हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे।।
हरे रामा हरे रामा, रामा रामा हरे हरे।
हरे रामा हरे रामा, रामा रामा हरे हरे।।
हो ………………….
हे गोपाल कृष्ण, करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति, मैं करूँ आरती तेरी।
हे गोपाल कृष्ण, करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति, मैं करूँ आरती तेरी।।
तुझपे कान्हा, बलि बलि जाऊं,
सांझ सवेरे, तेरे गुण गाउँ,
प्रेम में रंगी, मैं रंगी भक्ति में तेरी।
हे गोपाल कृष्णा, करूँ आरती तेरी,
हे प्रिया पति, मैं करूँ आरती तेरी।।
ये माटी का तन है तेरा,
मन और प्राण भी तेरे।
मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,
तुम हो भगवन मेरे।।
हो ………………….
ये माटी का तन है तेरा,
मन और प्राण भी तेरे।
मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,
तुम हो भगवन मेरे।।
कृष्ण, कृष्ण, कृष्ण रटे आत्मा मेरी।
हे गोपाल कृष्णा करूँ आरती तेरी।।
कान्हा तेरा रूप अनुपम,
मन को हरता जाये ।
मन ये चाहे हरपल अंखियां,
तेरा दर्शन पाये ।।
हो ………………….
कान्हा तेरा रूप अनुपम,
मन को हरता जाये ।
मन ये चाहे हरपल अंखियां,
तेरा दर्शन पाये ।।
दरस तेरा, प्रेम तेरा, आस है मेरी ।
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी ।।
तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं ।
सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ ।।
प्रेम में रंगी, मैं रंगी भक्ति में तेरी ।
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी ।
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी ।
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी ।।
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