एक है जो लगभग 1200 साल पुराना है। मंदिर की खास बात यह है और है कि इस मंदिर के जीर्णोद्धार का काम 1975 से शुरू हुआ और तब से लेकर आज तक मंदिर के जीर्णोद्धार का काम जारी है। माँ भवानी के 51 शक्तिपीठों में से एक इस मंदिर के प्रति माँ के भक्तों में अपार श्रद्धा हैं। कहा जाता है कि यहाँ माँ सती का हृदय गिरा था, जिसका उल्लेख तंत्र चूड़ामणि में भी मिलता है। जानकर हैरत होगी कि इस मंदिर के गृभगृह में माँ की कोई प्रतिमा नहीं है बल्कि यहाँ माँ के पवित्र श्रीयंत्र की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। यह मंदिर शक्ति के उपासकों के लिए भारत की सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है जहाँ प्रतिवर्ष देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।

दांता अम्बाजी मंदिर की जानकारी

विशेषताविवरण
स्थानअरासुर, गुजरात, भारत
निर्माणचौथी शताब्दी
मुख्य देवतामाता अम्बाजी
निर्माण सामग्रीसंगमरमर
कुल क्षेत्रफल20 एकड़
निर्माण लागत₹50 करोड़ (वर्तमान मूल्य)
उद्घाटन1976

5. सूर्य मंदिर मोढेरा – Sun Temple Modhera in Hindi

सूर्य मंदिर मोढेरा में पुष्पावती नदी के तट पर स्थित सूर्यमंदिर गुजरात के प्रमुख मंदिर में से एक है। इस मंदिर को इस तरह से बनाया गया है कि सूर्योदय और सूर्यास्त की किरणें सीधी सूर्य की मूर्ति पर पड़ती है, जिससे वजह है इस मंदिर को गुजरात में सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिर में स्थान प्राप्त है। भगवान सूर्यदेव को समर्पित इस मंदिर की स्थापना 11 वीं शताब्दी में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव ने की थी, जो गुजरात के प्राचीन मंदिर में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। बता दें, इस मंदिर में सूर्य कुंड, सभामंडप और बुरा मंडप जैसे तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है। यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित भी स्मारक है। मंदिर दीवारों पर हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां साथ साथ विभिन्न आकृतियों और उत्कृष्ट नक्काशी दास तंबू से सुसज्जित है, जो इसे श्रद्धालु पर्यटकों और कला प्रेमियों सभी के घूमने के लिए गुजरात के प्रमुख धार्मिक स्थल में से एक बनाता है।

सूर्य मंदिर मोढेरा की जानकारी

विशेषताविवरण
स्थानमोढेरा, मेहसाना, गुजरात, भारत
निर्माणसोलंकी वंश, राजा भीमदेव प्रथम
मुख्य देवतासूर्य देव
निर्माण सामग्रीबलुआ पत्थर, संगमरमर
कुल क्षेत्रफल32 एकड़
निर्माण लागत₹2 करोड़ (वर्तमान मूल्य)
उद्घाटन1026

6. कालिका माता मंदिर चंपानेर पावागढ़ – Kalika Mata Temple Champaner Pavagadh in Hindi

कालिका माता मंदिर चंपानेर पावागढ़ में यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल के पास स्थित कालिका माता मंदिर गुजरात के सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिर में से एक है। भारत में स्थापित 52 शक्तिपीठों में से एक कालिका माता का ये पहाड़ी मंदिर हिंदू देवी माँ काली को समर्पित है जिन्हें महान काली माता के नाम से भी जाना जाता है। जो श्रद्धालु और पर्यटक अपनी यात्रा के लिए गुजरात के फेमस टेम्पल सको सर्च कर रहे हैं वो कालिका माता मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। यह मंदिर जंगलों के बीच एक पहाड़ी पर स्थित है, इसीलिए मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का लंबा सफर तय करना पड़ता है। जैसे ही आप मंदिर में प्रवेश करते हैं तो सबसे पहले आपको मंदिर के तीनों प्रमुख देवताओं के दर्शन प्राप्त होते हैं और उन सभी मूर्तियों के बीचोबीच कालिका माता की मूर्ति स्थापित है। साथ श्री शत्रुंजय मंदिर, पाली थाना में शत्रुंजय में स्थित श्री शत्रुंजय मंदिर जैन समुदाय के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है जैसे गुजरात के प्रमुख धार्मिक स्थल में भी शामिल किया गया है।

कालिका माता मंदिर की जानकारी

विशेषताविवरण
स्थानपावागढ़ पर्वत, गुजरात, भारत
निर्माण10वीं-11वीं शताब्दी
मुख्य देवतादेवी महाकाली
निर्माण सामग्रीबलुआ पत्थर
कुल क्षेत्रफल1.5 एकड़
निर्माण लागत1.5 एकड़
उद्घाटनअज्ञात

7. भड़केश्वर महादेव मंदिर द्वारका Bhadkeshwar Mahadev Temple Dwarka in Hindi

भड़केश्वर महादेव मंदिर द्वारका, गुजरात में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर समुद्र के बीच एक छोटे से द्वीप पर स्थित है। मंदिर में भगवान शिव का एक स्वयंभू शिवलिंग है। मंदिर का निर्माण लगभग 5000 साल पहले हुआ था। मंदिर का सबसे प्रसिद्ध त्योहार महाशिवरात्रि है। महाशिवरात्रि के दिन मंदिर में एक विशाल मेला लगता है। मेले में लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं।

