शनिवार, जून 7, 2025
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जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) का इतिहास, वास्तुकला और अनसुनी बातें

जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) 51 शक्ति पीठ में से एक प्राचीन मंदिर है जोकि आज से 600 साल पुराना है। इतिहासकारों के अनुसार 16वीं शताब्दी में इस मंदिर का नवीनीकरण किया गया था। हिंदू धार्मिक ग्रंथो के अनुसार देवी घटना के दौरान यहां पर माता सती की बायीं जांघ गिरी थी, परिणामस्वरूप इस जयंती शक्ति पीठ मंदिर की स्थापना की गई थी। जयंती शक्ति पीठ मंदिर की ऐतिहासिक घटना और अनसुनी बातों लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

Table of Contents

जयंती शक्ति पीठ मंदिर का इतिहास | Jayanti Shakti Peeth Nartiang History in Hindi

पौराणिक इतिहास पर नजर डालें तो, कुछ प्रमाण के अनुसार जितिया के राजा जस मानक ने सन 1600 से 1641 के दौरान हिंदू कोच राजा नारायण की बेटी लक्ष्मी नारायण से विवाह किया था। एक मान्यता के अनुसार लक्ष्मी नारायण ने द्वारा जैंतिया घराने को हिन्दू धर्म अपनाने का आग्रह किया था।

लगभग 600 साल पहले धन माणिक ने जैतिया स्थान को जैतिया साम्राज्य की राजधानी बना लिया था। एक रात स्थानीय राजा के सपने में किसी देवी ने दर्शन दिए। देवी ने उस जगह की महत्वता को बताया और उसी पवित्र स्थान पर मंदिर स्थापित करने का सुझाव दिया, जिसके परिणामस्वरूप राजा ने जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) की स्थापना करवाई। मंदिर में मौजूद तोप और हथियार जैतिया राज घरानों की निशानी का प्रमाण देते हैं।

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जयंती शक्ति पीठ मंदिर की संरचना | Jayanti Shakti Peeth Nartiang Architecture

जयंती शक्ति पीठ मंदिर की स्थापना चौकोर अवस्था में की गई है। मंदिर के पास ही एक विश्राम स्थल की संरचना मौजूद है, जहाँ पर भक्तगण लम्बी यात्रा के दौरान यहाँ पर विश्राम करते हैं। मंदिर के चारो तरफ शान्ति का वातावरण देखा जा सकता है। मंदिर के मुख्य द्वारा पर बाहरी तरफ घंटियाँ देखी जा सकती हैं। मंदिर के अन्दर मुख्य देवी की मूर्ति स्थापित की गई है, जिन्हें जयंतेश्वरी देवी के रूप में जाना जाता है।

जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) की गुबंद को सोने के साथ तरासा गया है। मंदिर के चारों दिशाओं में प्रमुख गुफाएं मौजूद हैं, जिन्हें देवताओं का स्थल माना जाता है। मंदिर के पास मौजूद तीन गुफाओं में से एक गुफा में भगवान ब्रह्मा, विष्णु तथा अन्य ईश्वरी मूर्तियां देखी जा सकती है, इसके साथ ही मंदिर में एक गर्भगृह स्थित है जहां पर बलि समारोह आयोजित किया जाता है।

जयंती शक्ति पीठ मंदिर की महत्वपूर्ण जानकारियां

मंदिर का नामजयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang)
मंदिर की प्रमुख देवीदेवी जयंतेश्वरी
मंदिर की जगहमेघालय, भारत
मंदिर की भाषागारो, खासी, अग्रेजी
मंदिर की प्रमुखतादैविक घटना अनुसार मंदिर के पास ही देवी सती की जांग गिरी थी।
मंदिर का निर्माण काल600 साल पूर्व
मंदिर के प्रमुख त्यौहारनवरात्रि
मंदिर खुलने का समयप्रातः काल 5 बजे

जयंती शक्ति पीठ मंदिर का महत्व | Jayanti Shakti Peeth Nartiang Facts in Hindi

जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) देवी सती का एक प्रमुख मंदिर है, जहाँ पर देवी की बायीं जांघ का निपात हुआ था। मंदिर का माहौल शांत वातावरण का एक उदहारण है। मंदिर के बारे में अनेकों कहावते और रहस्य बताए जाते हैं, जिनके बारे में आज भी बहुत कम लोग जानते हैं। अगर आप भी जयंती शक्ति पीठ मंदिर की अनसुनी बातों से अज्ञात हैं, तो मंदिर से जुडी कुछ निम्नलिखित बातों को जरुर पढना चाहिए।

  • नर्तियांग दुर्गा मंदिर के पास ही दैविक घटना के अंतर्गत देवी की बायीं जांघ कटकर, यही पर गिरी थी जिसके परिणामस्वरूप यहाँ पर जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) की स्थापना की गई।
  • जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) की स्थापना आज से 600 साल पहले हुई थी, इस बात से हमें पता लगता है कि यह एक अति प्राचीनतम मंदिर है।
  • जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) में दुर्गा पूजा के दौरान देवी की विशेष पूजा की जाती है, इसके साथ में पूरे मंदिर को गेंदे के फूल के साथ सजाया जाता है और अन्य देवताओं को वस्त्र के साथ सुसज्जित किया जाता है।
  • जयंती देवी शक्ति पीठ मंदिर में स्थित मुख्य मूर्ति को सती जयंती तथा भगवान शिव को कर्म देशवर के रूप में जाना जाता है।
  • जयंती देवी शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) में विशेष पूजा के दौरान बलि देने की प्रथा आज भी सुनी जा सकती है।
  • जयंती देवी शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) में विशेष अनुष्ठानो पर बकरों और बत्तख की बलि दी जाती है।
  • जयंती देवी शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) एक देवी सती का एक पवित्र मंदिर हैं जहाँ पर दर्शन मात्र, भक्तगणों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
  • एक मान्यता के अनुसार, दुर्गा पूजा के दौरान केले के पत्र को देवी के पास रखा जाता है और उसकी पूजा अर्चना की जाती है।
  • जयंती देवी शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) के पास ही एक अद्भुत गार्डन देखा जा सकता है, जहाँ पर यात्री दर्शन के लिए जाते हैं।

जयंती शक्ति पीठ मंदिर में नवरात्री पूजा की प्रथा | Jayanti Shakti Peeth Nartiang Navratri Pooja

जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) में पूरे वर्ष के दौरान शरद ऋतु की नवरात्रि को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, क्योंकि नवरात्रि के शुभ अवसर को देवी जयंती की विभिन्न लीलाओं से जोड़ा जाता है। नवरात्रि के शुभ अवसर पर मंदिर को विधि विधान से सजाया जाता है। मंदिर में विराजित मूर्ति को केले के पत्ते तथा गेंद के फूल के साथ सुसज्जित किया जाता है।

नवरात्रि के छठे दिन से लेकर नौवे दिन तक मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और नवरात्रि के बाद मंदिर में मौजूद केले के पत्ते तथा गेंदे के फूल को मंदिर के पास स्थित मैदान नदी में विसर्जित कर दिया जाता है।

स्थानीय लोगों के अनुसार नवरात्रि के आरंभ में देवी की पूजा बंदूक के सेल्यूट से शुरू की जाती है। इसके अलावा मंदिर की प्राचीन प्रथा का जिक्र करें तो पहले मंदिर में मानव आत्मोउत्सर्जन की परंपरा होती थी, जोकि बाद ख़त्म कर दी गई थी। नवरात्रि के अष्टमी वाले दिन मंदिर में विशेष पूजाएं होती हैं, जिसमें बकरे तथा बत्तख की बलि भी दी जाती है।

जयंती शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे | How To Reach Jayanti Shakti Peeth Nartiang