भड़केश्वर महादेव मंदिर की जानकारी

विशेषताविवरण
स्थानद्वारका, गुजरात
प्रकारहिंदू मंदिर
देवताभगवान शिव
निर्माणलगभग 5000 साल पहले

8. श्री शत्रुंजय मंदिर, पलिताना – Shri Shatrunjaya Temples, Palitana in Hindi

त्रुंजय मंदिर, पलिताना गुजरात के भावनगर जिले में स्थित एक जैन मंदिर परिसर है। यह जैन धर्म के पांच सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। इस मंदिर परिसर में 863 मंदिर हैं, जिनमें से अधिकांश 11वीं से 15वीं शताब्दी के बीच बनाए गए थे। मंदिरों का निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है, और इनमें सुंदर नक्काशी और मूर्तिकला है। श्री शत्रुंजय मंदिर परिसर जैन धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। जैन धर्म के अनुयायी इस मंदिर परिसर की यात्रा को अपना कर्तव्य मानते हैं। मंदिर परिसर में भगवान आदिनाथ का एक पवित्र चरण भी है, जिसे जैन धर्म के अनुयायी बहुत पवित्र मानते हैं।

श्री शत्रुंजय मंदिर की जानकारी

विशेषताविवरण
स्थानभावनगर, गुजरात
प्रकारजैन मंदिर परिसर
देवताजैन धर्म के तीर्थंकरों
निर्माण11वीं से 15वीं शताब्दी
सामग्रीसफेद संगमरमर
विशेषताएँसुंदर नक्काशी और मूर्तिकला

9. सांदीपनि मंदिर पोरबंदर – Sandipani Temple Porbandar in Hindi

सांदीपनि मंदिर गुजरात के पोरबंदर शहर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के गुरु, महर्षि सांदीपनि को समर्पित है। सांदीपनि मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। हिंदू धर्म के अनुयायी इस मंदिर की यात्रा को अपना कर्तव्य मानते हैं। मंदिर में भगवान कृष्ण और महर्षि सांदीपनि की मूर्तियां बहुत ही सुंदर और आकर्षक हैं। मंदिर पोरबंदर के बीचोबीच स्थित है।

मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर में भगवान कृष्ण और महर्षि सांदीपनि की मूर्तियां हैं। सांदीपनि मंदिर एक खूबसूरत और आकर्षक मंदिर है। यह मंदिर पोरबंदर शहर के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है।

सांदीपनि मंदिर की जानकारी

विशेषताविवरण
स्थानपोरबंदर, गुजरात
प्रकारहिंदू मंदिर
देवतामहर्षि सांदीपनि
निर्माण19वीं शताब्दी
सामग्रीलाल बलुआ पत्थर
विशेषताएँसुंदर नक्काशी और मूर्तिकला

10. शामलाजी मंदिर अरावली – Shamlaji Temple Aravali in Hindi

शामलाजी मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। भगवान कृष्ण हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित होने के कारण यह मंदिर हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। मंदिर की संरचना तीन भागों में विभाजित है: गर्भगृह, सभामंडप और नंदी मंडप। गर्भगृह में भगवान कृष्ण की एक सुंदर मूर्ति स्थापित है। सभामंडप में अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। नंदी मंडप में नंदी की मूर्ति स्थापित है। मंदिर की बाहरी दीवारों पर सुंदर नक्काशी और मूर्तिकला है। नक्काशी में भगवान कृष्ण की लीलाओं और अन्य धार्मिक विषयों को दर्शाया गया है। मंदिर के भीतर भी कई सुंदर मूर्तियां हैं। शामलाजी मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन एक बड़ा मेला लगता है। इस मेले में देश भर से भक्तगण आते हैं। शामलाजी मंदिर एक महत्वपूर्ण पर्यटक आकर्षण भी है। मंदिर के पास कई अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं, जिनमें शामलाजी किला, शामलाजी गुफाएं और शामलाजी बावड़ी शामिल हैं।

शामलाजी मंदिर अरावली की जानकारी

विशेषताविवरण
स्थानअरावली पर्वतमाला, गुजरात
प्रकारहिंदू मंदिर
देवताभगवान कृष्ण
निर्माण10वीं शताब्दी
सामग्रीलाल बलुआ पत्थर
विशेषताएँसुंदर नक्काशी और मूर्तिकला

FAQS: Most Famous Temple in Gujarat

गुजरात में सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है?

गुजरात में सबसे बड़ा मंदिर अक्षरधाम मंदिर है, जो गांधीनगर में स्थित है।

गुजरात में कौन सा धाम है?

गुजरात में चार धाम हैं: सोमनाथ मंदिर, वेरावल, द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका, अंबाजी मंदिर, अरासुर तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ की जन्मस्थली, गिरनार पर्वत इनमें से सोमनाथ मंदिर और द्वारकाधीश मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से हैं।

गुजरात में कौनसे भगवान की पूजा की जाती है?

गुजरात में मुख्य रूप से हिंदू धर्म का पालन किया जाता है। इसलिए, गुजरात में हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इनमें भगवान शिव, भगवान विष्णु, देवी दुर्गा, देवी लक्ष्मी, भगवान कृष्ण, भगवान राम और अन्य देवी-देवता शामिल हैं।

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