अगर आप मेघालय में स्थित जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) का दर्शन करना चाहते हैं या फिर आप मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं तो आप मंदिर जाने के लिए सड़क मार्ग, रेल मार्ग और एरोप्लेन के माध्यम से मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप मंदिर जाने वाले रास्तों के बारे में कुछ भी नहीं जानते, तो हमारे द्वारा बताए गए यात्रा विवरण को जरूर पढ़ें। चलिए अब मंदिर तक जाने वाले रास्ते को विस्तार से जानते हैं।

सड़क मार्ग से जयंती शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

जो भक्तगण जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) के लिए सड़क मार्ग द्वारा जाना चाहते हैं तो उनके लिए यह यात्रा काफी सफल होने वाली है, क्योंकि यह मंदिर भारत में स्थित है और भारत के प्रत्येक राष्ट्रीय मार्ग मंदिर तक जाने वाल रास्तों से जुड़े हुए हैं, इसलिए बस या निजी वाहनों की मदद से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। अगर आप बस की मदद से मंदिर जाना चाहते हैं, तब आपको अपने शहर से मेघालय की तरफ जाने वाली बस के बारे में पता लगाना होगा। आप बस के माध्यम से मंदिर के नजदीक स्थित नर्तियांग बस स्टैंड तक पहुंच सकते हैं यहां से मंदिर की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है। इसके अलावा मंदिर के नजदीकी बस स्टैंड शिवलाल और शिलांग है जहां से मंदिर की दूरी लगभग 62 किलोमीटर है। बस स्टैंड से मंदिर तक जाने के लिए आप ऑटो या टेक्सी की मदद ली जा सकती हैं।

रेलमार्ग से जयंती शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

अगर आप अपने शहर से मंदिर तक का सफर तय करना चाहते हैं और आपके पास बजट कम है तब आप रेलमार्ग द्वारा मंदिर तक जा सकते हैं। मंदिर जाने के लिए सबसे पहले आपको मेघालय में मौजूद गुहावटी रेलवे स्टेशन की टिकट बुक करवानी होगी। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद, मंदिर जाने के लिए आपको 153 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। इसलिए आप रेलवे स्टेशन से टैक्सी या ऑटो बुक करके मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं।

एरोप्लेन के माध्यम से जयंती शक्ति पीठ मंदिर कैसे पहुंचे

जो भक्तगण मंदिर से अत्याधिक दूरी पर रहते हैं उनके लिए एरोप्लेन का सफर सबसे ज्यादा सुविधाजनक होगा, क्योंकि एरोप्लेन के माध्यम से बहुत ही कम समय में लंबी यात्रा को पूर्ण किया जा सकता है। अगर आप अपने शहर से एरोप्लेन के माध्यम से मंदिर तक जाना चाहते हैं, तब इसके लिए सबसे पहले आपको गुवाहाटी एयरपोर्ट की फ्लाइट टिकट बुक करवानी होगी। जानकारी के लिए बताना चाहेंगे, गुवाहाटी एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी लगभग 177 किलोमीटर है इसलिए आप एयरपोर्ट से टैक्सी या ऑटो की मदद से मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

जयंती शक्ति पीठ मंदिर के पास घुमने योग्य जगह | Best Traveling Place Nearest Jayanti Shakti Peeth Nartiang

अगर आप जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) के दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं, तब आपको मंदिर के आसपास स्तिथ पर्यटन स्थलों पर जरूर जाना चाहिए, क्योंकि यह सभी स्थल आकर्षण का केंद्र है। इसकी अद्भुत खूबसूरती को देखते हुए, यहां पर हर दिन अनेकों दर्शनार्थी घुमने के उद्देश्य से आते हैं। अगर आप मंदिर के पास स्थित सभी पर्यटन स्थलों से अज्ञात है तब आपको निम्नलिखित स्थलों के बारे में जरूर जानना चाहिए। चलिए अब मंदिर के नजदीक स्थित पर्यटन स्थल के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नृत्यांग मोनोलिथ

नृत्यांग मोनोलिथ प्राचीन इमारतों का स्थल है, जोकि जयंती मंदिर के कुछ दुरी पर स्थित है। एक कहावत के अनुसार माना जाता है, कि इस इमारतों का निर्माण मंदिर बनवाने वाले राजा की याद में किया गया हैं। यहाँ पर अनेकों शिलालेख चित्रकारियां देखी जा सकती है, जो प्राचीन राजा के बारे में बहुत कुछ प्रदर्शित करती हैं। अगर आप ऐतिहासिक धरोहर को देखना पसंद करते हैं तब आपको इस जगह पर जरूर जाना चाहिए।

नर्टियांग बाजार

यह बाजार मेघालय में स्थित प्रमुख बाजार है, इस बाजार के माध्यम से आप ढेर सारी जरूरतमंद चीजों को खरीद सकते हैं। यहां पर आप स्थानीय भोजन के रूप में विभिन्न खाद्य पदार्थों का स्वाद ले सकते हैं। इसके साथ यहां पर पारंपरिक शिल्पकारियों द्वारा निर्मित विभिन्न मूर्तियां और अन्य सामग्रियां खरीदी जा सकती हैं।

उमलावन गुफा

जयंती शक्ति पीठ मंदिर से 20 किलोमीटर की दूरी पर उमलावन गुफा मौजूद है, जोकी देखने में काफी अद्भुत है। यह गुफा चूना पत्थर द्वारा निर्मित की गई है। इस गुफा के अंदर आपको अद्भुत चित्रकारियां देखें देखने को मिल जाएंगी। वह पर्यटक जो गुफा में घूमना पसंद करते हैं उनके लिए यह बेस्ट प्लेस साबित हो सकता है

थाडलस्केइन झील

थाडलस्केइन झील को बोरघाट झील के नाम से भी जाना जाता है। यह झील जयंती शक्ति पीठ मंदिर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। अतः आप घूमने के लिए यहां पर भी जा सकते हैं।

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जयंती शक्ति पीठ मंदिर का दर्शन समय | Jayanti Shakti Peeth Nartiang Darshan Timing

जो भक्तगण जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) के दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें मंदिर में होने वाले शुभ कार्यक्रमों पर ही मंदिर जाना चाहिए, क्योंकि उस समय मंदिर के दर्शन करना काफी अच्छा माना जाता है। मंदिर में नवरात्रि का पर्व सबसे एक बड़ा पर्व माना जाता है, इस दौरान मंदिर में अनेकों भक्त आते जाते हैं, इसलिए आपको भी नवरात्रि के शुभ अवसर पर मंदिर के दर्शन करने जरूर जाना चाहिए।

जयंती शक्ति पीठ (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) सुबह 5:00 बजे खुल जाता है। मंदिर खुलने के बाद यहां पर सुबह की आरती तथा विभिन्न पूजाएं की जाती है। जो भक्त मंदिर में दर्शन के लिए जाना चाहते हैं, उनके लिए सुबह 6:00 से लेकर रात्रि 8:00 बजे तक का समय उपयुक्त माना जाता है।

FAQS: Jayanti Shakti Peeth

जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) कहाँ पर स्तिथ है?
जयंतिया हिल्स, मेघालय, (भारत)।

जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) की प्रमुख बात क्या है?
यहाँ पर माता सती की बायीं जांघ गिरी थी।

जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) कब बना था?
अभी तक स्पष्ट रूप से इस बात का पता नहीं चल पाया है, लेकिन अनुमान लगाया जाता है, यह मंदिर लगभग 600 साल पुराना है।

जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) में किसकी बलि दी जाती है?
बकरे और बत्तख की बलि।

जयंती शक्ति पीठ मंदिर (Jayanti Shakti Peeth Nartiang) में कौनसी भाषा बोली जाती है?
स्थानीय भाषा, इंग्लिश और हिंदी।

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